वाल्मीकि निगम घोटाले के पीछे कौन से महान नेता का हाथ है?
पैसे का राजनीति में इस्तेमाल करने वालों को जनता भविष्य में सबक सिखाएगी: श्रीरामुलु
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलु ने भरोसा जताया है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के पैसे का राजनीति में इस्तेमाल करने वालों को जनता भविष्य में सबक सिखाएगी| भाजपा के प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज वे उसी पैसे से सांसद और विधायक हो सकते हैं| लेकिन इस राज्य की जनता सब कुछ देख रही है| उन्हें सबक सिखाया जाएगा| बल्लारी जिले में सांसद तुकाराम, बल्लारी सिटी विधायक भारत रेड्डी, कुडलिगी विधायक डॉ. श्रीनिवास और कांपली विधायक गणेश के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी की जा रही है| ये नेता बहुत सत्य का उपदेश देते थे| वे केवल अनैतिक कार्य करते हैं| वे अपने घरों के सामने वृंदावन की तरह बातें करते थे| उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता था कि वे सच बोल रहे हैं| उन्होंने जैसा कहा, वैसा ही किया| महर्षि वाल्मीकि विकास निगम में भ्रष्टाचार को लेकर हम प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में पदयात्रा पर गए थे| हमने मांग की थी कि मंत्री नागेंद्र इस्तीफा दें| हमारी मांग पर मंत्री ने उस पद से इस्तीफा दे दिया और जेल चले गए| जांच के दौरान निगम के एक अधिकारी चंद्रशेखर ने एक डेथ नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी| उस डेथ नोट में उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि मंत्री इसमें शामिल थे| उन्होंने बताया था कि कौन-कौन से अधिकारी इसमें शामिल थे| उन्होंने बताया कि वाल्मीकि घोटाले के खिलाफ भाजपा आज तक लड़ रही है| नेताओं का नकाब उतर जाएगा| आज की ईडी की छापेमारी से कई नेताओं का नकाब उतर गया है| हमें यह जानना है कि इस घोटाले के पीछे कौन सा बड़ा नेता है| उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए प्रोत्साहन राशि, छात्रवृत्ति राशि, गंगा कल्याण योजना का पैसा और गरीबों को दी जाने वाली योजनाओं का पैसा हड़पने का आरोप लगाया| निगम ने बार की दुकानों, सुरक्षा एजेंसियों और किसानों के खातों में १८७ करोड़ रुपये ट्रांसफर किए| लेकिन सरकार यह जवाब नहीं दे पा रही है कि पैसा कहां गया| यह सरकार बयान देती है कि हम अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के पक्ष में हैं| लेकिन उन्होंने आपत्ति जताई कि कांग्रेस सरकार ने उन बच्चों को बचाने के लिए कुछ नहीं किया| सरकार आ सकती है, जा सकती है| लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि मंत्री और जनप्रतिनिधि कैसे होने चाहिए| उन्होंने सवाल किया कि अगर वे सरकारी पैसा निगल जाते हैं तो क्या वे राजनेता कहलाने के लायक हैं| मुख्यमंत्री एक बार फिर कह रहे हैं कि वे नागेंद्र को मंत्री पद देंगे| उन्हें मंत्री पद दें, हमें कोई आपत्ति नहीं है| लेकिन उन्होंने मांग की कि सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की वसूली के लिए कार्रवाई करनी चाहिए| इस मौके पर ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महासचिव सोमशेखर, भाजपा नेता एमडी लक्ष्मीनारायण और वेंकटेश मौजूद थे|