यूपी में फिर हुई ट्रेन पलटने की कोशिश

रेल ट्रैक पर 20 फीट लंबा पाइप और पत्थर मिले

यूपी में फिर हुई ट्रेन पलटने की कोशिश

शामली, 02 जून (एजेंसियां)। आतंकी साजिश है या फिर शरारत। शामली में मात्र एक घंटे में शरारती तत्वों ने ट्रेन पलटाने की साजिश रची। ट्रेन को रोकने से एक घंटा पहले ही दिल्ली से शामली के लिए ट्रेन आई थी। उस समय तक ट्रैक बिल्कुल साफ था। बलवा और शामली के बीच ट्रेन पलटाने की साजिश शरारती तत्वों ने मात्र एक घंटे में रच दी। एक घंटे के अंदर ही रेलवे ट्रैक पर 20 फीट लंबे पाइप से लेकर मोटा पत्थरछोटे पत्थर तक रख दिए। जीआरपीआरपीएफ के अधिकारियों की प्रथम दृष्टया जांच में यह बातें सामने आई है। दिल्ली से शामली तक जिस ट्रेन 64021 को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका गयाउससे मात्र एक घंटा पहले ही दिल्ली से शामली के लिए ट्रेन आई थीउस समय रेलवे ट्रैक बिल्कुल क्लीयर था।

आरपीएफ और जीआरपी के अफसरों के मुताबिकसाजिश रचने में पांच से अधिक शरारती तत्व हो सकते हैंक्योंकि 20 फीट लंबा पाइप और भारी भरकम जो पत्थर रेलवे ट्रैक पर रखा गया थाउनका वजन काफी अधिक था। एक या दो लोग इन्हें उठाकर रेलवे ट्रैक पर नहीं रख सकते। शनिवार की रात दिल्ली-शामलीसहारनपुर रेलवे मार्ग पर 64021 पैसेंजर ट्रेन दिल्ली से चलकर बलवा हाल्ट पर रुकने के बाद शामली के लिए चली थी। पेसेंजर ट्रेन अपनी स्पीड पकड़ भी नहीं पाई थी। बलवा-शामली के बीच 85, 15-16 किलोमीटर के पास नलकूप का पाइप और पत्थर रेलवे ट्रैक पर रखा था। इसके अलावा छोटे पत्थर काफी दूर तक रखे गए थे। पैसेंजर ट्रेन 10.18 बजे मौके पर पहुंची। चालक जोगेंद्र सिंह ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। रेलवे ट्रेक पर रखा नलकूप का पाइप ट्रेन में मौजूद जीआरपी एस्कार्ट में शामिल सिपाहियों ने हटवाया।

मौके पर पैसेंजर ट्रेन खड़ी रही। मामले की सूचना ट्रेन के चालक जोगेंद्र सिंह ने शामली रेलवे स्टेशन पर मौजूद स्टेशन मास्टर आशीष सैनी को दी। मौके पर पहुंचे जीआरपी के थानाध्यक्ष चांदवीर सिंह ने बताया कि रात 9.21 बजे बलवा से दिल्ली से शामली को आने वाली एक अन्य ट्रेन भी निकली थीउस समय ट्रैक बिल्कुल क्लीयर था। यानी शरारती तत्वों ने इस ट्रेन के जाने के बाद ही पाइप और पत्थरों को रखकर साजिश रची।

शामली-बलवा के बीच शनिवार रात को रेलवे लाइन पर नलकूप के लोहे का लंबा पाइपसीमेंट का टूटा हुआ पाइप (बंवा) व पत्थर रखकर ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई। यह आतंकी साजिश है या शरारत की गई। इसकी जांच में सिविल पुलिस और रेलवे के अधिकारियों के साथ खुफिया जांच एजेंसियां भी जुटी हुई है। पूर्व में 2019 में स्टेशन मास्टर के नाम डाक से भेजी गई चिट्ठी में शामली समेत 11 प्रमुख स्टेशनों और धर्म स्थलों को उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है।

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जिले में पूर्व में भी समय-समय पर आतंकी कनेक्शन के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में कैराना निवासी नोमान इलाही को पानीपत पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार किया है। पिछले साल शामली निवासी कलीम और उसके भाई तहसीम को एसटीएफ ने आईएसआई एजेंट के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनके अलावा भी पूर्व में जिले में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कई लोग पकड़े जा चुके हैं। इसके साथ ही 20 अप्रैल 2019 को शामली के तत्कालीन स्टेशन मास्टर विक्रांत सरोहा के नाम से डाक से चिट्ठी भेजी गई थी।

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आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के एरिया कमांडर मैसूर अहमद जम्मू-कश्मीर (सिंध पाकिस्तान) के नाम से भेजी गई चिट्ठी में शामली रेलवे स्टेशनबागपतमेरठहापुड़जरौलागाजियाबादमुजफ्फरनगरबरेलीदिल्लीपानीपतरोहतक आदि रेलवे स्टेशन के अलावा इलाहाबाद के संगम मंदिरकाशी विश्वनाथ मंदिरअयोध्या के रामजन्म भूमिहनुमान मंदिर गाजियाबाद और दिल्ली के प्रमुख मंदिर और बस अड्डों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।

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इसके अलावा चिट्टी में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री को मौत के घाट उतारने की धमकी दी गई थी। धमकी भरी चिट्ठी भेजने का मामला आरपीएफ के हेड क्वार्टर और रेलवे विभाग के माध्यम से लखनऊ और गृह मंत्रालय तक पहुंचा था। अब शामली और बलवा के बीच रात में जिस तरह से ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई। उसे लेकर पुलिस और रेलवे अधिकारी गहनता से जांच पड़ताल में जुटे हैं। खुफिया जांच एजेंसियां भी सक्रिय होकर अपने स्तर से जांच में जुटी है। अधिकारी इस बिंदु पर जांच कर रहे हैं कि यह आतंकी साजिश है या किसी की शरारत है। एसपी रामसेवक गौतम का कहना है कि पुलिस टीमें हर बिंदु पर गहनता से जांच कर रही है।

दिल्ली रेलवे के कमांडेंट ज्योति मणि ने बताया कि रात में बलवा और शामली के पास रेलवे ट्रेक का निरीक्षण किया था। शरारती तत्वों ने ट्रैक के पास नलकूप का 18-20 फीट लंबाई के लोहे के पाइप को उखाड़कर जानबूझकर रखा गया हैजिससे ट्रेन को पलटाने की साजिश की गई है। आतंकी घटना हाथ होने से इंकार किया है। उत्तर रेलवे के यातायात निरीक्षक सुनील धीमान ने बताया कि इससे पहले 12 फरवरी को कांधला के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे का पट्टा रखा गया था। टपरी-रुड़की-हरिद्वार रेलवे ट्रैक पर लोहे का गेट रखा गया था। मगर उस समय भी शरारती तत्वों की साजिश ट्रेन चालक की सक्रियता के चलते नाकाम हो गई थी।