कायराना करतूत का बहादुराना जवाब
भारतीय सेना ने ध्वस्त किए पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकाने
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए लिया सिंदूर उजाड़ने का बदला
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सुरक्षा बलों को शुभकामनाएं दीं
हमने उन्हीं को मारा, जिन्होंने मासूमों को मारा : राजनाथ
एक्शन के बाद भारतीय सेना ने कहा: न्याय हुआ, जय हिंद
नई दिल्ली, 07 मई (एजेंसियां)। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने भारतीय महिलाओं के सिंदूर पर पाकिस्तान पोषित आतंकियों द्वारा किए गए आघात का सटीक बदला लिया है। पहलगाम में 15 दिन पहले की गई पाकिस्तान की कायराना करतूत का भारतीय सेना ने बहादुराना जवाब दिया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के सौ किलोमीटर अंदर तक 21 जगहों पर मिसाइल दाग कर आतंकवादियों के नौ ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। भारतीय सेना की तरफ से की गई कार्रवाई पाकिस्तान और पीओके में सक्रिय आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित थी। भारत सरकार ने इस कार्रवाई के बारे में विश्व के शीर्ष नेताओं को आधिकारिक तौर पर विस्तृत जानकारी दे दी है। भारतीय सेना की सटीक कार्रवाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को बधाई दी और कहा, हमारे सुरक्षाबल 140 करोड़ भारतीयों का सपना सुरक्षित रखते हैं और अपना लक्ष्य साधते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, हमारी सेना ने उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। पाकिस्तान पर मिसाइल स्ट्राइक से पहले भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर लिखा, हमले को तैयार, जीतने को बेकरार। साथ ही लिखा- प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:। थोड़ी देर बाद ही पाकिस्तान पर स्ट्राइक की खबर आ गई। फिर सेना ने लिखा, न्याय हुआ, जय हिंद!
ऑपरेशन सिंदूर के साथ ही भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को मिट्टी में मिलाना शुरू कर दिया है। भारतीय सेना ने देर रात पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के नौ ठिकानों पर मिसाइल स्ट्राइक की। बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारतीय सेना ने सटीक हमला करने वाले हथियारों का इस्तेमाल करके दहशतगर्दों को मिट्टी में मिलाने का काम किया। भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हैं। पाकिस्तान स्थित ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल हैं। आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया। भारतीय सेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में उनकी भूमिका के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के इरादे से हमलों के लिए स्थान का चयन किया था।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की तरफ से विंग कमांडर व्योमिका सिंह और थलसेना की तरफ से कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि भारतीय सेना ने उन आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और निर्देशित किया गया था। कुल मिलाकर नौ जगहों को निशाना बनाया गया। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने टारगेट के चयन और हमले के तरीके में काफी संयम दिखाया। यह कदम पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के मद्देनजर उठाए गए हैं, जिसमें 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी। भारत के जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान ने कबूल किया कि भारत की ओर से छह इलाकों में विभिन्न हथियारों से कुल 24 ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन छह इलाकों में हमारे क्षति आकलन के आधार पर आठ पाकिस्तानी मारे गए हैं। 35 घायल हुए हैं और दो लापता हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए पीओके के आतंकी शिविरों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, मुजफ्फराबाद में शवाई नाला कैंप लश्कर-ए-तैयबा का कैंप है। 