गुर्गों को ट्रेनिंग देने दुबई से आते थे ट्रेनर

लगातार खुलती जा रही हैं छांगुर गिरोह की करतूतें

गुर्गों को ट्रेनिंग देने दुबई से आते थे ट्रेनर

बलरामपुर, 15 जुलाई (एजेंसियां)। धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर की करतूतों का लगातार खुलासा होता जा रहा है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि छांगुर गिरोह के गुर्गों को ट्रेनिंग देने के लिए दुबई से ट्रेनर मौलाना बुलाए जाते थे। छांगुर के किलानुमा कोठी और मदरसों में बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती थी। छांगुर की कोठी में नीचे तहखाना मिला, जिसमें कई कक्ष बनाए गए थे। नेपाल में सक्रिय दावत-ए-इस्लामी के लोग भी यहां जुटते थे।

छांगुर ने हिंदू श्रमिकों और गरीब परिवारों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने की मुहिम का मजबूत जाल बुना था। शिजर-ए-तैयबा किताब भी इसी उद्देश्य से लिखी गई थीजिससे लोग आसानी से इस्लाम को समझ सकें और दुनिया के सबसे बड़े धर्म के रूप में मान सकें। अगली कड़ी में हिंदू देवी-देवताओं के प्रति कैसे घृणा भरी जाए और वेशभूषा कैसी होइसकी समझ को विकसित करने की तैयारी थी। मधपुर में कोठी का निर्माण वर्ष 2022 में शुरू हुआ थाअभी निर्माण पूरी तरह हो नहीं सका था। कोठी का निर्माण कराने वाले वसीउद्दीन ने बताया कि कोठी को अभी अलग नहीं कराया था। पिलर पर पूरी कोठी खड़ी की गई थीजिससे छांगुर अपने हिसाब से कमरों में बांट सके। उन्होंने बताया कि निर्माण के समय ही उन्हें आभास हो गया था कि कुछ गलत कार्य के लिए ही कोठी बनाई जा रही हैलेकिन छांगुर ने उन्हें बताया था कि वह विद्यालय खोलना चाहता था। इसके बाद कहा कि अस्पताल भी खोलेगा। इस तरह वह झूठ ही बोलता रहा। अब वह कोठी तो गिर गई हैलेकिन अब भी कुछ भाग शेष रह गया है। इस तरह छांगुर की योजना बड़ी घातक थी।

उतरौला के छांगुर की गोंडा में भी जड़ें गहरी हो गई थीं। धानेपुर क्षेत्र के रेतवागाड़ा में उसकी पैठ बताई जा रही है। एटीएस को रेतवागाड़ा के रमजान की तलाश हैजिससे छांगुर के अन्य सहयोगियों का पता चल सके। अयोध्या के करीब होने के कारण छांगुर गोंडा में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा था। इसके लिए रेतवागाड़ा के रमजान को सहयोगी बनाया था और उसके जरिए वजीरगंज व नवाबगंज तक प्रभाव जमा रहा था। एटीएस जानकारी जुटाने में लगी है। ऐसे में कभी भी एटीएस के कदम गोंडा की ओर बढ़ सकते हैं।

छांगुर को धर्म परिवर्तन कराने पर विदेशी फंड मिलने की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। छांगुर के साथ ही नीतू और नवीन के खातों में अब तक सौ करोड़ से अधिक के फंड आने की पुष्टि हो चुकी है। अन्य खातों की जांच हो रही है। इसी बीच एटीएस के हाथ कई अहम जानकारी मिली है। उतरौला क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग खाड़ी देशों में रहते हैंजिनके खातों में वेतन के रूप में रुपए आते हैंलेकिन तीन-चार लोग ऐसे हैं जो कभी विदेश नहीं गए और उनके खातों में बाहर देशों से रुपए आए हैं। छांगुर के इन करीबियों पर एटीएस की नजर है। फिलहाल एटीएस बैंक स्टेटमेंट के साथ ही अन्य साक्ष्य जुटा रही है।

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