मुस्लिम देशों ने भी नहीं दिया आतंकी मुल्क का साथ
कहीं नहीं चला पाकिस्तान का मुस्लिमवाद का कुचक्र
कई देशों की यात्रा कर लौट रहा भारतीय प्रतिनिधिमंडल
नई दिल्ली, 04 जून (एजेंसियां)। पाकिस्तान का मुस्लिमवाद का कुचक्र किसी भी मुस्लिम देश पर नहीं चला। ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न इस्लामिक देशों की यात्रा पर गए भारतीय प्रतिनिधिमंडलों के प्रति इस्लामिक देशों ने अपना समर्थन जताया और आतंकवाद पालने वाले पाकिस्तान को धिक्कारा। इस्लामिक देशों ने भी पाकिस्तान जैसे आतंकी मुल्क का साथ देने के परहेज कर लिया। कई देशों की यात्रा कर भारतीय प्रतिनिधिमंडल क्रमशः भारत लौट रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 देशों की राजधानियों का दौरा कर रहे हैं। अलग-अलग दलों में शामिल 51 सांसदों के अलावा कई राजनयिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और नौकरशाहों की टीम पाकिस्तानी दुष्प्रचार को धराशाई करने में जुटे हैं। इन शिष्टमंडलों में शामिल सभी लोग दहशतगर्दों के पनाहगाह पाकिस्तान और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों को अलग-अलग मंचों पर बेनकाब कर रहे हैं। सभी शिष्टमंडलों ने अल्जीरिया, डेनमार्क, ब्रिटेन,
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, कि जब सभी लोग मिलकर भारत के लिए आवाज उठा रहे हैं, और सभी सांसद एकजुट होकर अपना पक्ष रख रहे हैं, तो राहुल गांधी को यह समझ लेना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीति काम नहीं आएगी। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का चौथा दल दिल्ली पर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने यूएई, लाइबेरिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और सिएरा लियोन का दौरा किया।
मिस्र के पूर्व विदेश मंत्री नबील फहमी ने कहा, मेरे भारत के साथ बहुत पुराने संबंध रहे हैं। लंबे समय तक विदेश सेवा में रहने के कारण और पीढ़ियों से चले आ रहे राजनीतिक संबंधों के कारण। मैंने भारत को अपने क्षेत्र में आर्थिक और राजनीतिक रूप से विकसित होते देखा है और निश्चित रूप से मध्य पूर्व में हमने जो कुछ किया है, उस पर मुझे गर्व है। मैं मिस्र में एक उच्च-स्तरीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल को देखकर बहुत खुश था क्योंकि यह भारत की पूरी आवाज को दर्शाता है। मैं स्पष्ट रूप से अपने पक्ष को भी यहां विभिन्न राजनीतिक समर्थन वाले प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए प्रेरित करूंगा ताकि हम भारतीयों से हमारे क्षेत्र में क्या हो रहा है, इसके बारे में बात कर सकें, चाहे वह अरब दुनिया हो या मध्य पूर्व और अफ्रीका, क्योंकि मिस्र की स्थिति अनूठी है।
उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय आधिकारिक संबंधों के अलावा जिसका नेतृत्व स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी कर रहे हैं, उन स्थितियों को ठोस कार्रवाई में बदलना महत्वपूर्ण है। हम वास्तव में संयुक्त राष्ट्र में अग्रणी देशों में से थे जो आतंकवाद को परिभाषित करने और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे थे कि आतंकवाद के कृत्यों से पहले और बाद में अंतरराष्ट्रीय सहयोग हो। मुझे यकीन है कि कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है, कोई वित्तपोषण नहीं है। अब आपको इस क्षेत्र में एक मित्र और भागीदार मिल गया है। हम हमेशा देखना चाहते हैं कि कैसे चीजों को खत्म कर सकते हैं, इसलिए हम आतंकवादियों के साथ समझौता नहीं करेंगे।
वहीं, कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि हम इस तथ्य से उत्साहित हैं कि मित्र देशों ने भारत की स्थिति को समझ लिया है। उन्होंने भारत पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। हमने आतंकवाद के खिलाफ व्यापक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में अपने लंबित प्रस्ताव के बारे में भी बात की और हमें इस संबंध में समर्थन का आश्वासन भी मिला। काहिरा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि एक ऐसा देश जो अमेरिका के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई से पैसा निकाल सकता है और अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन (ओसामा बिन लादेन) को शरण दे सकता है, जिसकी तलाश पूरी दुनिया कर रही है, वह पाकिस्तान के दोहरे चरित्र का सबसे बड़ा सबूत है।
एनसीपी (पवार) नेता सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के ग्रुप 7 के सदस्य और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कहा कि कतर, साउथ अफ्रीका, इथोपिया और अब मिस्र में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 140 करोड़ देशवासियों का स्पष्ट संदेश लेकर आए हैं कि कैसे सीमापार से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद बार-बार भारत के निर्दोष लोगों की जान लेता है। भारत पर बार-बार पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के हमले होते हैं, जो भारत के आर्थिक विकास पर प्रहार करने का प्रयास करते हैं। हम लगातार शांति, भाईचारा, सद्भावना बनाने का काम करते हैं उस पर बार-बार पाकिस्तान द्वारा चोट पहुंचाई जाती है। हमने दुनियाभर के देशों को बताया कि कैसे वित्त, रसद प्रबंधन, प्रशिक्षण और सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान संरक्षण देता है। आतंकवादियों के ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडा दिखाता है कि ये पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है। दुनियाभर के देशों ने एक स्वर में हमले की निंदा की है, भारत के प्रति संवेदनाएं दी हैं और अपना विश्वास व्यक्त किया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वे भारत के साथ खड़े हैं।
मिस्र की राजधानी काहिरा में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने जब 2014 में पहली बार शपथ ली थी, तो उन्होंने एक प्रयास किया था जो निरंतरता का हिस्सा था। उन्होंने शपथ समारोह के लिए सभी को भारत आमंत्रित किया था, और हमें विश्वास था कि हम सब मिलकर काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह एक बढ़ता हुआ महाद्वीप बने और पूरी दुनिया को शांति का संदेश दे, लेकिन जब यह हमला हमारे निकटतम पड़ोसी से हुआ, तो यह हमारे लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक था। हम भारतीय के रूप में यहां दुनिया को यह बताने आए हैं कि वास्तव में क्या हुआ है।
सुप्रिया सुले ने कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की तहे दिल से आभारी हूं कि उन्होंने हम पर विश्वास दिखाया। हमारे पूरे प्रतिनिधिमंडल ने जिस-जिस से मुलाकात की सभी ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ हैं और ऑपरेशन सिंदूर में भारत के साथ हैं। हर बैठक में ये बात सामने आई है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता वे केवल आतंकवाद होता है। हमारे भारत में हम विविधता में साथ रहते हैं। लंदन में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जहां तक आतंकवाद का सवाल है, पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी चाहिए। यह सामूहिक प्रयास होना चाहिए। बिना किसी जवाबदेही के वहां इतना अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण क्यों हो रहा है, यह पैसा कहां जा रहा है, क्या यह हथियार खरीदने या पाकिस्तान के लोगों की गरीबी दूर करने के लिए जा रहा है? मैं समझता हूं कि पाकिस्तान ने आईएमएफ से 25 बार ऋण लिया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार की ओर से भेजे गए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में से एक दल अलग-अलग देशों का दौरा करने के बाद भारत लौट आया है। भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में चार प्रमुख मु्स्लिम देशों का दौरा करने वाला बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को भारत लौटा। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बैठक में प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों की सराहना की। इस प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा किया और भारत का पक्ष रखा। मीडिया से बात करते हुए बैजयंत पांडा ने कहा कि यह एक सफल यात्रा थी, क्योंकि सभी देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन किया है। पांडा ने कहा कि ये देश भारत को उसके आर्थिक विकास के कारण अवसरों के देश के रूप में देखते हैं और न केवल आतंकवाद के मुद्दे पर बल्कि अन्य मामलों पर भी उसके साथ काम करना चाहते हैं। एजेंसी
