पीएम मोदी के न्यौते पर पहली बार भारत आए पराग्वे के राष्ट्रपति

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ रहेंगे दोनों देश

पीएम मोदी के न्यौते पर पहली बार भारत आए पराग्वे के राष्ट्रपति

आर्थिक विकास और सहयोग के कई मुद्दों पर हुई वार्ता

राष्ट्रपति पेना की भारत यात्रा ऐतिहासिक : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 02 जून (एजेंसियां)। भारत और पराग्वे ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक दूसरे का साथ देने की घोषणा की है। दोनों देशों ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पराग्वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहाआपकी यात्रा बहुत ही ऐतिहासिक है। दूसरी बार पराग्वे के किसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा हो रही है। मुझे खुशी है कि आपके साथ ताकतवर प्रतिनिधिमंडल आया है। आप केवल दिल्ली ही नहींबल्कि मुंबई भी जा रहे हैं। मेरा विश्वास है कि आपसी सहयोग से हम साझी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस और प्रधानमंत्री मोदी की सोमवार को हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। राष्ट्रपति पेना तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे। इस दौरे को दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा है। दिल्ली के पालम स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर राष्ट्रपति पेना को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके साथ मंत्रियोंवरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और व्यापार से जुड़े प्रतिनिधियों वाला एक हाई-लेवल डेलिगेशन भी आया है।

पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाहमारे पास आर्थिक सहयोग सहित डिजिटल प्रौद्योगिकीमहत्वपूर्ण खनिजऊर्जाकृषिस्वास्थ्यरक्षारेलवे और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर हैं। इसके अलावा भारत और पराग्वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। साइबर अपराधसंगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी आम चुनौतियों से लड़ने के लिए सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और पराग्वे ग्लोबल साउथ का अभिन्न अंग हैं। हमारी आशाएंआकांक्षाएं और चुनौतियां में समानता हैइसलिए हम एक-दूसरे के अनुभवों से सीखकर इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं। हमें संतोष है कि कोरोना महामारी के दौरान हम भारत में बनी वैक्सीन को पराग्वे के लोगों के साथ साझा करने में सक्षम थे। पीएम मोदी ने कहामुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा से आपसी संबंधों के विश्वासव्यापार और करीबी सहयोग के स्तंभों को नई मजबूती मिलेगी। यह भारत-लैटिन अमेरिका संबंधों को भी नए आयाम प्रदान करेगी।

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पराग्वे के राष्ट्रपति का यह दौरा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा हैजिसमें दिल्ली और मुंबई में प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अतिथियों से मुलाकात की। राष्ट्रपति पेना ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ भारत और पराग्वे के बीच संबंधों के हर पहलू पर विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सम्मान में दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहाआपकी भारत यात्रा ऐतिहासिक है। यह आपसी संबंधों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

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पराग्वे के राष्ट्रपति की यह भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है। ऐसा केवल दूसरी बार हुआ हैजब पराग्वे के राष्ट्राध्यक्ष ने भारत का दौरा किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि भारत और पराग्वे ने 13 सितंबर 1961 को कूटनीतिक संबंध स्थापित किएजिससे दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण रिश्ते विकसित हुए। तब से दोनों देशों ने व्यापारकृषिस्वास्थ्यफार्मास्यूटिकल्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग विकसित किया है। विदेश मंत्रालय ने लैटिन अमेरिका में एक ट्रेडिंग पार्टनर के रूप में पराग्वे के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला। ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल सेक्टर में भारतीय कंपनियों ने पहले ही पराग्वे में अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली हैजबकि पराग्वे की कंपनियांबड़े पैमाने पर जॉइंट वेंचर्स के जरिए भारत में काम करती हैंजिससे मजबूत आर्थिक संबंधों में योगदान मिलता है। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुधारजलवायु परिवर्तनरिन्यूबल एनर्जी और आतंकवाद से निपटने के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं।

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मुंबई की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पेना राज्य के पॉलिटिकल लीडर्सइंडस्ट्री शेयरहोल्डर्सस्टार्टअपइनोवेटर्स और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसारराष्ट्रपति पेना की राजकीय यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करने के साथ-साथ आपसी हितों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। राष्ट्रपति पेना 4 जून को पराग्वे वापस लौटेंगे।

जमीन से घिरे पराग्वे की है सबसे बड़ी नौसेना

पराग्वे ऐसा देश है जो चारों तरफ जमीन से घिरा है फिर भी उसकी सबसे बड़ी नौसेना है। पराग्वे लैंड-लॉक्ड देश है। कैलिफोर्निया से भी छोटा 157,000 वर्ग मील क्षेत्रफल वाला देश पराग्वे दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में है। यह चारों तरफ से अर्जेंटीनाब्राजील और बोलीविया से घिरा है। पराग्वे की सबसे बड़ी नौसेना का संचालन कैसे होता है?  देश की नदियों के जरिए पराग्वे की नौसेना ऑपरेट करती है। इसमें सबसे प्रमुख पराना नदी है जो ब्यूनस आयर्स के करीब समुद्र में मिलती है। पराग्वे की नौसेना छोटे जहाजों से अपना संचालन करती है। पराग्वे के पास रिवर डिफेंस कोरकोस्ट गार्ड और नेवल एविएशन कोर भी है। पराग्वे की नौसेना अर्जेंटीना और अपनी नदियों के जरिए समुद्र से जुड़ी रहती है। पराग्वे नौसेना की स्थापना 1881 में हुई थी।