पुलिस ने तट पर हिंदू कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
-निर्वासित हथियार का इस्तेमाल किया
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| सिलसिलेवार हत्याओं के माध्यम से सांप्रदायिक संघर्ष का केंद्र रहे तटीय क्षेत्र में निर्वासन प्रक्रिया ने अब बड़ी चर्चा पैदा कर दी है| सांप्रदायिक और उदारवादी भावना को दबाने के लिए जिला पुलिस रात-रात भर कार्यकर्ताओं और संगठनों के नेताओं के घरों पर छापेमारी कर रही है और जीपीएस लोकेशन ट्रैकर हासिल कर रही है और आधी रात को पुलिस अधिकारी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आरोपी की तरह रोक रहे हैं और फोटो खींच रहे हैं|
जिला प्रशासन के इस व्यवहार ने हिंदुत्व की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले कार्यकर्ताओं में चिंता पैदा कर दी है| दक्षिण कन्नड़ जिले के भाजपा उपाध्यक्ष अरुण पुतिला समेत ३६ लोगों को निर्वासित करने का नोटिस दिया गया है| भड़काऊ भाषण देने के आरोप में संघ परिवार के एक प्रमुख नेता प्रभाकर भट समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है| कब, किसे और कैसे गिरफ्तार किया जाएगा, इसे लेकर चिंता बनी हुई है| निर्वासन के लिए सूचीबद्ध नामों में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े संगठनों के नाम भी जोड़े गए हैं| तटीय क्षेत्र राज्य में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, खासकर दक्षिण कन्नड़ में| यह एक लोकप्रिय निवेश क्षेत्र था|
सांप्रदायिक संघर्ष के कारण वहां का माहौल खराब हो गया है और हाल ही में लगातार हत्याएं हुई हैं| सरकार ने तटीय क्षेत्रों में सांप्रदायिक भावनाओं को दबाने और स्थिति को शांत करने के लिए कई कदम उठाए हैं| सांप्रदायिक हिंसा दमन बल के गठन के लिए पहले ही अधिसूचना जारी की जा चुकी है| पुलिस ने मॉक ड्रिल के जरिए आरोपियों में डर पैदा करने और जनता का विश्वास बढ़ाने की कोशिश की है| निर्वासन का हथियार इसलिए इस्तेमाल किया गया है क्योंकि कई नेता भड़काऊ भाषणों के जरिए शांति भंग कर रहे हैं|
अरुण पुतिला को कलबुर्गी निर्वासित करने के लिए नोटिस जारी किया गया है और सुनवाई ६ जून को तय की गई है| जिला प्रशासन के इस व्यवहार से सार्वजनिक क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है| आरोप हैं कि हिंदू कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाना बनाकर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं| खासकर अब्दुल रहीम की हत्या के बाद से यह प्रक्रिया तेज हो गई है और कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगे हैं| हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह किसी के भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेगी और कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान|