ममता सरकार ने निर्लज्जता की हद पार कर दी
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में आक्रोश
शर्मिष्ठा के समर्थन में उतरे नीदरलैंड के सांसद, पीएम मोदी से की अपील
शर्मिष्ठा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वालों के पाकिस्तानी लिंक निकले
नई दिल्ली, 02 जून (एजेंसियां)। हरियाणा के गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की कार्रवाई से देशभर में आक्रोश व्याप्त है। पूरा देश कह रहा है कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने निर्लज्जता की हदें पार कर दी हैं। नीदरलैंड के सांसद गीर्ट विल्डर्स शर्मिष्ठा के समर्थन में सामने आए हैं और उन्होंने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सांसद मनन कुमार मिश्र ने भी शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। शर्मिष्ठा के खिलाफ जिस संगठन स्काई फाउंडेशन के सदस्य वजाहत खान कादरी रशीदी ने शिकायत दर्ज कराई थी उसके पाकिस्तान से सीधे लिंक पाए गए हैं। स्काई फाउंडेशन के आका कराची में बैठते हैं और भारत की अंदरूनी स्थितियों में आग लगाने के लिए वजाहत खान कादरी रशीदी जैसे लफंगों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे तत्वों को ममता बनर्जी संरक्षण देती है और निकृष्ट कृत्यों पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने जिस वजाहत खान कादरी रशीदी की शिकायत पर 22 साल की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया है, उसके खिलाफ दिल्ली से लेकर गुवाहाटी तक तीन एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। वजाहत खान कादरी रशीदी की तमाम घिनौनी हरकतें अब सामने आ रही हैं। हिंदू देवी-देवताओं के अपमान, अभद्र टिप्पणियों और उसके सोशल मीडिया पर उगले गए जहर को लेकर वजाहत खान कादरी रशीदी के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज हुई हैं। दो एफआईआर दिल्ली में और एक एफआईआर गुवाहाटी में दर्ज हुई है।
इंटरनेट यूजर्स की जांच में यह तथ्य सामने आया कि वजाहत खान कादरी रशीदी नाम का जो व्यक्ति पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के कथित अपमान से नाराज होकर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा था, वह खुद सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म और हिंदू देवी-देवताओं का बार-बार अपमान करता रहा है। वजाहत ने अपने कृत्यों के लिए कभी माफी नहीं मागी। लेकिन शर्मिष्ठा ने जिस टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी, उसी को आधार बनाकर रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक वजाहत खान कादरी रशीदी ने कोलकाता पुलिस में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और उस विकृत चरित्र के कट्टरपंथी शख्स की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा को 1500 किमी दूर गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया था। वजाहत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की मांग की थी, शिकायत दर्ज कराने की जानकारी साझा की थी और बाद में उसकी गिरफ्तारी का जश्न भी मनाया था।
सोशल मीडिया पर वजाहत की पोस्ट्स इतनी गंधी हैं, उसका सभ्य समाज में जिक्र तक नहीं किया जा सकता। ऐसे हीन लोग बंगाल में ममता बनर्जी की सरपरस्ती में पलते हैं। वजाहत के आपत्तिजनक पोस्ट्स के आधार पर एडवोकेट विनीत जिंदल ने उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस और साइबर क्राइम यूनिट में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने वजाहत पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 194, 195, 356 और आईटी एक्ट की धाराओं 66, 67, 69 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में कहा है कि वजाहत ने हिंदू समुदाय, उनकी मान्यताओं, प्रथाओं और भगवान कृष्ण सहित पूजनीय हस्तियों को निशाना बनाते हुए अभद्र भाषा वाले बार-बार पोस्ट किए हैं। पवित्र ग्रंथों और देवताओं का मजाक उड़ाते हुए यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया है। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से सांप्रदायिक उकसावे की कार्रवाई की है। धार्मिक भावनाओं का उपहास करने और उन्हें भड़काने के उद्देश्य से ग्राफिक गलत सूचना और मॉर्फ की गई तस्वीरें सोशल मीडिया के सार्वजनिक फोरम पर डाली हैं।
