बाहर की दवाएं लिखने से बाज नहीं आ रहे डॉक्टर

डिप्टी सीएम और अस्पताल निदेशक के आदेश बेमानी

 बाहर की दवाएं लिखने से बाज नहीं आ रहे डॉक्टर

लखनऊ, 31 मई (एजेंसियां)। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के लिए डिप्टी सीएम और अस्पताल निदेशक के आदेश बेमानी साबित हो रहे हैं। वह बाहर की दवाएं लिखने से बाज नहीं आ रहे हैं। कई दवाएं पर्चे पर तो कई मेडिकल स्टोर पहुंचने पर फोन से बताते हैं। राजधानी लखनऊ में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और अस्पताल निदेशक के सख्त आदेशों का भी असर बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों पर नहीं पड़ रहा है। वे अब भी मरीजों को बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। कुछ दवाएं मरीज के पर्चे पर लिखी जा रही हैं। बाकी मरीज को मेडिकल स्टोर पर भेजकर बताई जा रही हैं। शुक्रवार को पीड़ित महिला ने अस्पताल प्रशासन से इसकी शिकायत भी की।

नस संबंधी परेशानी से जूझ रहीं हरदोई निवासी रेखा शुक्रवार सुबह बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में पहुंचीं। उन्होंने कमर के नीचे के हिस्से की नस में दिक्कत होने की बात कही। इस पर डॉक्टर ने पर्चे पर दवाएं लिखकर रेखा को बाहर के निजी मेडिकल स्टोर पर भेज दिया। स्टोर संचालक ने 15 दिन की दवा के दो हजार रुपए मांगे। रेखा ने इतने पैसे न होने की बात कहते हुए चार दिन की ही दवाएं ली। इसके बाद अस्पताल प्रशासन से बाहर से दवाएं मंगवाए जाने की शिकायत की। अस्पताल निदेशक डॉ. दिनेश कुमार के मुताबिकजांच में आरोप सही मिले तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बीते दिनों बलरामपुर अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान दो डॉक्टरों को बाहर की दवाएं लिखते पकड़ा गया था।