पांडा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत की दंडात्मक सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा की है। जयशंकर के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद शृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया साझा की और मंत्री ने उन्हें उनके बहुत सफल दौरे के लिए बधाई दी। पूर्व राजनयिक ने कहा कि उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा के उद्देश्य पूरे हुए। दिल्ली वापस लौटने पर जेडी (यू) सांसद संजय झा ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का सबसे बड़ा संदेश यह रहा कि इस मुद्दे पर पूरा देश एकजुट है। पहलगाम की घटना की सभी ने निंदा की है। जिस तरह से भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला किया और आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, उसकी भी प्रशंसा हुई है। हमने हर उस जगह जहां हम गए आग्रह किया कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
मलेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन दिया है। उसका कहना है कि इस्लाम किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता। इसलिए भारत को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की मलेशिया यात्रा को रोकने की कोशिश में पाकिस्तान ने एक बार फिर मुंह की खाई है। आतंकी मुल्क ने मलेशिया सरकार से मुस्लिम देश होने की दुहाई तक दे डाली। हालांकि मलेशिया ने पाक के इस पैंतरे को ठुकरा दिया और प्रतिनिधिमंडल से बेहतरीन मुलाकात की।
पाकिस्तानी दूतावास ने मलेशिया से कहा, आप भी मुस्लिम देश हैं और हम भी मुस्लिम देश हैं। ऐसे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बात न सुनकर उनके दौरे को रद्द करना चाहिए। इस पर मलेशिया ने भारत के साथ अपने संबंधों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप को सिरे से ठुकरा दिया। पहलगाम आतंकी हमले के जवाबी एक्शन में चलाए गए मिशन ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालत पस्त है। वहीं भारत के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर के अलग अलग देशों में दौरा कर देश की के पक्ष को मजबूती से दर्शा रहे हैं। इससे तिलमिलाया आतंकी मुल्क अलग-अलग हथकंडे अपना रहा है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका, गुयाना, कोलंबिया, ब्
भारतीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार 2 जून को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर पहुंचा। यहां उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की पार्टी केदिलन राक्यत और डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजित इरादों को मलेशिया के सामने रखा और पहलगाम हमलों और ऑपरेशन सिंदूर की वस्तुस्थिति स्पष्ट की।
इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर मिशन के बाद मलेशिया ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। लेकिन अब उसने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत कर भारत की बात सुनी है। मलेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन दिया है। देश का कहना है कि इस्लाम किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता। इसलिए पहलगाम में हुए हमले को लेकर ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। अपने दौरे में प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर चर्चा की। मलेशिया ने इस पर कहा कि दोनों देशों के रिश्ते 100 वर्षों से भी पहले से हैं। यहां 20 लाख भी अधिक भारतीय लोग रहते हैं। यही मलेशिया और भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों की प्रगाढ़ता दिखाता है। संजय झा के साथ प्रतिनिधिमंडल सभी देशों की यात्रा कर वापस भारत लौट आया है। दूसरी तरफ, एआईएमआईएम के नेता सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने खाड़ी देशों के सामने पाकिस्तान की पोल खोली और साथ ही वहां की सेना के प्रमुख आसिम मुनीर की भी धज्जियां उड़ाईं। ओवैसी ने खाड़ी देशों को बताया कि किस तरह पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान कई वर्षों से भारत में आतंकवाद फैला रहा है। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले से पहले 15 अप्रैल को पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के भड़काऊ भाषण का भी हवाला दिया।