20 अक्टूबर, 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर, 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप पर स्ट्राइक की भी जानकारी दी, यह जैश-ए-मोहम्मद का कैंप है, जो हथियार, विस्फोटक और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करता है। इसके साथ ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 30 किलोमीटर दूर कोटली में गुलपुर कैंप को भी टारगेट किया गया। यह 20 अप्रैल, 2023 को पुंछ हमले और 9 जून, 2024 को तीर्थयात्रा बस हमले से जुड़े लश्कर आतंकियों का ठिकाना था। इसके अलावा भिमबेर में बरनाला कैंप को भी ध्वस्त किया गया, यह हथियारों और आईईडी की सप्लाई का केंद्र और ट्रेनिंग सेंटर था। ऐसे ही एलओसी से 13 किमी दूर एक अन्य कोटली कैंप में 15 आतंकवादियों की क्षमता वाले लश्कर के फिदायीन को प्रशिक्षित किया जाता था। इसे भी ध्वस्त किया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसद हमले, मुंबई हमले, पुलवामा हमले और पहलगाम हमले के दृश्य दिखाए गए। सबसे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसके बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के शिकार नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए किया गया। नौ ठिकानों की पहचान कर उन्हें बर्बाद किया गया। इन ठिकानों में आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था। ये आतंकियों के लॉन्च पैड थे। ऑपरेशन सिंदूर के लिए इन लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर हुआ। इसमें यह ध्यान रखा गया कि रिहाइशी इलाकों और आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया। 25 भारतीयों और एक विदेशी नागरिक को कायरतापूर्ण तरीके से मार दिया गया। यह मुंबई हमले के बाद आतंकी हमलों में आम नागरिकों के मारे जाने की सबसे गंभीर घटना रही। इस हमले में वहां मौजूद लोगों को करीब से और उनके परिवार के सामने सिर पर गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया। यह नसीहत भी दी गई कि वे हमले का संदेश पहुंचाएं। यह जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के लिए हुआ। इस हमले का उद्देश्य पर्यटन को प्रतिकूल रूप से नुकसान पहुंचाना था। पिछले साल यहां पौने करोड़ पर्यटक आए थे। आतंकियों का यह मकसद था कि इस इलाके को पिछड़ा रखा जाए। हमले का यह तरीका जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में साम्प्रदायिक दंगे भड़काने के उद्देश्य से भी था। हमने प्रयासों को विफल कर दिया। एक समूह ने खुद को रजिस्टेंस फ्रंट कहते हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। यह प्रतिबंधित समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रिपोर्ट में इस संगठन के बारे में इनपुट दिए थे। इससे पाकिस्तान के आतंकी समूहों के मुखौटे के रूप में टीआरएफ की भूमिका सामने आई थी।
उन्होंने कहा, पहलगाम हमला भारत में सीमा पार आतंकवाद को अंजाम देने के पाकिस्तान के लंबे ट्रैक रिकॉर्ड से जुड़ा है। पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकियों की शरणस्थली के रूप में पहचान बना चुका है। वहां आतंकी सजा पाने से बचे रहते हैं। साजिद मीर को पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था, अंतरराष्ट्रीय दबाव में वह जीवित पाया गया, इससे स्पष्ट उदाहरण मिलता है। पहलगाम हमले के बाद भारत के सभी राज्यों में आक्रोश देखा गया। यह आवश्यक समझा गया कि हमले के आरोपियों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। पाकिस्तान ने कार्रवाई करने के लिए कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया। भारत के विरुद्ध आगे भी हमले होने का खतरा है, इसलिए इससे निपटना आवश्यक समझा गया। विदेश सचिव ने कहा कि आज सुबह भारत ने सीमा पार हमलों को रोकने और उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया। यह कार्रवाई नपी-तुली और बिना उकसावे वाली रही। यह भारत भेजे जाने वाले आतंकियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रेस वक्तव्य जारी कर आतंक के प्रायोजितों को न्याय के कटघरे में लाने पर जोर दिया गया था। भारत की कार्रवाई को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने इससे पहले पहलगाम हमले के मद्देनजर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लक्ष्यों, तरीके और समय पर निर्णय लेने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी स्वतंत्रता दी थी। पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।
भारतीय सेना की ओर से सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं। पाकिस्तान में स्थित ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल हैं। आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया। भारतीय सेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में उनकी भूमिका के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के इरादे से हमलों के लिए स्थान का चयन किया था।
