राष्ट्रीय राजमार्गों पर ईवी चार्जिंग स्टेशनों के मामले में कर्नाटक दूसरे स्थान पर
-उत्तर प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर
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बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक में ८,१९१ किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर ४८९ सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन स्थापित हैं, जिससे यह भारत में राजमार्गों पर ईवी चार्जर लगाने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है| केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा हाल ही में राज्यसभा में दिए गए जवाब के अनुसार, राष्ट्रीय रैंकिंग में कर्नाटक उत्तर प्रदेश से थोड़ा पीछे है|
सांसद डेरेक ओ’ब्रायन के एक प्रश्न के उत्तर में साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि राजमार्गों पर ५०७ ईवी चार्जिंग स्टेशनों के साथ उत्तर प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है| तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है जहाँ ४५९ चार्जिंग स्टेशन हैं, उसके बाद तमिलनाडु है जहाँ ४५६ चार्जिंग स्टेशन हैं, और राजस्थान है जहाँ राजमार्गों पर ४२४ चार्जिंग स्टेशन हैं| केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पूरे भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के १४६,३४२ किलोमीटर हिस्से पर कुल ४,५५७ सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं| ओ’ब्रायन के प्रोत्साहन संबंधी प्रश्न के उत्तर में, उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के पास वर्तमान में चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटरों (सीपीओ) के लिए कोई समर्पित प्रोत्साहन योजना नहीं है|
यद्यपि कर्नाटक राजमार्ग ईवी अवसंरचना के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत स्थिति रखता है, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा जारी पूर्व के आंकड़े शहरी ईवी अवसंरचना में राज्य की महत्वपूर्ण बढ़त को दर्शाते हैं| बीईई के अप्रैल २०२५ के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में ५,८८० सार्वजनिक ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं, जो किसी भी अन्य राज्य से अधिक है, जिनमें से ४,६२६ टियर-१ शहरों, मुख्यतः बेंगलूरु में स्थित हैं| इसकी तुलना में, महाराष्ट्र में २,४५४ स्टेशन हैं, और दिल्ली में १,९५१ हैं, ये सभी पिछले पाँच वर्षों में स्थापित किए गए हैं| राजधानी शहर के अलावा, कर्नाटक ने कम सुविधाओं वाले क्षेत्रों में ईवी अवसंरचना का विस्तार करने में प्रगति की है| राज्य के टियर-२ शहरों में अब २८५ सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं, जबकि टियर-३ शहरों में ९६९ चार्जर हैं| बीईई के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में अब देश भर में २६,३६७ सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं| कर्नाटक ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने इस तेज प्रगति का श्रेय बढ़ती ईंधन लागत, बिगड़ती शहरी वायु गुणवत्ता और सक्रिय सरकारी नीति को दिया|
एक वरिष्ठ ऊर्जा अधिकारी ने कहा कर्नाटक २०१७ में एक समर्पित ईवी नीति पेश करने वाला पहला राज्य था, जिसने आज हम जो विस्तार देख रहे हैं, उसकी नींव रखी| अधिकारी के अनुसार, नीति के शुभारंभ के समय, कर्नाटक में सालाना लगभग ११,००० ईवी पंजीकरण दर्ज किए जा रहे थे| इस वर्ष ७ मार्च को प्रस्तुत २०२५-२६ के राज्य बजट में स्वच्छ परिवहन के लिए पहल की शुरुआत की गई| बजट में बेंगलूरु क्षेत्र में एक अत्याधुनिक ईवी परीक्षण ट्रैक और एक विशेष ईवी निर्माण और अनुसंधान एवं विकास केंद्र की स्थापना की घोषणाएँ शामिल थीं| राज्य ने स्वच्छ परिवहन क्षेत्र में ५०,००० करोड़ का निवेश आकर्षित करने और एक लाख नए रोजगार सृजित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है| सार्वजनिक परिवहन के मोर्चे पर, कर्नाटक परिवहन विभाग अपनी विद्युतीकरण रणनीति के तहत १४,७५० इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना बना रहा है|
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया इन्हें पीएम ई-ड्राइव, पीएम-ई-बस सेवा और अन्य बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं जैसी योजनाओं के तहत शुरू किया जाएगा| इनमें से ९,००० बसें बेंगलूरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) के बेड़े में शामिल की जाएंगी| परिवहन विशेषज्ञ एम.एन. श्रीहरि ने कहा कि राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशनों की मौजूदगी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाती है| उन्होंने कहा राजमार्गों पर चार्जिंग विकल्पों की कमी के कारण कई लंबी दूरी के यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश करने से हिचकिचाते हैं| ज्यादातर राजमार्गों पर अभी भी पेट्रोल और डीजल पंपों का बोलबाला है|
हालाँकि, अब मुझे लगता है कि ज्यादा ईंधन स्टेशन ईवी चार्जरों को एकीकृत कर रहे हैं, जो एक सकारात्मक रुझान है|
-अगला फोकस होना चाहिए
उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि सरकार और निजी कंपनियों को अब अंतर-संचालन में सुधार, टैरिफ के मानकीकरण और उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए चार्जर की उपलब्धता पर रीयल-टाइम डेटा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए| श्रीहरि ने कहा राष्ट्रीय राजमार्गों पर और अधिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार, टियर-२ और टियर-३ शहरों के साथ-साथ आंतरिक सड़कों तक विस्तार, अगला फोकस होना चाहिए| इलेक्ट्रिक वाहनों को मुख्यधारा में लाने के लिए, चार्जिंग स्टेशनों को पेट्रोल पंपों की तरह व्यापक और आसानी से उपलब्ध होना चाहिए| तभी लोग इस बदलाव के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास महसूस करेंगे|
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