सिखों को ईसाई बनाने का चल रहा कुचक्र, 3000 सिख धर्मांतरित

सिखों को ईसाई बनाने का चल रहा कुचक्र, 3000 सिख धर्मांतरित

पीलीभीत, 27 मई (एजेंसियां)। यूपी के पीलीभीत में धर्मांतरण का धंधा तेजी से चल रहा है। ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के अध्यक्ष हरपाल सिंह ने यह दावा किया है। पीलीभीत गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य परमजीत सिंह के मुताबिक पीलीभीत में 3 हजार सिखों को ईसाई बनाया गया है। नेपाल-भारत सीमा से लगे एक गांव में तो अब चर्च भी बन रहा है। सिख संगठन के मुताबिक यह साजिश इन इलाकों में डेमोग्राफिक बदलाव के लिए की जा रही है। संगठन का आरोप है कि नेपाल से ड्रग्स और दूसरे नशीले पदार्थ की बड़ी खेप मंगाई जाती है।

इस इलाके में नेपाल से होते हुए कुछ पादरी ईसाई धर्म के प्रचार के लिए 2002 में आए थे। 2025 तक यहां की फिजा बदल गई है। पिछले 23 साल में यहां विदेशी फंडिंग से खूब पैसा आया। लोगों को पैसों और घर का लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। नौकरी का झांसा भी दिया जाता है और बेरोजगार लोगों को फंसाया जाता है। इन घरों में दक्षिण कोरिया का कैलेंडर देखा जा सकता है। पीलीभीत में टाइगर रिजर्व के साथ घने जंगल हैं लेकिन शारदा नदी पार करते ही आराम से बेल्हा गांव पहुंच सकते हैं जो भारत का यहां अंतिम गांव है। इससे सटे भागीरथ और सिंघाड़ा गांव हैं। इन तीनों गांवों में पादरी की पैठ काफी है और लोग बड़ी संख्या में ईसाई धर्म अपना रहे हैं। यहां से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर नेपाल का कंचनपुर का रिछा टाउन है जहां काफी विशालकाय चर्च बना हुआ है।

नेपाल-भारत का ये बॉर्डर दूसरी सीमाओं से बिल्कुल अलग है। यहां कटीले तार नहीं, बल्कि पिलर बने हैं, जिस पर नंबर लिखा हुआ है। इनके बीच काफी गैप है। इससे होकर लोग आराम से आना-जाना करते हैं। दोनों ओर खड़ी फसल खेतों में लहलहा रही होती है इसके बीच से लोगों को आते जाते एसएसबी के जवान भी नहीं रोक पाते। धर्मांतरण के मामले में यूपी प्रशासन ने 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। दो लोगों को नारकोटिक्स का मामला दर्ज किया गया है।