सरकार दो और अधिकारियों को ’बलि का बकरा’ बनाने पर कर रही विचार
आरसीबी विजय दिवस हादसा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान शहर के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ के सिलसिले में दो और अधिकारियों को अनुशासित करने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है|
राज्य की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश और प्रशासन एवं कार्मिक सुधार विभाग (डीपीएआर) की सचिव सत्यवती को अनिवार्य अवकाश पर जाने का निर्देश दिए जाने की संभावना है| डीपीएआर सचिव सत्यवती जून के अंत तक सेवानिवृत्त हो जाएंगी| नियमों के अनुसार, यदि कोई सरकारी अधिकारी एक महीने के भीतर सेवानिवृत्त होता है, तो उसका तबादला या सेवा से निलंबित नहीं किया जा सकता है, इसलिए सूत्रों ने बताया कि सत्यवती को अनिवार्य अवकाश पर जाने का निर्देश दिए जाने की संभावना है| यदि इन दोनों अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है, तो यह भगदड़ मामले में १३ अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के समान होगा|
चूंकि शालिनी रजनीश सरकार की मुख्य सचिव हैं, इसलिए उन्हें समकक्ष पद दिया जाना चाहिए| यदि उनका तबादला होता है, तो उन्हें किसी निगम बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए| इसके बजाय, पता चला है कि उन्हें भी अनिवार्य अवकाश पर जाने के लिए कहा जा सकता है| पता चला है कि इस दुर्घटना का मुख्य कारण बुधवार को विधानसभा के सामने सरकार द्वारा आरसीबी टीम के लिए आयोजित सम्मान समारोह का जल्दबाजी में आयोजन था| कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर गिरीश द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अचानक बड़े पैमाने पर समारोह आयोजित किए जाने पर सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं था| इसलिए उन्होंने कार्यक्रम आयोजित न करने की सलाह दी थी|
हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के करीबी और शुक्रवार को अपना पद गंवाने वाले एक प्रमुख व्यक्ति ने इंस्पेक्टर गिरीश को डांटा और कहा कि उन्हें सत्यवती और शालिनी रजनीश ने जो कहा है, उसे बिना चूके करना चाहिए| अन्यथा, कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन से स्थानांतरित करने की धमकी दी| सत्यवती और शालिनी रजनीश ने एक वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशों का पालन करने के अलावा शहर के पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, डीसीपी और खुफिया प्रमुख सहित किसी को भी कार्यक्रम के बारे में सूचित नहीं किया|
बताया जा रहा है कि भगदड़ की मुख्य वजह यह थी कि इन दोनों ने अपने वरिष्ठों के निर्देशानुसार जल्दबाजी में कार्यक्रम आयोजित किया था| इन दोनों महिला अधिकारियों के व्यवहार से लोगों में काफी नाराजगी है और सीएम पर दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का दबाव बनाया गया है| इसी मामले में पहले ही बेंगलूरु सिटी पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर विकास कुमार, डीसीपी शेखर, एसीपी बालकृष्ण, इंस्पेक्टर गिरीश, खुफिया प्रमुख हेमंत निंबलियार, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के. गोविंदराज और अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है| इसके बाद दोनों महिलाओं पर कार्रवाई की जा रही है|