भारत पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना मेरी जिम्मेदारी है : राजनाथ सिंह
नई दिल्ली, 04 मई (एजेंसी)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ समेत देश भर में सेना के शौर्य का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अब भारत पूरी दुनिया में सम्मान के साथ सिर उठाकर बात करता है। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि पर रक्षा मंत्री राजधानी दिल्ली में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एक समय था जब दुनिया भारत को कमजोर और गरीब देश मानती थी। लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है। भारत एक मजबूत और आत्मनिर्भर देश बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि अब भारत की बात को पूरी दुनिया गंभीरता से सुनती है और सम्मान भी देती है।
राजनाथ सिंह ने कहा, "यह राष्ट्र एक मजबूत नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। देश को सुरक्षा देने वाले सैनिकों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके बलिदान की वजह से ही देश आज सुरक्षित है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाए।"
पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात
नई दिल्ली, 04 मई (एजेंसी)। एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान वायुसेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर वायुसेना की तैयारियों की जानकारी दी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब पाकिस्तान ने हाल ही में अपने कुछ लड़ाकू विमानों को एलओसी के पास तैनात किया है।
मुलाकात में प्रधानमंत्री को वायुसेना की तैनाती और हाल के हवाई अभ्यासों की जानकारी दी गई। बताया गया कि भारतीय वायुसेना ने पिछले 10 दिनों में कम से कम 26 बार गश्त उड़ानें की हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने वायुसेना प्रमुख से युद्ध की स्थिति में नागरिक सुरक्षा के लिए बनाई गई योजना की भी समीक्षा की।
डीआरडीओ का बड़ा कारनामा
स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का सफल परीक्षण, बढ़ेगी भारत की ताकत
नई दिल्ली, 04 मई (एजेंसी)। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मध्य प्रदेश स्थित परीक्षण परिसर में स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म (Stratospheric Airship Platform) का सफल परीक्षण कर लिया है। इस परीक्षण को देश की रक्षा प्रणाली को नई ऊंचाई देने वाला बताया जा रहा है।
परीक्षण के दौरान यह प्लेटफॉर्म 17 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंचा और वहां से लगातार निगरानी करने में सफल रहा। इसे भारतीय वायुसेना और थलसेना की निगरानी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की दिशा में बड़ी सफलता माना जा रहा है।
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह प्लेटफॉर्म दुश्मन की गतिविधियों पर लंबे समय तक नजर रखने में सक्षम है और इसकी मदद से सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई जा सकती है।