सेना परख रही है अपनी ताकत और तकनीक

 सभी सैन्य रेंजों पर भारतीय सेना कर रही सघन युद्धाभ्यास

 सेना परख रही है अपनी ताकत और तकनीक

युद्ध की तैयारी के तहत देश में हुआ नागरिक सुरक्षा अभ्यास

पाकिस्तान सीमा वाले राज्यों में चलाया गया ऑपरेशन-शील्ड

नई दिल्ली, 01 जून (एजेंसियां)। पोखरण के रेगिस्तान से लेकर जोशीमठ के पहाड़ तकसभी महत्वपूर्ण फायरिंग रेंजों में युद्ध का माहौल है। एयर डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम के साथ भारतीय सेना अपनी ताकत परख रही है और अभ्यास कर रही है। इसके साथ ही भारत सरकार ने शनिवार 31 मई को जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात, पंजाब और राजस्थान तक पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता का परीक्षण करना था। ऑपरेशन शील्ड मॉक ड्रिलऑपरेशन सिंदूर के बाद का पहला नागरिक सुरक्षा अभ्यास है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थीजिसके बाद यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई।

भारतीय सेना इन दिनों देशभर में अपनी युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े सैन्य अभ्यास कर रही है। यह अभ्यास पोखरणबबीना और जोशीमठ जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर हो रहा है। इसके साथ हीआगरा और गोपालपुर में हवाई सुरक्षा उपकरणों का भी विशेष अभ्यास किया जा रहा है। यह अभ्यास असली युद्ध जैसी स्थितियों में किए जा रहे हैंजिनमें दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक हमलों का भी सिमुलेशन शामिल है। इसका मकसद नई रक्षा प्रणालियों की ताकत और विश्वसनीयता को परखना है। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पिछले दिनों बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में इन अभ्यासों का जायजा लिया और रक्षा अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। इन अभ्यासों से भारतीय सेना अपनी आधुनिक युद्ध क्षमताओं को मजबूत कर रही हैताकि भविष्य की सुरक्षा जरूरतों के लिए तैयार रहा जा सके।

उधर, गुजरातराजस्थानपंजाबहरियाणा और कश्मीर में नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किए गए। ऑपरेशन शील्ड के तहत यह अभ्यास आयोजित किया गयाजिसका उद्देश्य आपातकाल या युद्ध जैसी स्थिति में तेजी से और सही ढंग से बचाव करना और जवाब देना है। राजस्थान और हरियाणा में सायरन प्रणाली ठीक रखने और प्रतिक्रिया समय को कम करने के निर्देश दिए गए। बारामुला में हुई मॉक ड्रिल में एसडीआरएफसिविल डिफेंसस्वास्थ्य विभागअग्निशमन विभाग और एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की तैयारी करना है।

ऑपरेशन शील्ड के तह मॉक ड्रिल का सिलसिला आगे भी होता रहेगा। सरकार ने नागरिकों से मॉक ड्रिल के दौरान संयम बनाए रखने और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता का परीक्षण करने और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस मॉक ड्रिल के माध्यम से भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा उपायों की तैयारी और प्रभावशीलता की जांच की गईजिससे भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बेहतर रणनीतियां विकसित की जा सके।

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