कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना रिपोर्ट लागू करने पर चर्चा होने की संभावना
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| अगली कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना पर चर्चा और निर्णय होने की संभावना है, और विवाद दूसरे स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है| उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार जाति जनगणना रिपोर्ट के क्रियान्वयन को लेकर आगे बढ़ रही है| कुछ लोग दबाव बना रहे हैं कि अचानक निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए| पता चला है कि तथ्यों का अध्ययन करने के लिए एक उप-कैबिनेट समिति बनाई जानी चाहिए और रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जानी चाहिए| हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि कैबिनेट में तीन-चौथाई मंत्री इस बात पर अड़े हैं कि रिपोर्ट को लागू किया जाना चाहिए|
केंद्र सरकार जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है| इसलिए, विपक्षी दलों के पास यह कहने का कोई उचित आधार नहीं है कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण रिपोर्ट असंवैधानिक या जनविरोधी है| एक तरह से, हमारे लिए जवाब देने का यह सही समय है| इसलिए, ऐसा कहा जाता है कि मंत्री दबाव बना रहे हैं कि सर्वेक्षण रिपोर्ट को बिना देरी के लागू किया जाना चाहिए|
लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय ने रिपोर्ट का सीधा विरोध किया है और चेतावनी दी है कि अगर इसे लागू किया गया तो वे कड़ा विरोध करेंगे| इसके बावजूद मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने एक साहसिक फैसला लिया है| अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण के मुद्दे पर उचित निर्णय न होने के कारण सरकार की नियुक्तियां और पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है|
अगर इस समय जाति जनगणना का क्रियान्वयन किया जाता है तो और भी भ्रम की स्थिति पैदा होगी| आरक्षण में संशोधन की मांग बढ़ेगी| आरक्षण में संशोधन ऐसा मुद्दा नहीं है जिसका इस समय समाधान हो सके| जाति जनगणना रिपोर्ट के क्रियान्वयन को लेकर चर्चा जारी रहने के साथ ही आरक्षण में संशोधन की मांग भी तेज होगी| इससे नियुक्तियों और पदोन्नति में दिक्कतें आएंगी| कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि कैबिनेट उपसमिति बनाकर मामले को फिलहाल टाल देना बेहतर होगा| पिछले गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होनी थी| हालांकि, चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ की घटना के कारण पैदा हुए शोकाकुल माहौल के कारण सरकार ने जाति जनगणना को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है| संदेश यह दिया गया है कि अगली कैबिनेट बैठक में उचित निर्णय लेना जरूरी है|
मुख्यमंत्री ने जाति जनगणना पर सभी संबंधित मंत्रियों को लिखित राय देने का निर्देश दिया था| लेकिन बताया जाता है कि अधिकांश मंत्रियों ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है| यह भी पता चला है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ऐसे मंत्रियों पर जल्द ही लिखित राय देने का दबाव बना रहा है|