लंदन से वापस आ रही मराठा योद्धा की तलवार

 अंग्रेजों ने 208 साल पहले चुराई थी स्वर्णजड़ित तलवार

लंदन से वापस आ रही मराठा योद्धा की तलवार

मुंबई, 30 अप्रैल (एजेंसियां)। जब अंग्रेजों ने भारत में लूटपाट मचाई थी तब उन्होंने मराठा साम्राज्य के नागपुर खजाने से कई ऐतिहासिक वस्तुएं लूट ली थीं। इन्हीं में से एक थी मराठा सेनापति राजे रघुजी भोसले की लोकप्रिय रघुजी तलवार। अब इसे वापस भारत लाया जा रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने तलवार को 47.15 लाख रुपए में नीलामी के दौरान खरीदा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने तलवार खरीदने की जानकारी दी। उन्होंने रघुजी तलवार को मराठा विरासत के लिए अहम बताया। उन्होंने कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि राज्य सरकार ने नागपुर के भोसले परिवार के संस्थापक राजे रघुजी भोसले की ऐतिहासिक तलवार खरीद ली हैजिसकी लंदन में नीलामी हुई थी। इस प्रकारहमारे मराठा साम्राज्य का एक मूल्यवान और ऐतिहासिक खजाना अब महाराष्ट्र में आएगा। महाराष्ट्र सरकार ने रघुजी तलवार को लंदन से एक बिचौलिए से खरीदा है। सीएम ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसे सीधे नीलामी में खरीदने में कुछ तकनीकी समस्याएं आ रही थी। राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलारसांस्कृतिक कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी विकास खड़गे ने इस कार्य को तेजी से पूरा किया। राज्य सरकार तलवार के लिए 47.15 लाख रुपए की नीलामी रकम का भुगतान करेगी। इसके बाद तलवार को महाराष्ट्र लाया जाएगा।

नीलामी आयोजित करने वाली सोथबी ने अपने पोर्टल पर रघुजी तलवार से जुड़ी सूचना साझा की। इसके अनुसार बाल्केट-हाल्ट तलवार 38,100 पाउंड में बेची गई है। नीलामी से पहले 6 हजार से 8 हजार पाउंड के बीच अनुमान लगाया गया था। राजे रघुजी भोसले की यह तलवार मराठा शैली की फिरंग किस्म की है। जो मराठा काल में काफी प्रसिद्ध थी। तलवार में एक तरफ ही धार हैजिसकी ब्लेड यूरोप में निर्मित हैं लेकिन तलवार पर भारतीय कलाकारी की झलक है। तलवार की हिल्ट (हाथ पकड़ने वाला हिस्सा) पारंपरिक बास्केट स्टाइल में हैजिस पर सोने का महीन काम किया गया है। तलवार पर श्रीमंत रघोजी भोसले सेना साहेब सुभा लिखा है।

इतिहासकारों के अनुसारजब 1817 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर का खजाना लूटा था। तभी यह तलवार भी अंग्रेजों के हाथ लगी थी। भारत से लौटते वक्त अपने साथ लंदन ले गए और अब तक वहीं किसी निजी संग्रह में इसे रखा गया था। रघुजी भोसले मराठा सम्राट छत्रपति शाहू महाराज के शासनकाल में एक प्रमुख सेनानायक थे। उनकी युद्ध नीतिसाहस और नेतृत्व से प्रभावित होकर शाहू महाराज ने उन्हें सेना साहेब सुभा की उपाधि दी थी। रघुजी भोसले ने 1745 में बंगाल के नवाबों के खिलाफ युद्ध अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने न केवल बंगाल और ओड़ीशा को मराठा साम्राज्य में शामिल किया। बल्कि दक्षिण भारत में भी अपनी राजनीतिक और सैन्य पकड़ मजबूत की।

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