यूपी में परिवर्तनकारी युग लेकर आया योगी का शासनकाल : अमित शाह
60,244 पुलिसकर्मियों के नियुक्ति-पत्र वितरण में शामिल हुए केंद्रीय गृह मंत्री
लखनऊ, 15 जून (ब्यूरो)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में रविवार को लखनऊ के वृंदावन योजना, सेक्टर 18 स्थित डिफेंस एक्स्पो ग्राउंड में आयोजित एक भव्य समारोह में 60,244 नवनियुक्त पुलिस कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। अपने संबोधन में अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी और समावेशी भर्ती प्रक्रिया के लिए जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस ने न केवल भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और योग्यता आधारित बनाया, बल्कि हर जाति, जिले और तहसील के युवाओं को अवसर प्रदान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शाह ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि इन नियुक्तियों में न खर्च, न पर्ची, न सिफारिश और न ही जाति के आधार पर कोई भेदभाव हुआ, बल्कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और योग्यता के आधार पर सम्पन्न हुई।
अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा पुलिसबल है और आज 60,244 युवा इसके अभिन्न अंग बन रहे हैं। उन्होंने इस दिन को नवनियुक्त कार्मिकों के जीवन का सबसे शुभ दिन करार देते हुए कहा कि यह गौरव का क्षण है। शाह ने बताया कि इनमें 12 हजार से अधिक बेटियां भी शामिल हैं, जिनके चेहरों पर खुशी देखकर उन्हें अपार सुकून मिला। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आरक्षित पदों का शत-प्रतिशत लाभ उत्तर प्रदेश में सुनिश्चित किया गया है, जो योगी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। शाह ने उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद आए बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती रही थी, लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी पुलिस ने नई बुलंदियों को छूना शुरू किया। उन्होंने कहा कि योगी ने औद्योगिक विकास, शिक्षा, कानून व्यवस्था, बुनियादी ढांचा, बिजली और नल से जल जैसी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाकर एक परिवर्तनकारी युग की शुरुआत की है। शाह ने रेखांकित करते हुए कहा कि यूपी अब दंगों का गढ़ नहीं रहा, बल्कि दंगामुक्त हो चुका है, और गुंडों का फरमान अब नहीं चलता। उन्होंने नवनियुक्त कार्मिकों से इस परंपरा को और मजबूत करने का आह्वान किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग, जैसे कि कैमरे, कंट्रोल रूम, कमांड सेंटर, पीसीआर वैन और 150 से अधिक ऑन-व्हील फॉरेंसिक साइंस लैब वैन ने इस प्रक्रिया को और निष्पक्ष बनाया है। शाह ने दावा किया कि 60,244 युवाओं में से किसी को भी एक पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी, जो किसी भी शासन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया न केवल पारदर्शी थी, बल्कि इसमें हर वर्ग और क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया। अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पुलिसबल के आधुनिकीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता जैसे नए कानूनों के लागू होने से अगले पांच वर्षों में देश में ऐसी व्यवस्था बनेगी, जिसमें किसी भी एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का न्याय तीन साल के भीतर मिल सकेगा। इसके अलावा, सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स), आईसीजेएस (इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) और फॉरेंसिक साइंस जैसी तकनीकों ने पुलिस व्यवस्था को और मजबूत किया है।
अमित शाह ने अपने संबोधन में देश के आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं और 60 करोड़ लोगों को गैस सिलेंडर, शौचालय, नल से जल, मुफ्त इलाज और किसानों को आर्थिक सहायता जैसी योजनाओं का लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन आज यह चौथे स्थान पर है और 2027 तक यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 143 से अधिक शहरों में मेट्रो ट्रेन, 150 से अधिक हवाई अड्डे, और नई शिक्षा नीति जैसे कदमों से हर युवा को अवसर प्रदान किए हैं।
शाह ने नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 11 राज्यों में फैला नक्सलवाद अब केवल तीन जिलों तक सीमित रह गया है, और 31 मार्च 2026 तक भारत पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ भी मोदी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। शाह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा तीन बार आतंकी हमलों का प्रयास किया गया, लेकिन भारत ने हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया और आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के मुख्यालयों को चूर-चूर कर दिया।
अमित शाह ने नवनियुक्त कार्मिकों से कहा कि वे अमृत काल में यूपी पुलिस का हिस्सा बन रहे हैं और 2047 तक जब भारत विश्व में सर्वप्रथम स्थान पर होगा, तब यूपी का योगदान सबसे बड़ा होगा। उन्होंने युवाओं से सुरक्षा, सेवा और संवेदनशीलता के मंत्र के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। शाह ने कहा कि यूपी पुलिस का डर गुंडों और माफियाओं पर सख्त होना चाहिए, लेकिन गरीब, पिछड़े, और आदिवासी समुदायों के लिए पुलिस को मसीहा के रूप में दिखना चाहिए। शाह ने अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा, काशी में विश्वनाथ धाम के पुनरुद्धार, ट्रिपल तलाक की समाप्ति और नए वक्फ कानून जैसे सांस्कृतिक और सामाजिक सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रचा और उस स्थान को शिव शक्ति नाम दिया गया।
