मंत्री ईश्वर खंड्रे ने खतरनाक पेड़ों और शाखाओं को हटाने का दिया निर्देश

मंत्री ईश्वर खंड्रे ने खतरनाक पेड़ों और शाखाओं को हटाने का दिया निर्देश

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| हवा और बारिश के कारण गिर रहे पेड़ों और शाखाओं से जान-माल का नुकसान हो रहा है और वन, जीव विज्ञान और वानिकी मंत्री ईश्वर बी. खंड्रे ने वन अधिकारियों को खतरनाक पेड़ों की पहचान करने और मानसून के मौसम से पहले उनकी शाखाओं को काटने का निर्देश दिया है|

बेंगलूरु छावनी के पास सड़क किनारे एक पेड़ के चारों ओर रखे कंक्रीट को हटाकर वृक्ष संरक्षण कार्य के शुभारंभ पर बोलते हुए उन्होंने २९ वर्षीय अक्षय की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया, जो पेड़ की एक शाखा गिरने से घायल हो गया था| खोखले पेड़ और जो पेड़ उखाड़े नहीं गए हैं, वे बारिश और हवा का शिकार बन जाते हैं| विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कारण कंक्रीट, पत्थर की स्लैब और टाइलें हैं जो पानी को जड़ों तक पहुंचने से रोकने के लिए रखी जाती हैं| इस संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भी फैसला दिया है और सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया है| बीबीएमपी के विशेष आयुक्त ने पेड़ों के आसपास से कंक्रीट हटाने का आदेश दिया और कहा कि अब से सड़क किनारे पौधे लगाते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि एक मीटर के दायरे में मिट्टी हो|

उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग और वन विभाग के सामाजिक वानिकी प्रभाग को पहले से लगाए गए पेड़ों के आसपास कंक्रीट और डामर हटाने की कार्रवाई करनी चाहिए| वृक्ष प्राधिकरण को नियमित बैठकें करनी चाहिए, खतरनाक पेड़ों की पहचान करनी चाहिए और उनकी शाखाओं और टहनियों को हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए| विशेषज्ञों का कहना है कि आराम से सांस लेने के लिए एक व्यक्ति के पास ७ पेड़ होने चाहिए| लेकिन आज, बेंगलूरु एक कंक्रीट का जंगल बन गया है, और ७ लोगों के लिए १ पेड़ भी नहीं है| इसलिए, सभी को पेड़ों की रक्षा और संवर्धन के लिए पहल करनी चाहिए| एसिड जनरेटर की जरूरत हर किसी को होती है, लेकिन उनके घर के सामने पेड़ नहीं होना चाहिए| ऐसा कहा जाता है कि अगर इसके पत्ते गिर जाते हैं, तो यह घर के सामने कचरा बन जाता है|

उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि पेड़ों को काटने का चलन बढ़ रहा है क्योंकि यह घर की सुंदरता के लिए अच्छा नहीं है या फिर दुकानों के साइनबोर्ड दिखाई नहीं देते| बेंगलूरु शहरी जिले में करीब २०४१ एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण है| उन्होंने बताया कि इसमें से पिछले २ वर्षों में करीब ४००० करोड़ रुपये की १२८ एकड़ वन भूमि को हटाया गया है|

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