25 वर्ष पूरे हुए, आगे और परिश्रम करूंगा: मोदी
नरेंद्र मोदी ने सीएम से लेकर पीएम तक के 25 साल पूरे किए
मां ने कहा था: रिश्वत नहीं लेना, गरीबों के लिए काम करना
पीएम ने कहा: मां की सीख पर चलता रहा और चलता रहूंगा
नई दिल्ली, 07 अक्टूबर (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक की 25 सालाना यात्रा पूरी कर ली है। प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य में और भी अधिक कर्मठता से देश की सेवा करने की प्रतिज्ञा दोहराई है। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों के प्रति आभार जताते हुए कहा, मैं भारत की जनता को उनके निरंतर विश्वास और स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं। अपने प्रिय राष्ट्र की सेवा करना सर्वोच्च सम्मान है, एक ऐसा कर्तव्य जो मुझे कृतज्ञता और उद्देश्य से भर देता है। हमारे संविधान के मूल्यों को अपना निरंतर मार्गदर्शक मानते हुए, मैं आने वाले समय में विकसित भारत के हमारे सामूहिक स्वप्न को साकार करने के लिए और भी अधिक परिश्रम करूंगा।
प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालने के 11 साल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमने इन वर्षों में कई बदलाव किए और देश को सशक्त बनाया। पिछले 11 वर्षों में भारत के लोगों ने मिलकर काम किया है और कई बदलाव हासिल किए हैं। हमारे अभूतपूर्व प्रयासों ने पूरे भारत के लोगों को, विशेषकर हमारी नारी शक्ति, युवा शक्ति और मेहनती अन्नदाताओं को सशक्त बनाया है। इन 11 वर्षों में देश की 25 करोड़ आबादी गरीबी की रेखा से ऊपर आई है। भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में एक बन गया है। भारत उन देशों में शामिल है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं हैं। हमारे किसान तरह-तरह के बदलाव लाकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर बने। पीएम मोदी ने कहा, हमने व्यापक सुधार किए हैं और सभी क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की जनभावना है। यह जनभावना गर्व से कहो, यह स्वदेशी है के आह्वान में परिलक्षित होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन दिनों को याद किया जब 2013 में भाजपा नेतृत्व ने उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया। पीएम मोदी ने कहा, देश विश्वास और शासन के संकट से जूझ रहा था। तत्कालीन यूपीए सरकार भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीतिगत पंगुता के सबसे बुरे रूप का पर्याय बन चुकी थी। भारत को वैश्विक व्यवस्था में एक कमजोर कड़ी के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन, भारत की जनता की सूझबूझ ने हमारे गठबंधन को प्रचंड बहुमत दिलाया और यह भी सुनिश्चित किया कि हमारी पार्टी को तीन दशकों के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत मिले।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से लेकर 2014 में प्रधानमंत्री बनने तक के सफर की आत्मसमीक्षा की। उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त गुजरात आज कृषि क्षेत्र में अग्रणी बन गया। मैंने 2001 में आज ही के दिन पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। देशवासियों के निरंतर आशीर्वाद से मैं गुजरात राज्य से केंद्र तक सरकार के मुखिया के रूप में अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं। मेरी पार्टी ने मुझे बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उसी साल राज्य एक भीषण भूकंप से जूझ रहा था। पिछले वर्षों में एक महाचक्रवात, लगातार सूखे और राजनीतिक अस्थिरता देखी गई थी। इन चुनौतियों ने लोगों की सेवा करने और नए जोश और आशा के साथ गुजरात के पुनर्निर्माण के संकल्प को और मजबूत किया।
पीएम मोदी ने कहा, जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो मुझे याद है कि मेरी मां ने मुझसे कहा था, मुझे तुम्हारे काम की ज्यादा समझ तो नहीं है, लेकिन मैं तुमसे बस दो वायदे चाहती हूं। पहला, तुम हमेशा गरीबों के लिए काम करोगे और दूसरा, तुम कभी रिश्वत नहीं लोगे। मैंने मां को दिया वादा निभाया और जीवनपर्यंत निभाऊंगा। मैंने लोगों से यह भी कहा था कि मैं जो भी करूंगा, वह नेक इरादे से करूंगा और कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की सेवा करने के सिद्धांत से प्रेरित रहूंगा।
पीएम मोदी ने कहा, हमने मिलकर उल्लेखनीय प्रगति की है। कभी यह माना जाता था कि गुजरात अब कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा। किसानों समेत आम नागरिक बिजली और पानी की कमी की शिकायत करते थे। कृषि मंदी की चपेट में थी और औद्योगिक विकास ठप्प था। लेकिन सभी ने मिलकर गुजरात को सुशासन का केंद्र बनाने के लिए काम किया और सफल हुए। सूखाग्रस्त गुजरात, कृषि क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया। व्यापार की संस्कृति का विस्तार मजबूत औद्योगिक और विनिर्माण क्षमताओं में हुआ। नियमित कर्फ्यू अब अतीत की बात हो गई। सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिला। इन परिणामों को प्राप्त करने के लिए लोगों के साथ मिलकर काम करना बेहद संतोषजनक रहा।
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