मुस्लिम नेताओं ने कांग्रेस को सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी
रहीम खान हत्या मामला
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| बंटवाल में अब्दुल रहीम खान की हत्या के बाद अल्पसंख्यक नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया है| उन्होंने घोषणा की है कि वे पार्टी में उन्हें दी गई जिम्मेदारियों से सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे| अब्दुल रहीम खान की हत्या के बाद मुस्लिम नेताओं ने बैठक कर सामूहिक इस्तीफे के मुद्दे पर चर्चा की| इसके बाद यहां बोलारा स्थित शादी महल हॉल में जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक इकाई के अध्यक्ष के नेतृत्व में बैठक हुई और पार्टी की जिम्मेदारियों से सामूहिक इस्तीफे के मुद्दे पर चर्चा की गई|
पूर्व मेयर अशरफ ने जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है| इस बीच पत्रकारों से बातचीत में अशरफ ने कहा कि जब पूर्व में भाजपा की सरकार थी, तब श्रीराम सेना और बजरंग दल मुसलमानों को गाली देते थे| लोगों ने कांग्रेस पार्टी को यह सोचकर चुना था कि इसे ठीक किया जाना चाहिए| अभी भी मुसलमानों को गाली देना बंद नहीं हुआ है और कांग्रेस सरकार ने दो साल बाद भी इस पर रोक नहीं लगाई है|
इस बीच, कुडापल्ली में केरल के अशरफ की भीड़ ने हत्या कर दी| लोग पहले से ही आक्रोशित थे| हालांकि, सभी को शांत कराया गया और शव को यह कहते हुए केरल भेजा गया कि हमें शांति बनाए रखनी चाहिए| जब गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर और जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव मेंगलूरु आए और बैठक की, तो हमने अपना आक्रोश व्यक्त किया| दोनों मंत्रियों ने वादा किया था कि ऐसा दोबारा नहीं होने दिया जाएगा| मंत्री के बेंगलूरु जाने के बाद विधायक भरत शेट्टी और अन्य ने यहां मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देना शुरू कर दिया|
अशरफ ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया| सुहास शेट्टी की हत्या के मद्देनजर बुलाए गए बंद के दौरान दंगे भड़क गए और तीन-चार लोगों को चाकू मार दिया गया| कन्नूर के नौशाद के पेट में एक बड़ा चाकू फंस गया और वहीं रह गया| उन्होंने कहा कि इसे निकालने के लिए उन्हें सर्जरी करवानी पड़ी| सुहास शेट्टी की हत्या और केरल के अशरफ की हत्या में बहुत अंतर है| अशरफ केरल से मेंगलूरु काम करने और खाने के लिए आया था| उन्हें मेंगलूरु के बारे में नहीं पता| वह किसी उपद्रवी गतिविधि में शामिल नहीं था|
उन्होंने इस हत्या के बारे में मुख्यमंत्री से बात की और कहा कि जब सुहास शेट्टी की हत्या यहां हुई थी, तब पुलिस ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया था| सुहास शेट्टी की हत्या एक अन्य हत्या का बदला थी| यह किसी समूह द्वारा की गई हत्या नहीं थी| उपद्रवी गतिविधियों में शामिल लोगों का आपस में लड़ना सामान्य बात है| अगर ऐसी घटना में कोई मुस्लिम उपद्रवी मर भी जाता है, तो हम उसका समर्थन नहीं करेंगे| लेकिन केरल के अशरफ और अब्दुलहिन खान किसी उपद्रवी गतिविधि में शामिल नहीं थे, ऐसे लोगों की हत्या होने पर समुदाय में गुस्सा है|
अब से अल्पसंख्यक समुदाय के नेता कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे, वे पार्टी में उन्हें दी गई जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे देंगे| यह निंदनीय है कि जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि अब्दुल रहीम खान की हत्या एक निजी मामले के लिए की गई थी| उन्हें किसने सूचित किया? उन्होंने ऐसा किस आधार पर कहा? जब जिला प्रभारी मंत्री या गृह मंत्री बोलते हैं, तो उन्हें स्थानीय नेताओं से तथ्यों का पता लगाना चाहिए| रहीम खान के अंतिम संस्कार में अभूतपूर्व संख्या में लोग शामिल हुए थे| हालांकि, हमने शांति बनाए रखी|
दिनेश गुंडूराव को अपना बयान वापस लेना चाहिए| अन्यथा, उन्होंने चेतावनी दी कि जब वह जिले में आएंगे तो हम उनसे सवाल करेंगे| उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यक नेताओं के कांग्रेस पार्टी से दूर जाने से एसडीपीआई को फायदा हो रहा है, तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं, और कांग्रेस नेताओं की स्थिति को समझना चाहिए|