कश्मीरी सेबों को दिल्ली ले जाने के लिए सीधी मालगाड़ी की मांग
जम्मू, 13 जून (ब्यूरो)। कश्मीर वादी में अब वंदे भारत ट्रेन के चालू होने से फल उत्पादक आशा से भर गए हैं और अगले कदम की मांग कर रहे हैं। उनकी नजर में अगला कदम कश्मीर से दिल्ली और अन्य प्रमुख बाजारों तक सेबों को सीधे पहुंचाने के लिए एक समर्पित मालगाड़ी सेवा है। कश्मीर वादी फल उत्पादक-सह-डीलर संघ के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर कहते हैं कि हाल ही में दिल्ली में चेरी की सफल रेल शिपमेंट ने नई संभावनाओं को खोल दिया है। उनका कहना है कि यह एक सकारात्मक शुरुआत थी, लेकिन चेरी की शेल्फ लाइफ कम होने के कारण उन्हें कटरा में फिर से लोड किया गया। यह मॉडल सेब के लिए काम नहीं करेगा, जिन्हें थोक में ले जाया जाता है।
हालांकि, कश्मीर के उत्पादकों को लंबे समय से रसद संबंधी बाधाओं से जूझना पड़ रहा है। प्रत्यक्ष माल ढुलाई गलियारे की अनुपस्थिति के कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से सड़क परिवहन पर निर्भर करती है जो एक महंगा भी होता है और काफी समय लेता है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के एक अन्य सेब उत्पादक जहांगीर अहमद कहते हैं कि सीधी ट्रेन से बेहतर कुछ नहीं है। यह कश्मीर के सेब उत्पादकों के लिए एक सपने के सच होने जैसा होगा। इससे समय की बचत होगी, क्योंकि सेब की आपूर्ति में समय कीमती होता है। अगर अनुमति दी गई तो हमारा सेब न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पहले ही पहुंच जाएगा।
बशीर कहते हैं कि कश्मीर से दिल्ली तक एक सीधी मालगाड़ी समय की मांग है। रेलवे अधिकारियों ने हमें बताया है कि यह तकनीकी रूप से संभव है क्योंकि ट्रैक वही है। अब हमें केंद्र सरकार की सहमति की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रस्तावित सेवा को कश्मीर के बागवानी क्षेत्र के लिए गेम चेंजर बताते हुए हरी झंडी देंगे। बारामूला के एक अन्य सेब उत्पादक शब्बीर अहमद कहते हैं, कश्मीर में रेल लाइन के विस्तार ने पहले ही नींव तैयार कर दी है। ट्रैक तैयार है। अगर सरकार मंजूरी देती है तो एप्पल एक्सप्रेस एक वास्तविकता बन सकती है। उनकी नजर में राजमार्ग अविश्वसनीय है। और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इसे अगले साल तक जरूर पूरा करेंगे।
कश्मीर में भारत के कुल सेब उत्पादन का लगभग 75 प्रतिशत होता है। सेब उत्पादन एवं व्यवसाय क्षेत्र से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाखों लोग जुड़े हैं। रेड डिलीशियस, महाराजी और अमेरिकन एपल जैसी लोकप्रिय सेब की किस्मों को कश्मीर से भारतीय बाजारों में व्यापक रूप से निर्यात किया जाता है। बशीर कहते हैं कि एक समर्पित मालगाड़ी परिवहन लागत को कम करेगी और समय पर, ताजा डिलीवरी सुनिश्चित करेगी।