पुलिस के प्रतिबिंब को भेद न सके साइबर अपराधी
नहीं चली ठगों की चालाकी, 250 जालसाजों का डाटा मिला
आगरा, 15 जुलाई (एजेंसियां)। साइबर अपराधियों से लोगों को बचाने के लिए आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने ऑपरेशन कोड ब्रेक शुरू किया है। प्रतिबिंब पोर्टल से 250 लोग चिह्नित किए गए हैं। सभी पर अलग-अलग प्रदेशों में साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं को अंजाम देने के आरोप हैं। अब इन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। चार केस भी दर्ज किए जा चुके हैं।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी फर्जी आधार कार्ड की मदद से सिम लेते हैं। इसके बाद कॉल करके लोगों को ठगते हैं। कभी खुद को बैंक अधिकारी बताकर रकम जमा करा लेते हैं। कभी निवेश करने पर मुनाफे का लालच देकर ठग लेते हैं। इसके अलावा लड़कियों को फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी पर ब्लैकमेल करके रुपए ऐंठ लेते हैं।
आरोपी कहीं होता है, ठगा किसी और जिले और राज्य के व्यक्ति को जाता है। इनकी शिकायत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर मिल रही है। इस पर डाटा तैयार किया जा रहा है। इसे प्रतिबिंब पोर्टल पर फीड किया जा रहा है। पोर्टल के माध्यम से साइबर अपराध करने वाले 250 आरोपी चिन्हित किए गए हैं। इनमें से मलपुरा, शाहगंज, जगदीशपुरा और ताजगंज में केस दर्ज कराए गए हैं। अब जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। इस तरह से 250 लोग पुलिस के रडार पर हैं। जिनका डाटा पुलिस को मिला है।
डीसीपी सिटी ने बताया कि देशभर में होने वाले साइबर अपराध के मामले में पुलिस प्रतिबिंब पोर्टल पर डाटा फीड करती है। इसमें मोबाइलमोबाइल नंबर, आईडी, लोकेशन, खातों सहित अन्य जानकारी होती है। इससे पता चल जाता है कि अपराध कहां से किया गया। जिन आईडी का प्रयोग किया गया, वो कौन लोग हैं। सत्यापन में आरोप की पुष्टि होने पर कार्रवाई की जा रही है। इसे आपरेशन कोड ब्रेक का नाम दिया गया है। ऑपरेशन कोड ब्रेक में डाटा का मिलान किया जाएगा। ओटीपी, यूपीआई से ठगी, म्यूल एकाउंट बनाने वालों की धरपकड़ करेगी।
डीसीपी सिटी ने बताया कि 46 लोग ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जो वियतनाम, कंबोडिया में नौकरी करके आए हैं। यह गए तो अच्छी नौकरी करने के लिए गए थे। मगर इनसे बंधुआ मजदूरी कराई गई थी। इन लोगों से डोजियर भरवाए गए हैं। इनका डाटा लखनऊ से दिल्ली भेजा जाएगा। इसके अलावा 910 लोग फर्जी सिम बेचने वाले भी इस साल चिह्नित किए गए हैं।
#CyberCrime, #PratibimbaPortal, #OperationCodeBreak, #DigitalPolice, #CyberSecurity, #PolicingTech, #UPPolice, #CyberFraud