मैं अपनी खबरों में प्रियांक खड़गे की पूंजी को उजागर करूंगा: चलवाडी नारायणस्वामी
-यह विकास की सरकार नहीं
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी ने एक ही वाक्य में मंत्री प्रियांक खड़गे को चेतावनी दी है कि अगर मेरे बारे में बार-बार खबरें आती रहीं तो आपके पिता की राजधानी के साथ-साथ आपका इतिहास भी उजागर करना पड़ेगा| प्रियांक खड़गे मुझे बार-बार चिढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं| उन्होंने कहा है कि वह मुझे मेरा इतिहास बताएंगे| मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है|
अगर वह मुझे बार-बार चिढ़ाएंगे तो उन्हें आपके पिता के इतिहास के साथ-साथ आपका इतिहास भी उजागर करना पड़ेगा| पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, मैंने अपने परिवार को दलित संपत्ति या विशेषाधिकारों से समृद्ध नहीं किया है| मेरे घर में कोई विधायक या सांसद नहीं हैं, आप ही कारण हैं कि दलित परेशान हैं| चार दलित आपके बारे में अच्छा नहीं बोलते हैं| वे बीदर से चामराजनगर तक आपके इतिहास को जानते हैं| भाई प्रियांक खड़गे मानसिक अस्पताल से आए हैं|
उनके बारे में बिल्कुल भी बात न करें| वे शायद ही कभी परोपकारी बातें करते हैं| उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कौन पैंट पहनता है? कौन शॉर्ट्स पहनता है? बस यही बात करते हैं| वे मनरेगा मजदूरों को वेतन नहीं दे पाए हैं, वे कभी अपने विभाग के बारे में बात नहीं करते| चाहे प्रियांक खड़गे और उनका पूरा कुनबा आ जाए, आरएसएस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता| बाघ अपनी दुम हिला सकता है| लेकिन दुम बाघ को नहीं हिला सकती| नेहरू और इंदिरा संघ परिवार पर प्रतिबंध नहीं लगा पाए|
आरएसएस देशभक्तों का जमावड़ा है, हम उसके पीछे हैं| कांग्रेस पाकिस्तान और चीन के पीछे है| एक के बाद एक कांग्रेस की चालें सामने आ रही हैं| सिद्धरामैया की हड़ताल शुरू हो गई है| सिद्धरामैया को राज्य से बाहर भेजने की चाल चल दी गई है| इसी तरह, १०/१२ साल पहले खड़गे को यहां से कैसे बाहर भेजा गया था? खड़गे ने उनके लिए शेड तैयार किया था| अब वे सिद्धरामैया के लिए शेड तैयार कर रहे हैं|
बसवराज रायरेड्डी के बयान की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा अगर आपको सड़क चाहिए तो गारंटी छोड़ दीजिए| यह विकास की सरकार नहीं है, इनका इरादा लोगों को धोखा देकर वोट हासिल करना और उन्हें लूटना है| विकास और गारंटी के बीच क्या संबंध है? गारंटी ठीक से नहीं मिल रही है| वादे के मुताबिक काम नहीं हुआ है| तीन साल में चुनाव हैं| स्थिति एक साल के चुनाव के स्तर पर पहुंच गई है| वे जितना लूट सकते हैं, उतना लूट रहे हैं|