मासिक निरीक्षण में पैरासिटामोल की गोलियां गुणवत्ता में विफल पाई गई: मंत्री गुंडूराव
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा किए जाने वाले मासिक निरीक्षण में पैरासिटामोल की गोलियां गुणवत्ता में विफल पाई गई हैं|
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पहले केवल छोटी दवाओं की ही जांच की जाती थी| उन्होंने विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए और सभी दवाओं की जांच दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई| इसके अनुसार हर महीने दवाओं, सौंदर्य उत्पादों और सौंदर्य प्रसाधनों के नमूने लिए गए और उनकी जांच की गई|
उन्होंने कहा कि केसर और पैरासिटामोल की दवाएं गुणवत्ता में विफल पाई गई हैं| दवाओं की नियमित जांच और गुणवत्ता में कमी होने पर दवाओं को वापस लेने की सुविधा के लिए एक विशेष नीति बनाई जा रही है| इसके अनुसार भविष्य में खराब गुणवत्ता वाली दवाओं, सौंदर्य उत्पादों, सौंदर्य प्रसाधनों और खाद्य उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों की जांच की जाएगी और खराब पाए जाने पर आपराधिक मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी| उन्होंने यह भी कहा कि उक्त सामान को बाजार से पूरी तरह वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी| इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर एक कानून बनाया जाना चाहिए| इसके लिए हमने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था| हमें वहां से उचित जवाब नहीं मिला है|
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में हाथ बांधे बिना आवश्यक कदम उठाएगी| वेबसाइट पर दवा की गुणवत्ता की जांच के बारे में विस्तृत जानकारी अपलोड की गई है| लोगों को स्वयं दवा लेने के बजाय डॉक्टर से जांच करानी चाहिए| डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही दवा लेनी चाहिए| इस संबंध में लोगों को अधिक जागरूक किया जाएगा| पैरासिटामोल समेत किसी भी दवा की जांच बैच के आधार पर की जाती है|
कुल मिलाकर यह नहीं कहा जा सकता कि सभी दवाएं खराब हैं| जांच की गई दवाओं की गुणवत्ता के आधार पर ही परिणाम घोषित किए जाते हैं| गुणवत्ता में विफल होने वाली अन्य बैच की दवाओं की भी जांच की जाएगी| राज्य सरकार के इस कदम से दवा और अन्य वस्तुओं के निर्माताओं की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी| उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नियमित निरीक्षण किए जाने से गुणवत्ता बनाए रखना आसान होगा|