सऊदी अरब से और पुख्ता होगी रणनीतिक साझेदारी

क्राउन प्रिंस के आमंत्रण पर सऊदी अरब जाएंगे पीएम मोदी

सऊदी अरब से और पुख्ता होगी रणनीतिक साझेदारी

कई द्विपक्षीय महत्वपूर्ण समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 और 23 अप्रैल को सऊदी अरब जाएंगे। जेद्दा में प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से होगी और कई द्विपक्षीय मुद्दों और रणनीतिक साझेदारी पर विमर्श होगा। इस मुलाकात में रूस-यूक्रेन युद्धपश्चिम एशिया की स्थिति और कई अहम समझौतों पर बातचीत होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब की यात्रा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को विदेश मंत्रालय की एक विशेष प्रेस वार्ता में इस यात्रा की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के संबंधों के लिए बहुत अहम है। मिस्री ने कहासऊदी अरब इस्लामी दुनिया में एक प्रमुख आवाज है और वह अब क्षेत्रीय मामलों में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहाप्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच अच्छे और गर्मजोशी भरे संबंध हैं। इनकी आपसी समझ और उच्च स्तर की रणनीतिक सोच से दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सऊदी अरब के जेद्दा शहर में होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री की क्राउन प्रिंस से मुलाकात होगी। साथ हीऔपचारिक स्वागत समारोह और द्विपक्षीय वार्ता होगी। यात्रा के दौरान दोनों नेता भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

मिस्री ने बताया कि इस परिषद के दो मुख्य स्तंभ राजनीतिक और आर्थिक हैंजिन्हें दोनों देशों के मंत्री संभालते हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की तीसरे कार्यकाल में सऊदी अरब की पहली यात्रा होगी। इससे पहले वह 2016 और 2019 में वहां की यात्रा कर चुके हैं। यह यात्रा तब हो रही हैजब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सितंबर 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत का दौरा किया था। उसी समय रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक हुई थी। उन्होंने कहाइस दौरे में दोनों देशों के बीच कई समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। समझौते अंतिम मंजूरी के चरण में हैं और यात्रा के दौरान पूरी जानकारी साझा की जाएगी। उन्होंने बताया कि करीब 27 लाख भारतीय सऊदी अरब में रहते और काम करते हैं। यह भारतीय प्रवासियों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है। भारत और सऊदी अरब के बीच 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। 2010 में दोनों देशों के संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर बढ़ाया गया। तबसे दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय दौरे होते रहे हैं। साल 2024 की शुरुआत से अब तक भारत के 11 मंत्री सऊदी अरब दौरे पर जा चुके हैं। सऊदी अरब के विदेश मंत्री और खनिज मंत्री ने भी नवंबर 2024 और फरवरी 2025 में भारत का दौरा किया।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कहायह चर्चा का एक अहम क्षेत्र होने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही भारत का रुख स्पष्ट किया है कि इस मसले का हल बातचीत से निकलना चाहिए। सभी पक्षों को एक मेज पर बैठकर इसका समाधान ढूंढना चाहिए। हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि ऐसा कुछ हो रहा है। यह अच्छा है कि सऊदी अरब जैसा साझेदार फिर से इसमें शामिल है। मैं पहले ही यह नहीं कह सकता कि बातचीत की प्रकृति कैसी होगी। लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि यह मुद्दा दोनों नेताओं के बीच प्रमुख चर्चा का विषय होने जा रहा है। विक्रम मिस्री ने कहायह एक बहुत महत्वपूर्ण मौका है। हम इस यात्रा के दौरान कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत कर सकेंगे। दोनों देशों के साझा हितों से जुड़े मामलों पर विचार साझा करना जरूरी है। हूती विद्रोहियों द्वारा शिपिंग और नेविगेशन पर किए गए हमले भी चिंता का विषय हैं। भारत इन घटनाओं पर बहुत नजदीक से नजर रख रहा है। भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में बड़ा अभियान शुरू किया है। हमने पहले ही व्यापारी जहाजों और नाविकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी तरहपश्चिम एशिया की स्थिति पर भी बातचीत होगी। इस्राइल और फलस्तीन के बीच हालात भी चिंता का कारण बने हुए हैं। सऊदी अरब इस मुद्दे को सुलझाने में अहम भूमिका निभा रहा है। भारत भी इस मसले से जुड़े सभी प्रमुख पक्षों के साथ लगातार संवाद में है। इसलिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है कि हम इन मुद्दों पर सऊदी अरब जैसे अहम साझेदार के साथ बातचीत करें।

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