आज से बृहत बेंगलूरु ग्रेटर बेंगलूरु बना, बीबीएमपी युग समाप्त
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| सिलिकॉन सिटी बेंगलूरु, जो पहले नगर निगम और महानगर पालिका के बाद बृहत बेंगलूरु महानगर पालिका था, गुरुवार से ग्रेटर बेंगलूरु में तब्दील हो रहा है| जी हां, बेंगलूरु, जो पहले बीबीएमपी था, को ग्रेटर बेंगलूरु में बदलने का आदेश जारी किया गया है और आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ग्रेटर बेंगलूरु प्रशासन गुरुवार से ही लागू हो जाएगा|
सरकार द्वारा जारी इस आदेश की प्रति उपलब्ध करा दी गई है| यह कहा जाता है कि कर्नाटक सरकार, ग्रेटर बेंगलूरु प्रशासन अधिनियम, २०२४ (कर्नाटक अधिनियम संख्या ३६, २०२५) की धारा १ की उप-धारा (३) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, आदेश देती है कि उक्त अधिनियम की सभी धाराएं और प्रावधान गुरुवार से लागू होंगे| राज्यपाल द्वारा अनुमोदित इस आदेश को नगरीय विकास विभाग के अवर सचिव द्वारा अधिसूचित कर दिया गया है| गुरुवार से लागू होने वाले जीबीए प्रशासन के बारे में जानकारी सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों को भेज दी गई है| बीबीएमपी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के उस आदेश पर असंतोष व्यक्त किया है, जिसके तहत अचानक बीबीएमपी को ग्रेटर बेंगलूरु में बदल दिया गया है|
उन्होंने दुख व्यक्त किया है कि चूंकि बीबीएमपी को अचानक जीबीए में बदल दिया गया और नया बेंगलूरु अधिनियम लागू कर दिया गया, इसलिए हम सभी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि गुरुवार से हमें किस कानून के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए| मुख्यमंत्री जी.बी.ए. के अध्यक्ष होंगे, जो गुरुवार से प्रभावी होगा| डीसीएम इसके उपाध्यक्ष होंगे, जबकि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तुषार गिरिनाथ, जो बीबीएमपी के प्रशासक हैं, जीबीए के मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्य करेंगे| बीबीएमपी के गठन के बाद, बीबीएमपी आयुक्त को मुख्य आयुक्त के पद पर पदोन्नत किया गया| अब चूंकि बीबीएमपी का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो रहा है, अभी यह पता नहीं है कि महेश्वर राव का क्या होगा, जिन्हें नए मुख्य आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है|
चूंकि जीबीए अस्तित्व में आ रहा है, इसलिए संभावना है कि भविष्य में बेंगलूरु को तीन निगमों में विभाजित किया जाएगा और प्रत्येक निगम के लिए एक आईएएस अधिकारी को आयुक्त नियुक्त किया जाएगा| सरकार का इरादा १२५ से १५० वार्डों वाले तीन निगम बनाने और चुनाव कराने का है| यदि इन निगमों के प्रतिनिधि निर्वाचित भी हो जाएं, तो भी उनके लिए अपने अधिकार क्षेत्र में शुरू की जाने वाली किसी भी परियोजना के लिए जीबीए की मंजूरी लेना आवश्यक होगा|