वर्षा जल प्रवाह में बाधा डालने वाली इमारतों को खाली करने का नोटिस

-शिवकुमार ने  नहरों का निरीक्षण किया

वर्षा जल प्रवाह में बाधा डालने वाली इमारतों को खाली करने का नोटिस

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अधिकारियों को बारिश के पानी के सुचारू प्रवाह में बाधा डालने वाली इमारतों को हटाने का निर्देश दिया गया है|  शिवकुमार ने गुरुवार को येलहंका में मान्याता टेक पार्क के पास बारिश की बाढ़ का कारण बनने वाले राजकालुवाई और नहरों का निरीक्षण करने के बाद मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी|

उन्होंने कहा मैं और मुख्यमंत्री पहले ही बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं| यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण जंक्शन है, समस्या यहीं से शुरू होती है और फिर यह अन्य क्षेत्रों में समस्या बन जाती है| कुछ लोग अदालत से स्थगन आदेश प्राप्त करके बाधा डाल रहे हैं| हमारे अधिकारी भी सहयोग नहीं कर रहे हैं| इसलिए, मैंने अधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत समस्या पैदा करने वाले क्षेत्रों में इमारतों को हटाने का निर्देश दिया है| हम किसी की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं| हम किसी के साथ अन्याय नहीं करना चाहते हैं| पानी सुचारू रूप से बहना चाहिए| इसलिए, मैंने खुद उस जगह का दौरा किया और उसका निरीक्षण किया| सभी ने मेरे सामने काम जारी रखने पर सहमति जताई है| उन्होंने कहा कि इसका स्थायी समाधान निकालना जरूरी है| यहां बारिश का पानी आसानी से बहना चाहिए, इसके अलावा कुछ नहीं, हम किसी भी इमारत को बाधित नहीं करना चाहते| हम बेंगलूरु की गरिमा को धूमिल नहीं होने देंगे| इसलिए हमने इस क्षेत्र के भूस्वामियों से सहयोग करने की अपील की है| अगर तकनीकी कारणों से कोई गलती हुई है, तो हम उसका मुआवजा देंगे| हमें इस मामले में स्थायी समाधान चाहिए| इस पर सभी ने सहमति जताई है और हम अपना काम जारी रखेंगे| उन्होंने कहा कि हमारे नगर आयुक्तों और सचिवों को इस मामले में बाधाओं को दूर करने का पूरा अधिकार दिया गया है|

नक्शों को लेकर भ्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नक्शे को लेकर चाहे जो भी भ्रम हो, पानी के बहने के लिए जगह बनाई जानी चाहिए| कचरा उपकर कम करने की भाजपा की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम उनके समय में लिए गए निर्णय से उन्हें मना लेंगे| मैं देखूंगा कि उन्होंने क्या प्रस्ताव दिया है और फिर उनसे बात करूंगा| मैं उनकी राय का भी सम्मान करूंगा| जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के तबादले के संबंध में मुख्य सचिव को लिखे पत्र के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग में अधिक इंजीनियर नहीं हैं|

हमें इंजीनियरों की तत्काल आवश्यकता है| इसलिए मैंने पत्र लिखकर कहा है कि हमारे विभाग से किसी को अन्यत्र न भेजा जाए| उन्होंने स्पष्ट किया कि वे हमारे विभाग में आते हैं और पदोन्नत होकर लोक निर्माण, जिला पंचायत सहित अन्य विभागों में स्थानांतरित हो जाते हैं| इस तरह से इंजीनियरों के तबादले की उच्च स्तर पर संभावना बनी रहती है| कई विधायक दबाव बना रहे हैं कि जिन्हें वे चाहते हैं, उन्हें दूसरे विभाग में भेज दिया जाए| सिंचाई विभाग में काम करने के लिए इंजीनियर आगे नहीं आ रहे हैं| इस संबंध में उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा है कि मेरे संज्ञान में लाए बिना किसी का तबादला न किया जाए|

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