2029 चुनाव तक लागू हो जाएगा 33% महिला आरक्षण

सियासी बिसात पर मोदी का अगला तुरुप का पत्ता तैयार

 2029 चुनाव तक लागू हो जाएगा 33% महिला आरक्षण

 नई दिल्ली14 जून (एजेंसियां)। मोदी सरकार 2029 के लोकसभा चुनावों में महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण लागू कर सकती है। सरकार नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही हैजिसके तहत अगले चुनाव में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी।

जनगणना की घोषणा हो चुकी है और उसके बाद अन्य कदम उठाए जाएंगे। महिला आरक्षण विधेयक परिसीमन प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। भाजपा का लक्ष्य अगले चुनाव में इसे लागू करना है। संविधान (128वां संशोधन) विधेयक2023 के अनुसारसितंबर 2023 में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियमलोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों का आरक्षण अधिनियम के अधिनियमन के बाद आयोजित पहली जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रभावी होगा। सरकार ने घोषणा की है कि जाति गणना के साथ-साथ जनगणना के लिए आंकड़े एकत्र करने की प्रक्रिया अगले साल शुरू होगी और इससे 1 मार्च2027 तक देश की जनसंख्या का एक स्नैपशॉट मिलेगा।

अगले लोकसभा चुनावों में महिला आरक्षण को वास्तविकता बनाने के लिए समय रहते परिसीमन पूरा करना होगा ताकि भारत के चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्रों के नए परिसीमन के आधार पर 2029 के चुनाव कराए जा सकें। जनगणना के आंकड़े परिसीमन के लिए महत्वपूर्ण हैंक्योंकि आंकड़े उपलब्ध होने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की सीटों को पुनः समायोजित करने और उनकी क्षेत्रीय सीमाओं को पुनः निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

दक्षिणी राज्यों में इस बात को लेकर चिंता है कि परिसीमन के कारण एक व्यक्तिएक वोटएक मूल्य के संवैधानिक सिद्धांत के अनुरूप लोकसभा में विभिन्न राज्यों को आवंटित सीटों का अनुपात बदल जाएगाजिससे उत्तरी राज्यों की सीटों में उछाल आएगाजहां 1971 के बाद से जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई हैतथा दक्षिणी राज्यों का सापेक्षिक महत्व कम हो जाएगाजहां इसी अवधि में जनसंख्या दर धीमी रही है। वरिष्ठ मंत्रियों ने कहा है कि दक्षिणी राज्यों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं का समाधान किया जाएगा तथा शिकायतों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी जाएगी।

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अगली जनगणना के बाद परिसीमन के लिए संसद को परिसीमन अधिनियम पारित करना होगाजिसके तहत परिसीमन आयोग का गठन किया जाएगा जिससे लोकसभा सीटों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। संविधान के अनुच्छेद 82 में प्रत्येक जनगणना के बाद सीटों के पुनर्समायोजन का प्रावधान है। वर्तमान लोकसभा में जनसंख्या के आंकड़े 1971 की जनगणना के अनुसार हैं क्योंकि 1976 में सीटों का परिसीमन 25 वर्षों के लिए स्थगित कर दिया गया था। 2001 में संविधान संशोधन के माध्यम से अगले 25 सालों के लिए स्थगित कर दिया गया था और 2002 में वाजपेयी सरकार ने कहा था कि इससे परिवार नियोजन को प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं2026 तक संसद द्वारा एक और संवैधानिक संशोधन पारित नहीं किया जाता है तो परिसीमन पर रोक खुद-ब-खुद समाप्त हो जाएगी।

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