देवबंद को शर्म आनी चाहिए

 मुत्तकी के देवबंद में स्वागत पर बिफरे जावेद अख्तर

देवबंद को शर्म आनी चाहिए

प्रधानमंत्री से कहें उन्हें भारत क्यों बुलाया: उलेमा

सहारनपुर, 14 अक्टूबर (एजेंसियां)। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के देवबंद दौरे को लेकर प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जावेद अख्तर ने कहा कि आतंकवादी समूह तालिबान का देवबंद में स्वागत किया जाना गलत था। तालीबान ने अपने देश में लड़कियों की शिक्षा पर भी पाबंदी लगा रखी है। जावेद अख्तर के वक्तव्य पर देवबंदी उलेमा ने कड़ा जवाब दिया है।

गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को हर तरह के आतंकवादियों के खिलाफ मंच पर बोलने वालों द्वारा दिए गए सम्मान और स्वागत को देखकर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है। देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने उस इस्लामिक हीरो का इतना सम्मानपूर्वक स्वागत कियाजो उन लोगों में से एक हैंजिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। जावेद अख्तर ने कहा, मेरे भारतीय भाइयों और बहनोंहमारे साथ क्या हो रहा है।

जावेद अख्तर के वक्तव्य पर मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि जावेद अख्तर का इतिहास हमेशा विवादित बयानों का रहा है। वह कभी सेकुलर बात नहीं करते हमेशा वह फसाद की बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि हुकूमत-ए-हिंद (भारत सरकार) उन्हें बुला रही हैसरकार की दावत पर वह मुल्क में आए हुए हैं और हमारे मुल्क के मेहमान हैं। दारुल उलूम एशिया का प्रसिद्ध दीनी इदारा है। अगर मुत्तकी यहां आ गए तो जावेद अख्तर को इस पर क्या आपत्ति है। यदि उन्हें कोई दिक्कत है तो वह बयान देने के बजाय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीगृह मंत्री या रक्षा मंत्री से यह सवाल करें कि उन्होंने विदेश मंत्री को क्यों बुलाया है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी यहां आने के बाद मुल्क से समझौतेकारोबारअमनइंसानियत और मोहब्बत की बात कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि इस पर किसी को एतराज होना चाहिए।

जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक एवं प्रसिद्ध आलिम मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि मेहमान का सम्मान हमारी तहजीब हैतालिबान की नीति नहीं। जावेद अख्तर का बयान हकीकत से से ज्यादा भावनाओं पर आधारित है। देवबंद ने किसी आतंकवादी प्रतिनिधि का नहींबल्कि भारत सरकार के बुलावे पर आए एक आधिकारिक मेहमान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सरजमीं हमेशा से मेहमान नवाज रही है और देवबंद उसी तहजीब की मिसाल है। हमारे बुजुर्गों ने हमें सिखाया है कि मेहमान चाहे किसी मजहबजाति या विचार से क्यों न जुड़ा होउसका सम्मान करना इंसानियत और हिंदुस्तानियत दोनों की पहचान है।

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