अगर थोड़ी भी गरिमा है तो आवास विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जांच कराएं: अशोक
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सिद्धरामैया में थोड़ी भी गरिमा या सार्वजनिक जीवन में कम से कम सम्मान है तो उन्हें आवास विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जांच का आदेश देना चाहिए|
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस विधायक बी.आर. पाटिल ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि आवास विभाग में मकान आवंटन के लिए लाभार्थियों को पैसे देने पड़ते हैं|
उन्होंने पूछा कि रिश्वतखोरी के लिए और क्या सबूत चाहिए| बिना रिश्वत दिए आवास विभाग में मकान नहीं मिल सकता| विधायकों ने इस बारे में बात की है, ऑडियो भी है| यह तो सिर्फ एक नमूना है, अगर मकान चाहिए तो रिश्वत दीजिए, अगर सीएम में जरा भी सम्मान है, अगर उनकी जरा भी गरिमा है तो उन्हें तुरंत जांच के लिए इसे प्रस्तुत करना चाहिए| उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि कोई बहाना बनाने की जरूरत नहीं है| सत्तारूढ़ पार्टी खुद ही सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगा रही है| यह भ्रष्ट सरकार है, ६० फीसदी वाली सरकार है| खान विभाग में भी लूट हो रही है| सभी विभागों में अवैधानिकता हो रही है| कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने जो पत्र लिखा है, वह इसका सबूत है|
कांग्रेस के विधायक मुंह खोलेंगे तो यह सरकार तीन दिन भी नहीं टिकेगी| रिश्वत का एक मामला घर जाने के लिए काफी है, अगर इसकी जांच हो जाए तो सरकार बर्खास्त हो जाएगी| सभी २२४ विधानसभा क्षेत्रों में रिश्वतखोरी है, कितने अधिकारियों को फांसी पर चढ़ाओगे? सिर्फ नाटकीय बयानबाजी की जरूरत नहीं है| उन्होंने गरीबों को लूटने वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इसे हटा देना चाहिए|
मुसलमानों के लिए १५ फीसदी आवास आरक्षण के मुद्दे पर आवास मंत्री जमीर के स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए अशोक ने कहा कि जमीर को गलती छिपाने के लिए कुछ नहीं कहना चाहिए| अगर केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के कार्यकाल में कैबिनेट उपसमिति ने यह फैसला लिया है तो इसकी जांच होनी चाहिए| उन्होंने मांग की कि गलतियों को छिपाने के लिए कुछ भी कहना उचित नहीं है तथा इसकी जांच होनी चाहिए|