मोरल पुलिसिंग का शिकार मुस्लिम महिला ने आत्महत्या कर ली
सुसाइड नोट के आधार पर एसडीपीआई के 3 कार्यकर्ता गिरफ्तार
तिरुअनंतपुरम, 21 जून (एजेंसियां)। केरल में पीएफआई से जुड़े सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के तीन कार्यकर्ताओं को एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एसडीपीआई प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का संगठन है।
परमबाई, वेंगड ग्राम पंचायत में राजीना नामक एक 40 वर्षीय महिला ने 17 जून को आत्महत्या कर ली थी। 19 जून को राजीना के सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। कन्नूर सिटी पुलिस कमिश्नर निधीनराज ने कहा कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम खुलकर लिखे हुए मिले, उन्हें गिरफ्तार किया गया है। सुसाइड नोट में राजीना ने लिखा था कि तीनों उसे और उसके पुरुष मित्र को जिंदा नहीं छोड़ेंगे।
मामला 15 जून से शुरू हुआ जब राजीना अपने दोस्त रहीस के साथ बात कर रही थी। तभी एसडीपीआई से जुड़े लोगों का ग्रुप समूह वहां आया और मारपीट शुरू कर दी। राजीना का रहीस से मिलना उन्हें पसंद नहीं था। उन लोगों ने राजीना को वहां से जाने दिया और रहीस को उठा ले गए। उन लोगों ने रहीस को एसडीपीआई के स्थानीय कार्यालय लाकर उसे बुरी तरह पीटा।
पुलिस का कहना है कि रफनास सी के (24 वर्ष), मुबाशिर वीपी (28), और फैसल के को गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि इन सभी घटनाओं के कारण राज़ीना डर गई थी। रफनास को राजीना का रिश्तेदार भी बताया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि इसके बाद राजीना को धमकाया भी गया। और इसके साथ पुलिस का यह भी कहना है कि इस मामले की और जांच की जा रही है और साथ ही इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
यह और भी हैरान करने वाली बात है कि मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली इस प्रकार की मोरल पुलिसिंग जिनमें उन्हें उनके प्यार करने या दोस्त बनाने की पसंद को लेकर निशाना बनाया जाता है, धमकियां दी जाती हैं और अपमानजनक शब्दों से सूचित किया जाता है, मगर महिला विमर्श की बात करने वाले वर्ग के बीच एक चुप्पी रहती है। राजीना की मौत भी एक खबर बनकर ही रह जाएगी, कोई भी महिला विमर्श वाले इस बात पर बहस नहीं करेंगे कि आखिर राज़ीना की गलती क्या थी?