घटते प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ती चिंताओं के बीच पर्यावरण संरक्षण की तत्काल आवश्यकता: राज्यपाल
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने प्रदूषण और घटते प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ती चिंताओं के बीच पर्यावरण संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए कहा हमें एक नई चेतना जागृत करनी होगी - जो प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान, जीवन शैली में सादगी और वनों के प्रति श्रद्धा पर आधारित हो|
यहां मंगलवार को आयोजित स्थिरता शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा हाल की चुनौतियों, विशेष रूप से ऑक्सीजन संकट ने हमारे पर्यावरण की रक्षा के महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित किया है| सतत विकास हमारे राष्ट्रीय लोकाचार और शासन दर्शन में गहराई से अंतर्निहित है| उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (शहरी और ग्रामीण), डिजिटल इंडिया, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, कौशल भारत और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सहित कई ऐतिहासिक पहलों के माध्यम से सतत प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है|
उन्होंने कहा राज्य सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कई राज्य स्तरीय योजनाएं इस राष्ट्रीय दृष्टिकोण में सार्थक योगदान दे रही हैं| नवाचार और तकनीकी उन्नति के केंद्र के रूप में बेंगलूरु की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शहर तेजी से शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव जैसी चुनौतियों से भी जूझ रहा है| यह देखना उत्साहजनक है कि यह शिखर सम्मेलन इन चुनौतियों से निपटने और प्रभाव बढ़ाने के लिए ज्ञान साझा करने और अंतर-क्षेत्रीय सहयोग की शक्ति पर ध्यान केंद्रित करता है|
उन्होंने टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने और स्थानीय जैव विविधता को संरक्षित करने में भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रयासों की सराहना की| देश भर के संस्थान पर्यावरणीय जिम्मेदारी के संरक्षक बन रहे हैं, जो विश्व पर्यावरण दिवस की सच्ची भावना को दर्शाता है|