एडवोकेट विनीत जिंदल के अनुसार सामग्री में बलात्कारी संस्कृति, मूत्र पीने वाले और हिंदू त्यौहारों, देवताओं और मंदिरों (जैसे, कामाख्या देवी मंदिर) पर अपमानजनक टिप्पणियां शामिल हैं। ये पोस्ट धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का एक स्पष्ट और जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है, जो 194,195,356 बीएनएस और आईटी अधिनियम की धारा 66,67,69 के तहत दंडनीय अपराध है।
अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने कोलकाता के रहने वाले वजाहत खान के खिलाफ दिल्ली में साकेत पुलिस के साइबर अपराध में दूसरी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने लिखा कि कोलकाता स्थित रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक वजाहत खान कादरी रशीदी के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदू धर्म, देवी-देवताओं, त्यौहारों और संस्कृति को निशाना बनाकर आपत्तिजनक, अपमानजनक और भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोप में शिकायत दर्ज की गई है। जिंदल ने कहा कि इन पोस्टों से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, जिसमें वह स्वयं भी शामिल हैं, और इनसे सांप्रदायिक तनाव भड़कने की आशंका है। इस बीच, वजाहत के खिलाफ तीसरी एफआईआर गुवाहाटी में दर्ज कराई गई है। वायस ऑफ असम और शांतनु सैकिया ने ये एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें कामाख्या मंदिर पर दिए उसके घृणित पोस्ट को आधार बनाया गया है। वजाहत खान के खिलाफ बंगाल पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
उधर, शर्मिष्ठा पनोली को डच सांसद गीर्ट विल्डर्स ने अपना समर्थन दिया है और उनकी गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आजादी पर धब्बा बताया है। उन्होंने भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के मामले में भी खुला समर्थन दिया था। नीदरलैंड के सांसद गीर्ट विल्डर्स ने शर्मिष्ठा के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है और शर्मिष्ठा के अधिकारों की रक्षा करने की प्रार्थना की है। वाइल्डर्स ने कहा है, शर्मिष्ठा को गिरफ्तार करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर धब्बा है। वाइल्डर्स ने 2022 में भी भाजपा की नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। उन्होंने कश्मीर के रियासी में हिंदुओं पर हुए हमले के विरोध में भी पक्ष लिया था।
शर्मिष्ठा पर जिस मुस्लिम संगठन ने करवाई एफआईआर, उसके पाकिस्तानी लिंक पाए गए हैं। उस संगठन का कराची में भी ऑफिस है, इसकी पुष्टि हुई है। स्काई फाउंडेशन नामक संगठन के सदस्यों ने कोलकाता में शर्मिष्ठा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। फाउंडेशन के सदस्यों ने यह भी धमकी दी थी कि अगर पुलिस शर्मिष्ठा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो वे कानून अपने हाथ में ले लेंगे और उन्हें मार डालेंगे। स्काई फाउंडेशन के लोगों ने शर्मिष्ठा के गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट परिसर में ही जश्न मनाया।
आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। यहां तक कि कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की निंदा की है। बार काउंसिल के चेयरमैन एवं राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा ने भी इस गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा-सीधा हमला बताया है। मनन मिश्रा ने ममता सरकार की इस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शर्मिष्ठा को तत्काल रिहा किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा, मैं शर्मिष्ठा पनोली के साथ मजबूती से खड़ा हूं। शर्मिष्ठा की हिम्मत ने पश्चिम बंगाल सरकार के पाखंड को पूरे देश के सामने उजागर कर दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की इंतिहा कर रखी है। ममता सरकार की सभी कार्रवाई मुस्लिम तुष्टिकरण के ही दायरे में होती है।
बार काउंसिल प्रमुख ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार के इशारे पर वहां की पुलिस लगातार हिंदुओं को निशाना बना रही है। जबकि टीएमसी से जुड़े लोगों द्वारा अपराध किए जाने पर पुलिस चुप्पी साध लेती है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में मरीचझापी नरसंहार, नंदीग्राम हिंसा, राजनीतिक हत्याएं और हाल ही में मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में कथित तौर पर राज्य सरकार की मिलीभगत की तरफ भी इशारा किया।
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