विधायक यशपाल सुवर्णा ने कृत्रिम बाढ़ के लिए अधिकारियों की लापरवाही को ठहराया जिम्मेदार

विधायक यशपाल सुवर्णा ने कृत्रिम बाढ़ के लिए अधिकारियों की लापरवाही को ठहराया जिम्मेदार

उडुपी/शुभ लाभ ब्यूरो| सत्यमूर्ति सभागार में आयोजित उडुपी सिटी म्यूनिसिपल काउंसिल (सीएमसी) की आम सभा की बैठक में पार्षदों ने हाल ही में हुई बारिश के बाद नागरिक मुद्दों पर नाराजगी जाहिर की| कई पार्षदों ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया, जबकि विधायक यशपाल सुवर्णा ने शहर के कुछ हिस्सों में कृत्रिम बाढ़ के लिए उनकी गैरजिम्मेदारी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया|

सत्तारूढ़ पार्टी के एक पार्षद ने उडुपी जिले के प्रभारी मंत्री की महिलाओं के मुद्दों का समर्थन करने में विफल रहने और जिले का दौरा न करने के लिए आलोचना की, साथ ही अनियमित बिजली आपूर्ति के लिए शक्ति योजना को भी जिम्मेदार ठहराया| इस पर तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें विपक्षी सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई| विपक्षी पार्षद रमेश कंचन ने कहा कि गारंटी योजनाएं वैकल्पिक हैं, और व्यक्ति इनका लाभ न उठाने का विकल्प चुन सकता है| विधायक यशपाल सुवर्णा ने जवाब देते हुए कहा प्रभारी मंत्री को कब आना चाहिए? हम केडीपी बैठक के दौरान मंत्री से पूछेंगे कि उन्हें कौन सी जिम्मेदारियां संभालनी चाहिए| पार्षद विजय कोडवूर ने निर्वाचित प्रतिनिधियों की सार्वजनिक आलोचना का मुद्दा उठाया|

उन्होंने पूछा हमने अधिकारियों को बार-बार मानसून की तैयारी करने के लिए याद दिलाया है| बारिश सिर्फ १० दिन पहले हुई थी - ड्रेनेज की सफाई और मानसून के काम के लिए समय पर टेंडर क्यों नहीं पास किए गए? अगर कोई सिविल काम नहीं हो रहा है, तो टेंडर बुलाने का क्या मतलब है? एक अन्य पार्षद ने कुंजीबेट्टू वार्ड में ड्रेनेज की रुकावटों को उजागर किया| उन्होंने कहा हमने जनता के जरिए सीएमसी को एक पत्र सौंपा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई| पार्षद अमृता कृष्ण मूर्ति ने आधी रात को भारी बारिश के दौरान एक घटना को याद किया, जब एक पेड़ बिजली के खंभों पर गिर गया था| उन्होंने कहा संपर्क करने के लिए कोई नहीं था, और देर रात तक किसी सिविल कर्मचारी ने जवाब नहीं दिया| पार्षद रमेश कंचन ने टिप्पणी की कि अध्यक्ष और विधायक द्वारा अधिकारियों के साथ बैठक के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई| क्या यह गैर-जिम्मेदारी है या अधिकारी सिर्फ आपके आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं? विधायक यशपाल सुवर्णा ने कहा कि खतरनाक पेड़ों को हटाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन कई पेड़ों को छुआ तक नहीं गया क्योंकि वे निजी जमीन पर थे| जल निकासी की जगह कम होने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा जो नाला १० फुट का होना चाहिए था, वह घटकर मात्र ३ फुट रह गया है|

उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपाल में कई इमारतों ने जल निकासी लाइनों पर अतिक्रमण कर उन्हें पार्किंग क्षेत्र बना दिया है, इसे आधिकारिक निरीक्षण की स्पष्ट विफलता बताया| अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख नालों की सफाई हर दो साल में एक बार ही की जाती है| इस साल ५० लाख रुपये की लागत वाले काम के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में टेंडर किया गया था| २८ अप्रैल को काम शुरू हुआ और जल्दी बारिश के कारण अभी भी केवल २० प्रतिशत ही पूरा हुआ है| हालांकि, पार्षद विजय कोडवूर ने तर्क दिया कि प्रभावी तरीके से कीचड़ हटाने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है|

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अधिकारियों ने सिविल कर्मचारियों की अनियमित उपस्थिति पर भी चिंता जताई, जिसमें १०० में से केवल ४० ही ड्यूटी पर आते हैं| हर तीन महीने में पर्यवेक्षकों के बार-बार रोटेशन को एक अन्य मुद्दे के रूप में उद्धृत किया गया| उन्होंने कहा जब रात में पेड़ गिरते हैं, तो कोई भी कर्मचारी नहीं आता है| पार्षद बालकृष्ण शेट्टी ने नित्तूर में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया| उन्होंने पूछा अगर जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की थी तो अनुमति क्यों दी गई? सीएमसी अध्यक्ष ने अधिकारियों को दो दिनों के भीतर अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया| बन्नंजे वार्ड में उचित अनुमति के बिना निर्माण को भी चिह्नित किया गया| उडुपी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से पीने के पानी के दूषित होने पर चर्चा की गई| इंद्राणी नदी में अनुपचारित पानी बहने के कारण, विधायक सुवर्णा ने आश्वासन दिया कि प्रभावित परिवारों को मुफ्त पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा|

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अधिकारियों ने कहा कि एसटीपी तकनीकी मूल्यांकन की प्रतीक्षा कर रहा है| रमेश कंचन ने मालपे-आदि उडुपी सड़क की जीर्ण-शीर्ण स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया| विधायक यशपाल सुवर्णा ने जवाब दिया कि काम प्रगति पर है और कलमाडी तक सुचारू रूप से जारी रहेगा| उन्होंने कहा कि भूमि अतिक्रमण के कारण देरी हो रही है और आश्वासन दिया कि सांसद कोटा श्रीनिवास पुजारी नियमित रूप से परियोजना की निगरानी कर रहे हैं|

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-सहयोग करने की अपील


उन्होंने निवासियों और यात्रियों से सहयोग करने की अपील की| बंद जल निकासी व्यवस्था के मुद्दे पर विधायक सुवर्णा ने कहा कुछ अपार्टमेंट सार्वजनिक नालियों में अपशिष्ट जल छोड़ते हैं, जिससे समस्याएँ पैदा होती हैं| ऐसे मामलों में, निवासी अपने क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए खुद ही नालियों को बंद कर देते हैं| पार्षदों ने आरोप लगाया कि वरही परियोजना के अधिकारियों द्वारा खोदी गई सड़कों की मरम्मत नहीं की गई, जिससे पेरमपल्ली जैसे क्षेत्रों में रोजाना असुविधा होती है| जल जीवन मिशन के अधिकारियों ने बैकवाश पानी के निपटान में चुनौतियों का हवाला दिया, क्योंकि स्थानीय किसानों ने इसका विरोध किया| स्ट्रीट लाइटिंग एक और चिंता का विषय थी, जिसमें लगभग ३० प्रतिशत लाइटें काम नहीं कर रही थीं|