राजीव कृष्ण बने यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी
योगी सरकार ने देर शाम को अचानक लिया फैसला
एक्सटेंशन की प्रतीक्षा ही करते रह गए प्रशांत कुमार
लखनऊ, 01 जून (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को यूपी पुलिस का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के साथ डायरेक्टर विजिलेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव कृष्ण 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए हैं। निवर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिल सका, जिसके बाद देर शाम राजीव कृष्णा को कार्यवाहक डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी है। उन्होंने शनिवार की रात करीब 9 बजे डीजीपी का कार्यभार ग्रहण कर लिया। सत्ता गलियारे में चर्चा है कि उन्हें शीघ्र डीजीपी पद पर नियमित कर दिया जाएगा।
बीते एक सप्ताह से इस बात की अटकलें जोर-शोर से चल रहीं थीं कि वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार हो सकता है। लेकिन शासन ने शनिवार की देर शाम राजीव कृष्ण को प्रदेश को नया डीजीपी बनाए जाने की घोषणा कर दी। डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी दी थी, लेकिन उसके तहत अब तक समिति का गठन नहीं किया गया। लिहाजा, डीजीपी का चयन मुख्यमंत्री अपनी मर्जी के मुताबिक करते हैं। राजीव कृष्ण की गिनती शासन के करीबी और भरोसेमंद अफसरों में होती है। राजीव कृष्णा पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष बने रहेंगे। राज्य सरकार ने उनको डीजीपी पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद द्वारा जारी आदेश के मुताबिक इसके लिए उन्हें कोई अलग वेतन या भत्ता नहीं दिया जाएगा।
मूल रूप से गौतमबुद्धनगर के निवासी राजीव कृष्णा बीटेक हैं। उन्हें दो बार राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड भी मिल चुका है। उनके रिटायर होने में अभी चार वर्ष और एक माह का समय बाकी है। यानि, वह लंबे समय तक प्रदेश के डीजीपी बने रह सकते हैं। प्रदेश में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद प्रदेश सरकार ने राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराई। इससे प्रसन्न होकर राज्य सरकार ने उन्हें प्रदेश पुलिस का मुखिया बनाने का फैसला लिया। राजीव कृष्णा लखनऊ समेत कई जिलों के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह लखनऊ के एडीजी जोन भी रहे हैं। उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी हैं और लखनऊ स्थित आयकर विभाग के मुख्यालय में तैनात हैं। राजीव कृष्णा सरोजनीनगर के भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह के बहनोई हैं। राजेश्वर सिंह पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में संयुक्त निदेशक थे, लेकिन नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए।
प्रशांत कुमार को मिल सकता है कोई अहम पद
लखनऊ, 01 जून (एजेंसियां)। प्रशांत कुमार यूपी के डीजीपी पद से रिटायर हो गए हैं। उनके सेवा विस्तार की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन आखिरी समय में राजीव कृष्णा को डीजीपी बना दिया गया। अब चर्चा है कि प्रशांत कुमार को कोई अहम पद मिल सकता है।
डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए प्रशांत कुमार का 14 माह का कार्यकाल माफिया व अपराधियों को धूल चटाने वाला रहा। उन्होंने महाकुंभ, राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह समेत कई बड़े आयोजनों में पुलिस के आतिथ्य सत्कार की नई मिसाल पेश कर धाक भी जमाई। भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में मेरठ जोन का एडीजी रहने के दौरान उन्होंने पश्चिमी यूपी के तमाम कुख्यात अपराधियों का सफाया कराया, जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था बना दिया। उन्होंने मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया और उनके गैंग के सदस्यों की कमर तोड़ी, तो सीएम ने उनको 31 जनवरी 2024 को डीजीपी बना दिया। शनिवार को सेवानिवृत्त होने पर उन्होंने कई पूर्व डीजीपी की परंपरा का पालन किया और रैतिक परेड जैसी औपचारिकताओं से दूर रहे। सीएम के भरोसेमंद अफसर होने की वजह से उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा है।