कांग्रेस पार्टी के दफ्तर नहीं जाते राहुल-प्रियंका
नेहरू भवन आने से कतराते हैं राहुल और प्रियंका
लखनऊ, 16 जुलाई (एजेंसियां)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कल कोर्ट में पेश होने के लिए लखनऊ आए, लेकिन वे पार्टी मुख्यालय नहीं गए। इसे लेकर सवाल उठता रहा है कि राहुल गांधी या प्रियंका गांधी नेहरू भवन यानि कांग्रेस कार्यालय आने से हमेशा क्यों कतराते हैं। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस की प्रदेश महासचिव प्रियंका गांधी की नेहरू भवन से कई वर्षो से दूरी बनी हुई है। यह कार्यकर्ताओं को खल रही है। इसके अलग-अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। मंगलवार को लखनऊ पहुंचे राहुल गांधी कोर्ट से ही वापस लौट गए। इससे पार्टी के तमाम नेताओं में मायूसी है।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान लखनऊ आए थे। वे कुछ पल के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (नेहरू भवन) पहुंचे। यहां मीडिया सेंटर का लोकार्पण किया और पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए नए सिरे से तैयार रहने का आह्वान किया। पार्टी के नए और पुराने नेताओं में उम्मीद जगी। लेकिन वे फिर नेहरू भवन लौट कर नहीं आए। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पदयात्रा के दौरान भी वह अमेठी, रायबरेली होते हुए लखनऊ पहुंचे, लेकिन नेहरू भवन से दूरी बनी रही। रायबरेली से सांसद बनने के बाद वह लगातार लखनऊ से होते हुए रायबरेली जाते हैं। मंगलवार को लखनऊ कोर्ट भी पहुंचे, लेकिन नेहरू भवन से दूरी बनी हुई है।
पार्टी की प्रदेश महासचिव प्रियंका गांधी की भी नेहरू भवन से दूरी है। उनकी यह दूरी तमाम नेताओं को कष्ट पहुंचा रही है। वह प्रदेश प्रभारी बनीं तो कांग्रेस में उत्साह बढ़ा। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में मौजूद रहीं। पार्टी कार्यालय से लेकर गोंडा, अयोध्या सहित विभिन्न स्थानों पर जनसभा की, लेकिन कार्यकर्ताओं का यह उत्साह माकूल चुनाव परिणाम नहीं दे पाया। आखिरकार फरवरी 2022 के बाद से वह भी नेहरू भवन को बेगाना कर दी हैं। जुलाई 2022 में लखनऊ आईं जरूर, लेकिन नेहरू भवन नहीं गईं। वह रायबरेली में कई-कई दिन रहीं। राहुल और प्रियंका गांधी का रायबरेली आवागमन वाया लखनऊ ही रहा, फिर भी प्रदेश मुख्यालय उनका इंतजार करता रह गया।
इस मुद्दे पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अलग तर्क देते हैं। राय कहते हैं कि पूरी तैयारी के साथ राहुल गांधी का कार्यक्रम लिया जाएगा और फिर उन्हें प्रदेश मुख्यलाय बुलाया जाएगा। दूसरी तरफ पार्टी से जुड़े तमाम नेताओं को मलाल है। राहुल-प्रियंका कुछ पल के लिए प्रदेश मुख्यालय में आते और पार्टी के पुराने-नए कार्यकर्ताओं से रूबरू होते तो इसके सियासी फायदे मिलने तय हैं। पार्टी के नेता खुलकर इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन कुरेदरे ही उनका दर्द सामने आ जाता है। एक वरिष्ठ नेता ने यहां तक कहा कि पार्टी के शीर्ष पद पर बैठे नेता यह नहीं चाहते कि शीर्ष नेतृत्व से अन्य पदाधिकारी रूबरू हों। इस वजह से भी कभी दोनों शीर्ष नेताओं को बुलाने की जरूरत ही नहीं समझी गई। यही वजह है कि तमाम प्रयास के बाद भी कार्यकर्ताओं में उस तरह की एनर्जी नहीं बन पा रही है, जिसकी जरूरत है।
राहुल गांधी कल जब लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, विधायक आराधना मिश्र मोना, मुकेश सिंह, अंशु अवस्थी आदि मौजूद थे। यहां से सभी पदाधिकारी, सांसद एवं पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ राहुल गांधी लखनऊ कोर्ट पहुंचे। यहां कोर्ट में पेश होने के बाद वह सीधे दिल्ली लौट गए।
#नेहरूभवन, #राहुलगांधी, #प्रियंकागांधी, #कांग्रेसअंदरूनीमंथन, #राजनीतिकरण