६० प्रतिशत से कम अंक लाने वाले जिलों के डीडीपीआई को नोटिस जारी करने के निर्देश

एसएसएलसी परीक्षा परिणाम

 ६० प्रतिशत से कम अंक लाने वाले जिलों के डीडीपीआई को नोटिस जारी करने के निर्देश

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे एसएसएलसी परीक्षा में ६० प्रतिशत से कम अंक लाने वाले जिलों के डीडीपीआई को नोटिस जारी करें और कार्रवाई करें| राज्य की प्रगति समीक्षा पर विधान सौधा में आयोजित सभी जिला कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक में बोलते हुए उन्होंने सरकार की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को निर्देश दिया कि यदि डीडीपीआई नोटिस का पर्याप्त जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए|


बैठक की शुरुआत में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रगति समीक्षा करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएसएलसी में कम नतीजों के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी का बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए| केवल दक्षिण कन्नड़ और अन्य जिलों में अच्छे परिणाम आए हैं| डीसीपीआई और जिला प्रभारी सचिव स्कूलों का दौरा करें और देखें कि शिक्षक रुचि के साथ काम कर रहे हैं या नहीं| झूठे बहाने न बनाएं, शिक्षक और डीडीपीआई रुचि लेकर काम करेंगे तो हर जगह अच्छे परिणाम आएंगे| विवेक योजना के तहत स्कूल के कमरों के निर्माण के लिए राशि आवंटित करने में देरी नहीं होनी चाहिए| तत्काल कार्ययोजना तैयार की जाए| उन्होंने जिला कलेक्टर से सवाल किया कि राशि जारी होने के बावजूद स्कूल के कमरे नहीं बनाए गए हैं|

सरकारी स्कूलों में बच्चों की नामांकन दर कम न हो, इसके लिए शिक्षक और अधिकारी अभिभावकों से बात करें| बच्चों को स्कूल छोड़ने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं| क्या डीडीपीआई और बीईओ स्कूलों का दौरा कर रहे हैं? जिला प्रभारी सचिव इस पर ध्यान दें| उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में हर साल नामांकन दर कम हो रही है| उन्होंने सवाल किया कि सरकार बच्चों को अंडे, दूध, रागी माल्ट और छात्रावास की सुविधा देती है, फिर भी बच्चों की नामांकन दर क्यों कम हो रही है| उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारियों से उनके व्यावहारिक अनुभवों के बारे में जानकारी लेकर समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं| इस बात को ध्यान में रखते हुए कि बीज अंकुरित हो रहा है, डीडीपीआई को जिलों में बैठकर काम करने के बजाय पूरे जिले में यात्रा करनी चाहिए| सीएम ने सीईओ से इस मामले की निगरानी करने और अभिभावकों के साथ बैठक कर इस पर चर्चा करने का आग्रह किया|

उन्होंने कहा कि जिन जिलों में परीक्षा परिणाम और बाल नामांकन में राज्य औसत से कम परिणाम आए हैं, उनके सीईओ, उपायुक्त और जिला प्रभारी सचिवों को सख्त निर्देश दिए जाने चाहिए और अगले शैक्षणिक वर्ष तक स्थिति में सुधार होना चाहिए| कल्याण कर्नाटक और हैदराबाद कर्नाटक जिलों के सीईओ को इस मामले पर अधिक ध्यान देना चाहिए और निगरानी करनी चाहिए| कम परिणामों के लिए कारण और बहाने महत्वपूर्ण नहीं हैं, परिणाम लाना महत्वपूर्ण है| उन्होंने कहा कि अगर ईमानदारी से प्रयास किया जाए तो ईमानदार परिणाम आएंगे| जहां पिछड़े लोग, दलित और अशिक्षित लोग हैं, वहां बाल विवाह और बाल गर्भावस्था के मामले सामने आते हैं|

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उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि इसे पर्याप्त रूप से रोका जाना चाहिए| मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उचित ढंग से निगरानी करने तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहने वाले पीडीओ तथा राजस्व कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए तथा जहां आवश्यक हो, दोषी पक्षों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जाए तथा कानूनी कार्रवाई की जाए|

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