यूपी में बैटरी स्टोरेज संयंत्र स्थापित करें निवेशक: यूपीपीसीएल
लखनऊ, 10 मई (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने राज्य में बैटरी स्टोरेज संयंत्र स्थापित करने का आह्वान
करते हुये निवेशकों को भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार अन्य राज्यों की तुलना में बैटरी स्टोरेज सिस्टम में सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही है।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार को उत्तर प्रदेश ऊर्जा एक्सपो 2025 के समापन के मौके पर उन्होने कहा “ हम निवेशकों को राज्य में बैटरी स्टोरेज प्लांट स्थापित करने का आह्वान करते हैं और उन्हें पूर्ण सरकारी समर्थन का आश्वासन देते हैं।”
पीएचडीसीसीआई, फर्स्टव्यू और यूपीनेडा के सहयोग से आयोजित इस तीन दिवसीय आयोजन ने उद्यमी और नीति निर्माता को आकर्षित किया।
उत्तर प्रदेश में सौर ईपीसी के विस्तार पर बोलते हुए, दीपक रायजादा, मुख्य अभियंता, यूपीपीसीएल ने कहा, “ उत्तर प्रदेश सरकार भारत के अन्य राज्यों की तुलना में बैटरी स्टोरेज सिस्टम में सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही है। हम निवेशकों को राज्य में बैटरी स्टोरेज प्लांट स्थापित करने का आह्वान करते हैं, और उन्हें पूर्ण सरकारी समर्थन का आश्वासन देते हैं। राज्य में विद्युत आपूर्ति की कोई कमी नहीं है, और आईआईटी कानपुर और बीएचयू की मदद से हम सौर ईपीसी के लिए मजबूत फीडर्स और बुनियादी ढांचा विकसित कर रहे हैं।”
पैनलिस्टों ने राज्य के 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मजबूत नीति समर्थन की जरुरत पर बल दिया और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति, भूमि अधिग्रहण और कुशल श्रमिकों की कमी जैसी चुनौतियों का उल्लेख किया। राज्य एजेंसियों के बीच गहरी साझेदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, ताकि देश भर से अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके।
वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन फ्लीट के विद्युतीकरण पर चर्चा करते हुए यह माना गया कि 2050 तक भारत के कार्बन-न्यूट्रल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ईवी अपनाने में तेजी लाने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश पहले ही भारत के कुल ईवी उपयोग में 15 फीसदी योगदान दे चुका है, और राज्य 2030 तक इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े का चरणबद्ध रूप से रोलआउट पूरा करने की योजना बना रहा है।
ऊर्जा भंडारण और ग्रिड आधुनिकीकरण पर सत्र में योगेश कुमार, वाणिज्यिक निदेशक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने कहा “ हमारी विद्युत आपूर्ति अब भी थर्मल पावर पर निर्भर है, और गर्मियों में दोपहर और शाम के समय पावर डिमांड सबसे अधिक रहती है। हमें ऑफ-पीक घंटों में उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा को संग्रहीत करने की आवश्यकता है ताकि शिखर समय में कमी को रोका जा सके और ग्रिड को स्थिर किया जा सके। सरकार बिजली भंडारण के लिए उपकेंद्रों का निर्माण करने की योजना बना रही है।”