महाराष्ट्र ने अलमट्टी बांध की ऊंचाई पर आपत्ति जताई: शिवकुमार

-सरकार को ब्लैकमेल करना ठीक नहीं

महाराष्ट्र ने अलमट्टी बांध की ऊंचाई पर आपत्ति जताई: शिवकुमार

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| उपमुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने आपत्ति जताई है कि महाराष्ट्र सरकार, जिसने अब तक अलमट्टी बांध की ऊंचाई को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई थी, अपनी प्रतिष्ठा खो चुकी है| विधान सौधा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ९ मई को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को एक पत्र लिखकर कहा था कि अलमट्टी बांध की ऊंचाई ५१९ मीटर से बढ़ाकर ५२४.६३ मीटर करने से महाराष्ट्र में बाढ़ आ जाएगी|

उन्होंने आपत्ति जताई कि इससे सांगली और कोल्हापुर के लिए समस्याएँ पैदा होंगी और मांग की कि अलमट्टी बांध की ऊंचाई पर काम की प्रक्रिया को रोका जाए| उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य और सदमे की बात है| कृष्णा ट्रिब्यूनल के फैसले ने अलमट्टी बांध की ऊंचाई को मंजूरी दे दी है| महाराष्ट्र की ओर से कर्नाटक द्वारा अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल करने पर अब तक कोई आपत्ति नहीं जताई गई है| महाराष्ट्र ने २०१० और २०१३ में भी फैसले पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी| महाराष्ट्र सरकार ने खुद ही न्यायाधिकरण के फैसले के त्वरित क्रियान्वयन के लिए न्यायालय में अंतरिम आवेदन दायर किया था| लेकिन अब, यह चौंकाने वाला है कि उसने अचानक बांध की ऊंचाई पर आपत्ति जताई है| जिस मामले का निपटारा हो चुका है, उसमें सभी मामले पहले ही सुलझ चुके हैं| जब वे और मुख्यमंत्री दिल्ली गए थे, तो उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल को न्यायाधिकरण के फैसले की अधिसूचना के जवाब में संबंधित राज्यों के साथ बैठक करने और उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया था| तदनुसार, अंतर-राज्यीय बैठकें भी निर्धारित की गई थीं| इसके लिए हमने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बेंगलूरु में एक आंतरिक बैठक की थी| संबंधित जिलों के जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई थी|

बैठक में भाग लेने के लिए हमारे अधिकारी पहले ही चले गए थे| उन्होंने कहा कि जिस समय हम दूसरी फ्लाइट पकड़ने के बारे में सोच रहे थे, हमें संदेश मिला कि बैठक रद्द कर दी गई है| जब हमने इसका कारण खोजा तो पता चला कि महाराष्ट्र सरकार अनुरोध करने की प्रक्रिया में है| हमारे सभी सांसदों को अपनी पार्टी की संबद्धता को भूलकर राज्य के हितों की रक्षा के लिए एकता की आवाज बनना चाहिए| केंद्रीय मंत्रियों को भी सहयोग करना चाहिए| उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित किसी से भी मिलने और सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है| अलमट्टी बांध की ऊंचाई हमारा अधिकार है| हम इसमें किसी भी तरह की बाधा को बर्दाश्त नहीं कर सकते|

अगर महाराष्ट्र आंतरिक समस्याओं का सामना कर रहा है, तो उन्हें इसे ठीक करना चाहिए| हम विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि हमारी परियोजना को बाधित न किया जाए| डीके शिवकुमार ने आपत्ति जताई है कि हेमावती लिंक नहर परियोजना में अनावश्यक राजनीति की जा रही है| यह एक ऐसी परियोजना थी जिसकी कल्पना पहले एच.डी. कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहते की गई थी| बाद में, सत्ता में आई भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे येदियुरप्पा ने इसे रोक दिया| शुरुआत में, परियोजना का आकार ६०० करोड़ रुपये था| देरी के कारण अब यह १००० करोड़ तक पहुंच गया है| राज्य सरकार पहले ही ४०० करोड़ जारी कर चुकी है| तुमकुरु जिले के विधायक सुरेश गौड़ा और एम.पी. कृष्णप्पा की सलाह पर एक तकनीकी समिति बनाई गई थी| अब हम रिपोर्ट के आधार पर परियोजना को लागू कर रहे हैं| इसमें हमारा राजनीतिक हित भी है| कुनिगल तालुके को २०१४ से हेमावती से आवंटित २ टीएमसी का १० प्रतिशत भी नहीं मिला है| यह निरंतर अन्याय है| ३.३ टीएमसी पानी कुनिगल को जाना चाहिए| ०.६ टीएमसी मगदी तक पहुंचना चाहिए| ये सभी तालुके कावेरी नदी बेसिन में आते हैं| उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि यह कोई अंतर-राज्यीय नदी विवाद नहीं है|

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कृष्णा नदी बेसिन से तुमकुरु में पानी लाया गया है| येत्तिनाहोल शुरू में कोलार और चिक्कबल्लापुर तक ही सीमित था| तुमकुरु, चिक्कनायकनहल्ली, शिरा तालुकों की झीलों को भरने के लिए परियोजना को संशोधित किया गया है| इसी तरह, क्या कुनिगल और मगदी तालुकों को पानी की जरूरत नहीं है? रामनगर में पर्याप्त पानी है| हेमावती से वहां पानी बहने की कोई जरूरत नहीं है| उन्होंने कहा कि बेवजह राजनीति करना, निर्दोष स्वामीजी को विरोध में उतारना और सरकार को ब्लैकमेल करना ठीक नहीं है| विधायक सुरेश गौड़ा और अन्य की अलग-अलग मांगें हैं|

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उन्होंने कहा कि वे इस बारे में अभी बात नहीं करेंगे| जब विरोध के दौरान कानून अपने हाथ में लिया जाता है, तो पुलिस कानूनी कार्रवाई करती है| उन्होंने कहा कि हमने पहले मेकेदातु पदयात्रा करते समय कानून का पालन किया था| मैंने तुमकुरु के विधायकों द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों को सुना है| इसी तरह, मेरे पास भी शक्ति और क्षमता है| लेकिन सब कुछ समय के अधीन है|
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