यूपी के दुर्गम क्षेत्रों में अब सुलभ हो रही स्वास्थ्य सेवाएं: योगी

गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा से जुड़े कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया

यूपी के दुर्गम क्षेत्रों में अब सुलभ हो रही स्वास्थ्य सेवाएं: योगी

लखनऊ : 21 अप्रैल, (एजेंसी)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा भारत-नेपाल सीमा के समीपवर्ती जनपदों के लोगों के लिए उत्तम आरोग्यता का आधार बनी है। यात्रा के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं व अन्य कार्यक्रमों के प्रति जागरूक करके भारत की मुख्य धारा के साथ जोड़ने का अभिनन्दनीय प्रयास किया जा रहा है। संवाद द्वारा वहां के लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री आज यहां गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 5.0 कार्यकर्ता सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा से जुड़े कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा का आयोजन वर्ष 2019 से नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन अवध-गोरक्ष प्रान्त एवं श्री गुरु गोरखनाथ सेवा न्यास द्वारा किया जा रहा है। कोरोना कालखण्ड में भी यह यात्रा अनवरत चलती रही तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में जागरूकता पैदा करती रही। इस यात्रा से जुड़े स्वास्थ्य कार्मिक व कार्यकर्ता तराई क्षेत्र के दुर्गम रास्तों को तय करते हुए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं, उन्हें दवाएं उपलब्ध कराते हैं तथा उनका डाटा तैयार करते हैं। स्वास्थ्य सेवा यात्रा के परिणामस्वरूप आज वहां के लोग सुखद जीवन व्यतीत करने की दिशा में आगे बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में यात्राओं की एक लम्बी श्रंखला रही है। भारत की ऋषि परम्परा ने भारत को जोड़ने के लिए इन यात्राओं का बेहतर उपयोग किया था। आदि शंकराचार्य ने देश को जोड़ने के लिए ‘शंकर दिग्विजय यात्रा’ की थी। धार्मिक यात्राओं के माध्यम से विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए देश के अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों की सुप्त चेतना को जाग्रत करके समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया जाता रहा है। आदिकाल से ही भारत एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में रहा है। राजनीतिक इकाइयों के अलग-अलग होने के बावजूद इन धार्मिक यात्राओं पर प्रतिबन्ध लगाने का काई दुस्साहस नहीं करता था। क्योंकि यह यात्राएं भारत की सनातन आस्था से जुड़ी हुई थीं। यात्राओं के माध्यम से सदैव भारतीय एकात्मकता का संदेश दिया गया। नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन द्वारा गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के माध्यम से भारत और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों को एकता के सूत्र में जोड़ने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में रहने वाली अनुसूचित जनजातियों व घुमन्तु लोगों को वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक विभिन्न सुविधाओं से वंचित रखा गया था। गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के माध्यम से थारू सहित विभिन्न जनजातियों की वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त हुई। प्रदेश सरकार ने तय किया कि कि थारू, मुसहर, कोल, गौड़, चेरो, सहरिया, बुक्सा सहित विभिन्न जनजातियों को विभिन्न सुविधाओं से शत-प्रतिशत सैचुरेट किया जाएगा। सरकार द्वारा इन लोगों को मकान, जमीन का पट्टा, शौचालय युक्त आवास, विद्युत की सुविधा, सड़क, पेयजल, पेंशन, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड सहित विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस क्षेत्र में आंगनबाड़ी केन्द्र, बेसिक शिक्षा के स्कूल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में वनटांगिया समुदाय के 54 गांवों को राजस्व ग्राम की मान्यता प्रदान की। आज यह सभी गांव विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से आच्छादित हैं। वनटांगिया जनजाति को मत देने का अधिकार दिया गया। इस जनजाति के लोगों ने वर्ष 2019 से वोट देना प्रारम्भ किया। कुछ लोगों को वर्ष 2022 व वर्ष 2024 के चुनाव में मतदान करने का अधिकार प्राप्त हुआ। श्रद्धेय नानाजी देशमुख और पूज्य गुरुदेव महन्त अवेद्यनाथ ने थारू जनजातियों के बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल व छात्रावास की व्यवस्था की थी। दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान, माँ पाटेश्वरी देवी मन्दिर सहित विभिन्न संस्थाएं थारू जनजाति से जुड़े लोगों के लिए कार्य करती रही हैं। इन लोगों के मन में भारत की आन-बान-शान का जज्बा है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा मानव सेवा-माधव सेवा, जन सेवा-जनार्दन सेवा को चरितार्थ करती है। दुनिया में भारत के ज्ञान व अध्यात्म की चर्चा होती रही है। सेवा और त्याग भारत की पहचान रही है। हमारे यहां सेवा की एक सुदीर्घ परम्परा रही है, क्योंकि प्रार्थना करने वाले मुख की अपेक्षा सेवा करने वाले हाथ अधिक पुण्य वाले माने गए हैं। गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों में भी कमजोर लोगों की चिकित्सकीय सेवा प्रदान करना प्रशंसनीय कार्य है। वंचितों के प्रति संवेदना, संकल्प व परिश्रम सेवा को चरितार्थ करते हैं। कोरोना कालखण्ड में समाज द्वारा लोगों की सेवा तथा प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में नेत्र कुम्भ के माध्यम से सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया गया। देश में परस्पर सहयोग के इसी प्रकार के मॉडल विकसित होने चाहिए।
Tags: