जिस अफसर पर उछल रहे थे, वह चुनावी ड्यूटी पर था ही नहीं

ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप का सत्य उजागर

 जिस अफसर पर उछल रहे थे, वह चुनावी ड्यूटी पर था ही नहीं

 मुंबई, 19 अप्रैल (एजेंसियां)। ईवीएम में गड़बड़ी और उससे छेड़छाड़ का लगातार आरोप लगाने वाले लोगों का सच उजागर हुआ है। एक पुलिस अधिकारी द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया गया और उस पुलिस अधिकारी से बयान भी दिलवाया गया। लेकिन जांच हुई तो सच्चाई कुछ और ही निकली। कांग्रेस टास्क फोर्स नामक सोशल मीडिया अभियान चलाने वाले अमित मयंक ने पुलिस सब इंसपेक्टर रंजीत कासले के बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि चुनावी ड्यूटी के दौरान उन्हें ईवीएम से छेड़छाड़ और वोटिंग मशीनों को स्ट्रांग रूम से हटाने के लिए 10 लाख रुपए की पेशकश की गई थी।

यह आरोप जिस पुलिस अधिकारी के जरिए लगाया गया, वह पहले ही निलंबित चल रहा था। इसके जानकारी के बावजूद चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी और एसएसपी से इस मामले को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की। जांच में पता चला कि जिस रंजीत कासले के जरिए आरोप लगाया गया वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की ड्यूटी पर था ही नहीं। रंजीत कासले के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मामला परली विधानसभा क्षेत्र का है।

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