स्टालिन ने अब भारत के संघीय ढांचे को चुनौती दी
सुप्रीम कोर्ट सृजित अराजकता का एक और उदाहरण
चेन्नई, 19 अप्रैल (एजेंसियां)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सृजित अराजकता के लगातार कई उदाहरण तमिलनाडु में सामने आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की शह पर तमिलनाडु में राज्यपाल का अनुमोदन लिए बगैर 10 विधेयक पारित कर दिए गए। अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भारत के संघीय ढांचे को ही चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का चरित्र बहुत अनूठा है और वह कभी भी दिल्ली के अधीन नहीं होगा। डीएमके सरकार के मुखिया स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु की भूमि स्वाभिमान और वीरता की भूमि है। इसने कभी वर्चस्व की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु दिल्ली के कंट्रोल से बाहर है।
स्टालिन ने कहा, हम गुलाम नहीं हैं जो धमकी के आगे झुक जाएंगे। सिर्फ अमित शाह ही नहीं, कोई भी शाह हम पर शासन नहीं कर सकता। यह तमिलनाडु है। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 11 अप्रैल को कहा था कि स्टालिन सरकार गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भावनात्मक मुद्दों को हवा दे रही है। उन्होंने विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कही थी। तमिलनाडु सरकार ने भाषाई घृणा फैलाने की सुनियोजित नीति के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की किताबों के नाम पर भी बवाल शुरू कर दिया है।