पाकिस्तान की 'जल कूटनीति' विफल: भारत के सामने झुका इस्लामाबाद
नई दिल्ली, 31 मई (एजेंसी) — भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने के बाद पाकिस्तान की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने भारत के इस कदम की आलोचना की है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं छोड़ता, तब तक संधि निलंबित रहेगी।
भारत का सख्त रुख
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मृत्यु के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता, तब तक संधि निलंबित रहेगी। The Times of India
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित ग्लेशियर संरक्षण सम्मेलन में भारत पर "जल को हथियार" के रूप में उपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत का यह कदम "अवैध और एकतरफा" है और पाकिस्तान इसे स्वीकार नहीं करेगा।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कहा कि "जल पाकिस्तान की रेड लाइन है" और 24 करोड़ पाकिस्तानियों के इस मूल अधिकार पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने से पाकिस्तान में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे वहां के नेता और सेना प्रमुख चिंतित हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं छोड़ता, तब तक संधि बहाल नहीं की जाएगी। यह स्थिति दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है।
पाकिस्तान की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहायता की गुहार लगा रहा है, लेकिन भारत अपने सख्त रुख पर कायम है। यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान की 'जल कूटनीति' विफल हो गई है और उसे अब अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।