जमानत नहीं दी तो क्या आसमान टूट पड़ेगा!

 बंगाल में तहस-नहस हो गई नारी प्रतिष्ठा की संस्कृति

जमानत नहीं दी तो क्या आसमान टूट पड़ेगा!

शर्मिष्ठा की अर्जी पर हाईकोर्ट ने की फूहड़ टिप्पणी

शर्मिष्ठा को जेल में मिल रही धमकियां, एनएचआरसी ने की पुष्टि

कलकत्ता, 03 जून (एजेंसियां)। बंगाल की संस्कृति मां-बेटियों को सम्मान देने और उनकी पूजा करने के लिए विख्यात रही है। उस बंगाल में न्यायालय तक का चारित्रिक स्खलन इस स्तर पर पहुंच गया है कि एक मासूम लड़की को जेल में भी बलात्कार करने और सिर तन से जुदा करने जैसी गंदी धमकियां दी जा रही हैं। जेल में उसे अशुद्ध पानी दिया जा रहा है और उसे जरूरी दवाइयां भी नहीं दी जा रही हैं। लेकिन अदालत कहती है कि जमानत नहीं देने से कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा। चरित्र और नैतिकता का आसमान टूट ही चुका है, यह देखने की नैतिक शक्ति न पश्चिम बंगाल सरकार के पास बची है न सत्ता-चाटुकार अदालतों के पास। जिस व्यक्ति की शिकायत पर कलकत्ता की अदालत ने एक छोटी बच्ची का मान-मर्दन किया, वह शख्स देवी कामाख्या समेत अन्य हिंदू देवी-देवताओं पर गंदी टिप्पणी करने के मामले में कुख्यात है। लेकिन उस पर कार्रवाई करने में ममता सरकार को कोई रुचि नहीं है और अदालतों को उस पर संज्ञान लेने की फुर्सत है। उसे तो पहलगाम में हिंदुओं को चुन-चुन कर मारे जाने की निंदा करने वाले संजीदा हिंदुओं को निपटाने की जल्दी है।

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 वर्षीय छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को जमानत देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि शर्मिष्ठा को जमानत नहीं देने से कोई आसमान नहीं गिर पड़ेगा। टिप्पणी का यह स्तर कलकत्ता हाईकोर्ट का है। इससे आप निचली अदालतों का स्तर समझ सकते हैं। इससे पहले कलकत्ता स्थित अलीपुर कोर्ट ने 31 मई को शर्मिष्ठा के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था और उसे 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया था।

जेल में शर्मिष्ठा पनोली को मिल रही गंदी धमकियों और गंदा पानी की शिकायतों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग ने बंगाल सरकार से त्वरित रूप से जवाब मांगा है और शर्मिष्ठा की हिफाजत का पूरा ध्यान रखने की सख्त हिदायत दी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा, शर्मिष्ठा को गिरफ्तार होने के बाद से बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैंजिसके बाद आयोग ने यह कदम उठाया है। मानवाधिकार आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी से शर्मिष्ठा की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। साथ हीहरियाणा सरकार से भी पूछा है कि क्या गिरफ्तारी के दौरान सभी नियम-कानूनों का पालन किया गया थाउल्लेखनीय है कि कलकत्ता पुलिस ने पिछले दिनों हरियाणा के गुरुग्राम आकर शर्मिष्ठा को गिरफ्तार कर लिया और गुरुग्राम प्रशासन मुंह ताकता रहा।

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शर्मिष्ठा की तरफ से अलीपुर जिला अदालत में दाखिल याचिका में कहा गया था कि उन्हें जेल के अंदर अन्य कैदियों से कई तरह की धमकियां मिल रही हैं। शर्मिष्ठा ने कहा था कि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है। शर्मिष्ठा को अलीपुर के महिला सुधार गृह में रखा गया है। उन्होंने याचिका में कहा है कि इस महिला सुधार गृह में न सही से साफ-सफाई होती है, न ही यहां पीने का साफ पानी दिया जाता है। शर्मिष्ठा ने यह भी बताया कि उन्हें बीमारियां भी हैं और इस महिला सुधार गृह में उन्हें इलाज या दवा की कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है। शर्मिष्ठा ने सुरक्षा दिए जाने की मांग की है। लेकिन विडंबना है कि इस जरूरी मुद्दे पर सुनवाई के लिए अलीपुर कोर्ट को फुर्सत नहीं है। बेशर्म पश्चिम बंगाल सरकार ने शर्मिष्ठा को राहत देने की मांग का पुरजोर विरोध किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने यह भी प्रयास किया था कि शर्मिष्ठा की जमानत अर्जी पर सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट में गर्मी की छुट्टियों के बाद हो, ताकि उसे पूरे गर्मी की छुट्टी के दरम्यान जेल में ही रहना पड़े। कलकत्ता हाईकोर्ट में अब गुरुवार 5 जून को सुनवाई होनी है।

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उधर, मां कामाख्या पर गंदी टिप्पणी करने वाले वजाहत खान को जैसे ही असम पुलिस ने मांगावैसे ही उसे बचाने के लिए बंगाल पुलिस ने भी उस पर एफआईआर कर दिया, ताकि असम पुलिस वजाहत को बंगाल से न ले जा सके। वजाहत फरार है, लेकिन बंगाल की अदालतें निश्चिंत हैं। मां कामाख्या पर गंदी टिप्पणी करने वाले वजाहत खान को लेकर असम पुलिस जैसे ही सतर्क हुई, कलकत्ता पुलिस ने उसके खिलाफ गार्डन रीच थाने में 2 जून को झटपट एफआईआर दर्ज कर दी।

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उसी इस्लामी कट्टरपंथी वजाहत खान ने इस्लाम के कथित अपमान पर शर्मिष्ठा पर एफआईआर कराई थी। वजाहत के पाकिस्तान से सीधे लिंक पकड़े गए हैं। लेकिन मुस्लिम तुष्टिकरण में अंधी हो चुकी ममता सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं। यह सामने आ चुका है कि वजाहत ने मां कामाख्याभगवान कृष्ण समेत तमाम हिंदू देवी-देवताओं पर लगातार अपमानजनक टिप्पणियां कर रहा था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, वजाहत खान के खिलाफ मां कामाख्या पर अपमानजनक टिप्पणियां करने के मामले में एक केस दर्ज किया गया है। अब असम पुलिस पश्चिम बंगाल जाएगी और आगे की कार्रवाई करेगी। हम पश्चिम बंगाल पुलिस से इस मामले में सहयोग मांगेंगे ताकि आरोपी को असम में कार्रवाई के लिए लाया जा सके।

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