मुख्यमंत्री आलसी मंत्रियों को कैबिनेट से हटाकर उनकी जगह सक्षम लोगों को शामिल करें: अशोक
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को खुली चुनौती दी है कि वे काम न करने वाले आलसी मंत्रियों को कैबिनेट से हटाकर उनकी जगह सक्षम लोगों को शामिल करें|
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के कामकाज के खिलाफ अपनी आधिकारिक सोशल नेटवर्किंग साइट पर कई पोस्ट करने वाले अशोक ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि निवर्तमान सीएम सिद्धरामैया द्वारा डीसी और सीईओ की बैठक में अधिकारियों को उनके निर्देशों का सख्ती से पालन करने की नसीहत देने की खबर इस बात का प्रतिबिंब है कि कांग्रेस सरकार में प्रशासनिक मशीनरी किस तरह से पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है| कैबिनेट विस्तार की आपकी मांग को हाईकमान क्यों नहीं मान रहा है? क्या यह अप्रत्यक्ष संकेत है कि वे निवर्तमान सीएम हैं? या फिर मुख्यमंत्री वैसे भी बदलने वाले हैं, फिर भी कैबिनेट विस्तार/फेरबदल क्यों?
गरीबों का गुस्सा उनके गुस्से की जड़ है, इसलिए अपना गुस्सा, गर्मी और क्रोध अधिकारियों पर नहीं, बल्कि मंत्रिमंडल के सदस्यों पर दिखाएं| जिस तरह घर के मालिक की तबीयत खराब होने पर परिवार सड़क पर आ जाता है, उसी तरह अगर किसी सरकार में मुख्यमंत्री का नियंत्रण खत्म हो जाए तो प्रशासनिक मशीनरी खाई में गिर जाती है| उन्होंने आलोचना की कि मंत्री मुख्यमंत्री की बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे नौकरशाही में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है| क्या उन्होंने मंत्रियों को जो निर्देश दिए हैं, उनमें से किसी का भी पालन हो रहा है?
वे महीने में एक बार जनता दर्शन भी नहीं करते हैं| वे जिलों का दौरा भी नहीं करते और लोगों की समस्याएं भी नहीं सुनते हैं| सप्ताह में कम से कम तीन दिन कार्यालय में काम करने के निर्देश दिए जाने के बावजूद अधिकांश मंत्री गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक को छोड़कर विधान सौधा में जाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं| उन्होंने आरोप लगाया है कि आउटसोर्स सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारियों को तत्काल मुक्त करने के लिए कहा गया था, फिर भी उन्हें मुक्त नहीं किया गया| किसानों की आत्महत्या के मामलों में मुआवजा देने की जहमत किसी ने नहीं उठाई, जबकि उन्हें तत्काल ऐसा करने के लिए कहा गया था| कई जिलों में पिछले साल का मुआवजा अभी भी लंबित है|
पदभार ग्रहण करने के आरंभ में उन्होंने जो कहा था कि झील के अतिक्रमण को बिना किसी देरी के हटाया जाना चाहिए, उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया| राजकालुवे में अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए शहर भर में घूमने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया| उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जनसम्पर्क आवेदनों का शीघ्र निपटान करने के निर्देश केवल भाषणों तक सीमित थे|