छांगुर के गुर्गों ने गवाहों को धमकाया
हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कराने वाले गिरोह की करतूत
इस्लामिक मूवमेंट की तैयारी कर रहा था छांगुर
बलरामपुर, 16 जुलाई (एजेंसियां)। अवैध धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के गुंडे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने एटीएस के गवाहों को जान से मारने की धमकी दी है। धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर की करतूतों के रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर इस्लामिक मूवमेंट की तैयारी कर रहा था।
अवैध धर्मांतरण व देश विरोधी गतिविधियों के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के गुंडे गवाहों को धमका रहे हैं। एटीएस की जांच में गवाही देने वाले हरजीत कश्यप एवं कुछ अन्य लोगों को जान से मारने की धमकी दी गई है। हरजीत की तहरीर पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह ने बताया कि तीनों आरोपियों की तलाश की जा रही है। हरजीत का आरोप है कि तीनों छांगुर के खास लोग हैं और उन पर बयान बदलने का दबाव बना रहे हैं, मना करने पर जान से मारने की धमकी दी है।
छांगुर नेपाल से सटे गांवों में धर्मांतरण का अड्डा स्थापित करने में जुटा था। इसके लिए उसने टीम तैयार की थी। यहीं से वह नेपाल में पैठ बनाने के प्रयास में था। इसके लिए 46 गांवों के युवाओं पर उसकी नजर थी। तकरीर के बहाने वह जलसों में परचे बांटकर यह जानने की कोशिश करता था कि सीमावर्ती युवाओं की सोच कैसी है। जिहाद के प्रति उनका नजरिया कैसा है। चिन्हित युवाओं को छांगुर धन देकर मजबूत बनाना चाहता था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सीमा पर इस्लामिक मूवमेंट के लिए करीब 10 करोड़ की रकम खर्च करने की तैयारी थी। देश विरोधी यह षड्यंत्र सफल होता उससे पहले छांगुर की असलियत सामने आ गई। यह अलग बात है कि अगस्त 2024 में छांगुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के आठ महीने तक बस जांच ही होती रही। कार्रवाई में तेजी मार्च के बाद ही आई। अप्रैल में बेटे के साथ सहयोगी नवीन रोहरा की गिरफ्तारी के बाद से छांगुर से लोग कन्नी काटने लगे थे। एटीएस अभी छांगुर से पूछताछ कर रही है। रिमांड कस्टडी में अभी दो दिन शेष है।
जांच में सामने आ रहा है कि नेपाल से सटे गांवों में धर्मांतरण का अड्डा स्थापित करने में जुटा था। इसके लिए उसने टीम तैयार की थी। यहीं से वह नेपाल में पैठ बनाने के प्रयास में था। इसके लिए 46 गांवों के युवाओं पर उसकी नजर थी। तकरीर के बहाने वह जलसों में परचे बांटकर यह जानने की कोशिश करता था कि सीमावर्ती युवाओं की सोच कैसी है। जेहाद के प्रति उनका नजरिया कैसा है।
चिन्हित युवाओं को छांगुर धन देकर मजबूत बनाना चाहता था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सीमा पर इस्लामिक मूवमेंट के लिए करीब 10 करोड़ की रकम खर्च करने की तैयारी थी। देश विरोधी यह षड्यंत्र सफल होता उससे पहले छांगुर की असलियत सामने आ गई। यह अलग बात है कि अगस्त 2024 में छांगुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के आठ महीने तक बस जांच ही होती रही। कार्रवाई में तेजी मार्च के बाद ही आई। अप्रैल में बेटे के साथ सहयोगी नवीन रोहरा की गिरफ्तारी के बाद से छांगुर से लोग कन्नी काटने लगे थे। एटीएस अभी छांगुर से पूछताछ कर रही है। रिमांड कस्टडी में अभी दो दिन शेष है।
वर्ष 2015 में छांगुर एक पुरानी बाइक से अंगूठी और नग बेचने का काम करता था। 2020 के बाद उसकी संपत्तियां बढ़नी शुरू हुईं। देखते ही देखते वह लग्जरी वाहनों से चलने लगा और 2022 तक तो उसकी ठसक इस कदर थी कि क्षेत्र के बड़े-बड़े लोग भौचक रहते थे। वाहनों के साथ ही रहन-सहन में भी परिवर्तन आया। यही नहीं, उसके करीबियों की संपत्तियां भी तेजी से बढ़ने लगीं। एटीएस ने छांगुर से जुड़े 18 लोगों को आरोपी बनाया है। सभी की संपत्तियां भी बढ़ी हैं। सूत्रों के अनुसार छांगुर के पास विदेशों से रुपए आने लगे तो उसकी चाल-ढाल भी बदली और अपने सहयोगियों पर भी वह खर्च करने लगा।
एटीएस की जांच में भी यह सामने आया कि तीन-चार वर्षों में बड़े पैमाने पर संपत्तियों में इजाफा हुआ। करीबियों की पड़ताल अभी हो रही है। एटीएस को छांगुर के 14 अन्य सहयोगियों की तलाश है, जिनसे अहम जानकारी हासिल हो सकेगी। छांगुर अपने मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी जमीनों को कब्जाने की फिराक में था। वर्ष 2022 से ही उसकी नजर विवादित और सरकारी जमीनों पर पड़ी थी। सरकारी जमीनों पर वह मजार और मदरसा खोलने की तैयारी कर रहा था। उतरौला में ही उसने दो स्थानों पर कब्जा किया था। एक पर कोठी बना ली, जिसे प्रशासन ने गिरा दिया, दूसरे की छानबीन हो रही है। एटीएस की जांच में भी सामने आया है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से छांगुर सरकारी जमीनों को हड़प रहा था। उतरौला के साथ ही वह आसपास के गांवों की सरकारी जमीनों को भी कब्जाने की तैयारी में था। ऐन वक्त पर एटीएस ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
उतरौला में छांगुर ने तहसील कर्मियों से मिलीभगत करके एक बड़े तालाब की जमीन को अपने नाम दर्ज करा लिया। इसी जमीन को 12 नवंबर 2023 को नीतू रोहरा के नाम बेच भी दिया। इस खरीद-बिक्री में एक करोड़ रुपए का भुगतान नीतू से लिया जाना भी बैनामे में दर्शाया गया। छांगुर की नजर लालगंज, रेहरामाफी, चपरहिया, बन
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