कश्मीर घाटी में फिर से रौनक लाने की कोशिश
आतंकी हमले के बाद माहौल समान्य बनाने की पहल
नई दिल्ली/श्रीनगर, 20 मई (एजेंसी)। कश्मीर घाटी में हुए हालिया आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार ने माहौल को सामान्य बनाने की दिशा में पहल शुरू की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि जनसंपर्क कार्यक्रम, सांस्कृतिक गतिविधियां और स्थानीय लोगों से संवाद बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें भारत के पर्यटन क्षेत्र की समीक्षा की गई और सुधार पर चर्चा की गई। यह बैठक 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुई है, जिससे पर्यटकों में खौफ का माहौल है।
केंद्र सरकार घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। सरकार अब इस क्षेत्र में पर्यटकों को वापस लाने और यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है। बैठक में मौजूदा योजनाओं की समीक्षा करने और देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए तरीके खोजने पर फोकस किया गया।
इससे पहले, 15 मई को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिविल सचिवालय में होटल संघ के साथ बैठक की थी। यह बैठक पहलगाम आतंकी हमले के बाद होटल कारोबारियों की चिंताओं पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने सभी हितधारकों को भरोसा दिलाया था कि सरकार पर्यटन क्षेत्र को पूरा समर्थन देगी और उनके सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
बायसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से कश्मीर का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ। रही सही कसर पाकिस्तान की गोलाबारी ने पूरी कर दी। एक पूरा का पूरा सीजन खराब हो गया। सात मई से 12 मई तक उड़ानें बंद रहीं। संघर्ष विराम के बाद उड़ानें शुरू हुईं, तो पर्यटक आने शुरू हुए। इनमें अधिकतर ऐसे पर्यटक हैं, जिनकी पहले से बुकिंग थी। इससे हालात सामान्य होने लगे, मगर होटल कारोबारियों के अनुसार नई बुकिंग फिलहाल नहीं हो रही है।
इस हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी थी। जिसमें अधिकांश पर्यटक थे। इसके दो हफ्ते बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस सैन्य अभियान के तहत सौ से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। इसके अलावा, आतंकियों को पनाह दे रही पाकिस्तानी सेना के नौ एयरबेस को भी ध्वस्त किया गया।