सेना ने सटीक हमला करने वाली हथियार प्रणाली का इस्तेमाल किया। इसमें लोइटरिंग म्यूनिशंस यानी कामिकाजे ड्रोंस और सुसाइड ड्रोंस भी शामिल थे। ये ऐसे हथियार हैं, जो सटीक निशाना लगाने से पहले लक्ष्यों के आसपास मंडराते हैं। यूएवी की निगरानी क्षमताओं और मिसाइलों की घातक सटीकता को साथ लाने से यह हथियार दुश्मनों काल साबित होता है। पारंपरिक मिसाइलों के उलट यह सिर्फ पहले से तय किए गए लक्ष्य का पीछा नहीं करते, बल्कि, वे सही समय का इंतजार करते हैं, लक्ष्य के आसपास मंडराते हैं, ट्रैक करते हैं और फिर हमला करते हैं। ऐसे हथियार है, जो एक ही ऑपरेशन में खुफिया जानकारी भी इकट्ठा करते हैं और भारी तबाही मचाते हैं।
भारत ने जिन आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं, उनमें कोटली, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद शामिल है। अभी तक की जानकारियां आधिकारिक तौर पर सामने आईं है, उसके मुताबिक जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल, मसूद अजहर और हाफिज सईद के ठिकाने शामिल हैं। मिसाइलों ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया। इसके अलावा मुजफ्फराबाद के सेंट्रल ग्रिड सिस्टम पर भी मिसाइलों का कहर बरपा। मामले में सबसे बड़ा दावा यह भी किया जा रहा है कि भारत की स्ट्राइक के तहत मुरीदके में आतंकी हाफिज सईद के ठिकानों को भी नेस्तनाबूद किया गया। जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। इसका सरगना वही मसूद अजहर है, जिसे 1999 में कंधार विमान हाईजैक मामले के बाद रिहा करना पड़ा था। आतंकी हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का सरगना है, जो 26/11 के मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है।
छह साल पहले भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। 14 फरवरी, 2019 का वो दिन जिसे भारत कभी नहीं भुला सकता, हमारे सीआरपीएफ के 40 जवान पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए थे और पूरा देश गुस्से में था। हर भारतीय पाकिस्तान से इसका बदला चाहता था, हर कोई जवाब चाहता था और फिर वो जवाब आया 12 दिन के बाद जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सरहद लांघकर बालाकोट में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सम्पूर्ण कैबिनेट ने मेज थपथपाकर देश के सुरक्षाबल की सराहना की और बधाई दी। केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की भी सराहना की। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस रखेगी। प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री और एनएसए अजित डोभाल से भी अलग से मुलाकात की और मौजूदा हालात का जायजा लिया।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कल रात भारतीय सेनाओं ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। भारत की सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ करवाई की है। सेना ने हमारा मस्तक ऊंचा किया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई की। हमने जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें सही समय पर सटीकता के साथ ध्वस्त किया। भारतीय सेना ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। भारत की सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ करवाई की है। हमने जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें ठीक तय योजना के अनुसार सटीकता से ध्वस्त किया है। किसी भी नागरिक ठिकाने नागरिक जनसंख्या को जरा भी प्रभावित न होने की संवेदनशीलता दिखाई है। यानि एक तरीके की सटीकता, सतर्कता और मानवता सेना ने दिखाई है। जिसके लिए मैं हमारे सेना के जवानों और अधिकारियों को पूरे देश की ओर से साधुवाद देता हूं। राजनाथ सिंह ने कहा, सेना को सम्पूर्ण सम्बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी साधुवाद देता हूं। हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है, जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते समय किया था जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे अर्थात केवल उन्हीं को मारा जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सेनाओं ने, ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करके, पहले की तरह ही, इस बार भी, आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाले कैंपों को तबाह करके करारा जवाब दिया है। भारत ने हमलों के जवाब में अपना राइट टू रिस्पॉन्स का इस्तेमाल किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि,हमारी यह कार्रवाई, बेहद सोच-समझकर, सधे हुए तरीके से की गई हैI आतंकियों के हौसले पस्त करने के उद्देश्य से, यह कार्रवाई, महज उनके शिविरों और अन्य संरचनाओं तक ही सीमित रखी गई है। मैं पुनः, हमारी सशस्त्र बलों के शौर्य को नमन करता हूं।