विजय माल्या ने ९ साल बाद तोड़ी चुप्पी
किंगफिशर का बकाया चुकाने की कोशिश की थी
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने करीब एक दशक में पहली बार सार्वजनिक बातचीत में दावा किया कि किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद २०१२ से २०१५ के बीच उन्होंने बैंकों को कई बार सेटलमेंट ऑफर किए, लेकिन वे सभी खारिज कर दिए गए| माल्या ने जोर देकर कहा मेरा हमेशा से सेटलमेंट करने का इरादा था| मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भुगतान नहीं करना चाहता|
उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष से मुलाकात की थी और सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने कहा कि बैंकों ने पूरे १४,००० करोड़ रुपये की मांग के कारण अस्वीकार कर दिया था| इस साल की शुरुआत में, माल्या ने अपने वकील के माध्यम से कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया कि लगभग ६,२०० करोड़ रुपये पहले ही वसूल किए जा चुके हैं, जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि १४,००० करोड़ रुपये वसूल किए गए हैं| २०१६ से यूके में रह रहे माल्या पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, मनी लॉन्ड्रिंग और ऋणों के दुरुपयोग के आरोप हैं|
किंगफिशर एयरलाइंस और यूनाइटेड ब्रेवरीज (होल्डिंग्स) लिमिटेड सहित उनकी कई कंपनियों को कंपनी अधिनियम और पूंजी बाजार मानदंडों के तहत उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है| किंगफिशर एयरलाइंस के पतन पर बात करते हुए माल्या ने कहा कि उन्होंने एयरलाइन का आकार घटाने की अनुमति के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से संपर्क किया था| उन्होंने आरोप लगाया कि मुखर्जी ने उन्हें परिचालन ‘जैसा है’ वैसा ही जारी रखने की सलाह दी, जिससे कंपनी की मुश्किलें शुरू हो गईं| उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किंगफिशर एयरलाइंस ने कभी भी एसबीआई से सीधे उधार नहीं लिया, लेकिन २००८ में किंगफिशर के डेक्कन एविएशन के साथ विलय के बाद बैंक ऋणदाता बन गया| विलय की गई इकाई को एसबीआई सहित १७ बैंकों के एक संघ द्वारा समर्थन दिया गया था| माल्या ने कहा कि बैंकों ने एयरलाइन की योजनाओं का मूल्यांकन किया था और कंपनी की कमजोर साख के बावजूद तत्कालीन वित्त मंत्रालय से समर्थन के आधार पर ऋण स्वीकृत किए थे|
उन्होंने कहा कि उन्होंने एयरलाइन को चालू रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से यूबी होल्डिंग्स से ३,००० करोड़ रुपये डाले| धन की हेराफेरी के आरोपों का खंडन करते हुए माल्या ने कहा मैंने जो धन नकदी में डाला है, उसके बारे में कोई बात नहीं करता| मैंने अपनी व्यक्तिगत गारंटी दी है| क्या कोई चोर ऐसा करता है? उन्होंने उद्यमी किरण मजूमदार शॉ का हवाला दिया, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि माल्या ने किंगफिशर के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया| उन्होंने कहा लेकिन इसकी सराहना नहीं की जाती| यह दुखद है|
माल्या ने मीडिया और सरकार पर भी निशाना साधा और उन पर उनके खिलाफ कहानी गढ़ने का आरोप लगाया| इसलिए मैंने पिछले नौ सालों में इस बारे में कोई चिंता नहीं की| उन्होंने जोर देकर कहा कि बरामद किए गए १४,००० करोड़ रुपये में उनके निजी शेयर और संपत्तियां शामिल हैं| उन्होंने बेंगलूरु में ऋण वसूली न्यायाधिकरण से शमनी के दस्तावेज दिखाते हुए कहा कोई भी शेयर के मूल्य का सपना नहीं देखता| उन्होंने कहा विजय माल्या ने कभी किसी से एक रुपया भी उधार नहीं लिया| किंगफिशर एयरलाइंस ने उधार लिया और मैं गारंटर था| दोनों में बहुत अंतर है|