अंत में, अमित शाह ने यूपी पुलिस के नवनियुक्त कार्मिकों से पूरे मन से सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि करीब चार लाख सदस्यों वाले इस पुलिसबल का हिस्सा बनना गर्व की बात है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी पारदर्शी और समावेशी नीतियों ने यूपी पुलिस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने हाथों से सत्यम नायक, प्रेम सागर, शालिनी शाक्य, उपेंद्र कुमार यादव, शिल्पा सिंह, दीनू बाबू, योगेंद्र सिंह, शिवांश पटेल, मनीष त्रिपाठी, रौशन जहां, आजाद कुशवाहा, मिथिलेश भट्ट, सोनी रावत, नेहा गोंड और सचिन सैनी को नियुक्ति पत्र दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, डीजीपी, पुलिस अधिकारीगण सहित सभी 75 जनपदों के 826 विकासखंडों और 762 नगर निकायों से संबंधित यूपी पुलिस का हिस्सा बन रहे 60,244 नवनियुक्त आरक्षीगण मौजूद रहे।
ट्रेनिंग में जितना पसीना बहाएंगे, जीवन में उतना ही कम खून बहेगा: योगी
लखनऊ, 15 जून (ब्यूरो)। वर्दीधारी ट्रेनिंग में जितना पसीना बहाएंगे, जीवन में उतना ही कम खून बहेगा। महाकुंभ में पुलिस की भूमिका एक मिसाल थी। यहां आने वाले हर इंसान ने पुलिस के व्यवहार की प्रशंसा की। अगर हम वहां कर सकते हैं, तो हर जगह कर सकते हैं। पुलिस बल केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का प्रतीक बन रहा है। यूपी पुलिस में 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती एवं नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष के कार्यकाल ने नए भारत के रूप में प्रत्येक भारतीय के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 60,244 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में ये बातें कहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 60,244 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम देश के सबसे बड़े सिविल पुलिस बल में अब तक का सबसे बड़ा नियुक्ति कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि यह महज एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के स्मार्ट पुलिसिंग विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हावी था। पैसे और सिफारिश के बिना नौकरी मिलना असंभव था, लेकिन अब यह सब बीते जमाने की बात हो चुकी है। हमने संविधान प्रदत्त आरक्षण का पालन करते हुए पूरी प्रक्रिया को मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर सम्पन्न किया। सीएम ने कहा कि भर्ती में किसी भी जाति, धर्म, वर्ग या क्षेत्र के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया। प्रदेश में भर्तियों में दलित, पिछड़े, जनजातीय, गरीब, बे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश के युवाओं को साढ़े आठ लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गईं है। वहीं अकेले यूपी पुलिस में करीब सवा दो लाख भर्तियां की गई हैं। यह केवल संख्या नहीं, बल्कि प्रदेश को दंगा मुक्त, भयमुक्त और निवेश समर्थ प्रदेश बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसी के साथ डबल इंजन की सरकार ने परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता क्या होती है, इसका उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में गरीब से गरीब परिवार का बेटा भी शामिल हुआ है। अब वह भी सिपाही बनकर प्रदेश की जनता की सेवा में योगदान दे पाएगा। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग के सूत्र स्ट्रिक्ट एंड सेंसिटिव, मॉर्डन एंड मोबाइल, अलर्ट एवं अकाउंटेबल, रिलायबल एंड रिस्पांसिबल और टेक्नोसैवी एंड ट्रेंड का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने इन सिद्धांतों को जमीनी हकीकत बना दिया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में जब हमने भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, तब केंद्रीय गृह मंत्री ने पैरामिलिट्री और मिलिट्री ट्रेनिंग संसाधन उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब हमने राज्य में ही 60,000 से अधिक पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता विकसित कर ली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में फॉरेंसिक क्षमता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 8 नए फॉरेंसिक लैब चालू हो चुके हैं जबकि 6 और निर्माणाधीन हैं। सभी 75 जिलों में दो-दो मोबाइल फोरेंसिक वैन तैनात की जा चुकी हैं। साथ ही 75 जिलों में साइबर थाने और 1,994 पुलिस थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। यह सभी व्यवस्था जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) के अनुरूप हैं। अंत में सीएम ने नव-नियुक्त जवानों से मित्रवत, संवेदनशील और जनता की समस्याओं को हल करने वाले पुलिसकर्मी बनने का आह्वान किया। उन्होंने सभी नव-नियुक्त पुलिसकर्मियों और उनके माता-पिता को बधाई देते हुए विश्वास जताया कि वे प्रदेश की सेवा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
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