दिल्ली और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ ई-व्हीकल में यूपी बना नंबर वन

यूपी में 4.14 लाख, दिल्ली में 1.83 लाख, महाराष्ट्र में 1.79 लाख रजिस्टर्ड ईवी

दिल्ली और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ ई-व्हीकल में यूपी बना नंबर वन

 लखनऊ, 28 मई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। प्रदेश ने 4.14 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ दिल्ली (1.83 लाख) और महाराष्ट्र (1.79 लाख) जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए देश में सबसे अधिक ईवी की संख्या दर्ज की है। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर वैश्विक चर्चा के बीच इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आज के पर्यावरणीय चुनौतियों का एक आशाजनक समाधान बनकर उभरकर सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति लेकर आईजिसका उद्देश्य ईवी को तेजी से अपनाने को बढ़ावा देनाचार्जिंग बुनियादी ढांचे का मजबूत नेटवर्क स्थापित करना और राज्य को ईवी और बैटरी विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है। इस नीति के तहतराज्य सरकार 30 हजार करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने और 10 लाख नौकरियां सृजित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।

उत्तर प्रदेश की पर्यटन नगरियोंअयोध्याकाशीमथुरा, प्रयागराज सहित गौतमबुद्ध नगरगाजियाबादकानपुर और लखनऊ में ई-रिक्शा (तीन-पहिया वाहन) की व्यापक लोकप्रियता ने ईवी बिक्री में 85 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की हैजो विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में यात्री और माल ढुलाई के लिए उपयोगी साबित हुए हैं। इसके अलावा भारत सरकार की फेम- वन और टू (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल इन इंडिया) योजनाओं का सबसे बड़ा लाभार्थी बनकर उत्तर प्रदेश ने ई-मोबिलिटी को और बढ़ावा दिया है। वहीं चार्जिंग जैसे बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देते हुए योगी सरकार ने इस क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में योगी सरकार ने प्रदेश के 16 नगर निकायों में तीन सौ से अधिक नये चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनमें सर्वाधिक चार्जिंग स्टेशन अयोध्या में स्थापित होने हैंजहां पर्यटकों की संख्या में निरंतर इजाफा देखा जा रहा है।

देश में वर्तमान में 33,000 ईवी चार्जर हैंजिनमें से 35 प्रतिशत फास्ट चार्जर हैं। लेकिनइलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिक फास्ट चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण और मौजूदा स्टेशनों को बेहतर बनाने पर जोर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2030 तक भारत में 102 मिलियन ईवी होंगे। अल्वारेज़ एंड मार्सल के एक अध्ययन के अनुसारवैश्विक स्तर पर आदर्श अनुपात से 20 ईवी प्रति पब्लिक चार्जर हैजबकि भारत में यह अभी 135 है। हालांकि भारत में दोपहिया और तिपहिया वाहनजो ज्यादातर घर पर चार्ज होते हैंपब्लिक चार्जिंग स्टेशनों की मांग को कुछ कम करते हैं। फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। सरकार की रणनीति में तीन मुख्य बिंदु हैं। जिनमेंईवी निर्माणचार्जिंग नेटवर्क का विस्तार और लोगों में ईवी के प्रति रुचि बढ़ाना शामिल हैं। आने वाले वक्त में ये कदम उत्तर प्रदेश को ईवी क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।