खुद का बिज़नेस शुरू करना बना 'अपराध'!
बेंगलुरु में युवक की बेरहमी से पिटाई, CCTV में कैद हुई गुंडागर्दी
बेंगलुरु, 30 मई(एजेंसी)। क्या भारत में अब खुद का कारोबार शुरू करना गुनाह बन गया है? क्या किसी की तरक्की पर जलना अब खुलेआम हिंसा में बदलता जा रहा है — और पुलिस-प्रशासन बस कागज़ी कार्रवाई में ही व्यस्त है?
भुवनेश्वरीनगर मेन रोड पर स्थित रॉयल चॉइस सैलून एंड स्पा के मालिक संजू को गुरुवार की रात उस वक्त बेरहमी से पीटा गया जब उसने पुरानी नौकरी छोड़कर खुद का छोटा सा बिजनेस शुरू किया। आरोप है कि संजू की पूर्व मालकिन स्मिता उर्फ निशा ने अपनी जलन को बदले में बदल डाला — और अपने साथियों के साथ मिलकर युवक पर खौफनाक हमला किया।
CCTV में कैद गुंडागर्दी — फिर भी क्यों सुस्त है सिस्टम?
इस पूरी घटना की तस्वीरें सीसीटीवी में दर्ज हैं, बावजूद इसके कार्रवाई रेंग रही है। पीड़ित की शिकायत के बाद स्मिता, काव्या और मोहम्मद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लेकिन दो आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं — क्या इसलिए क्योंकि उन्हें सत्ता या पैसे का भरोसा है?
कार में अगवा कर हमला — बीच सड़क पर बीयर की बोतल से पिटाई, आग लगाने की धमकी!
रिपोर्ट के अनुसार, रात करीब 8 बजे हमलावर स्पा में घुसे। संजू का कॉलर पकड़कर घसीटा गया, उसे कार में ठूंस कर जबरन येलहंका से जक्कुर ले जाया गया। रास्तेभर उसे पीटा गया, गालियाँ दी गईं और फिर जक्कुर में बीयर की बोतल से हमला किया गया। हद तो तब हो गई जब स्मिता ने उसे जिंदा जलाने की धमकी दी।
क्या उद्यमिता की राह अब डर और हिंसा से होकर गुजरेगी?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या भारत में कोई युवा अब स्वतंत्र रूप से खुद का काम शुरू नहीं कर सकता? क्या पुरानी मालिक की 'ईगो' अब कानून से ऊपर हो गई है? पुलिस ने कहा है कि दो और आरोपी अभी फरार हैं — मगर कब तक?
व्यवस्था पर उठते सवाल:
-
जब सीसीटीवी फुटेज मौजूद है, तो अब तक सारे आरोपी सलाखों के पीछे क्यों नहीं हैं?
-
पीड़ित की पत्नी की मौजूदगी और पुलिस को दी गई तत्काल सूचना के बावजूद इतने समय तक हमलावरों को क्यों छूट मिली?
-
क्या ये सिर्फ एक व्यक्तिगत दुश्मनी है या इसके पीछे कहीं गहरी 'सिस्टम की लापरवाही' छिपी है?