सोने की तस्करी में ईडी ने मंत्री के कई ठिकाने खंगाले
बुरे फंसे कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर
बेंगलुरु, 22 मई (एजेंसियां)। अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े सोना तस्करी के मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर भी फंसते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने लगातार दूसरे दिन उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की है। आरोप है कि गृह मंत्री राव खातों से कथित तौर पर फर्जी वित्तीय लेनदेन किए गए थे। इसी मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।
कुछ माह पहले ही सोना तस्करी के मामले में रान्या राव समेत कई आरोपियों के खिलाफ सीबीआई और डीआरआई की शिकायत पर पीएमएलए एक्ट के तहत ईडी ने केस दर्ज किया था। इसी मामले में एक दिन पहले गृहमंत्री राव के शैक्षणिक संस्थानों समेत कुल मिलाकर 16 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। हावाला ऑपरेटरों को ध्यान में रखते हुए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। ईडी का कहना है कि जी परमेश्वर राव के शैक्षणिक ट्रस्ट पर राव के क्रेडिट कार्ड का 40 लाख रुपए के बिल के भुगतान का आरोप है। दावा किया जा रहा है ये उसने किसी प्रभावशाली व्यक्ति के कहने पर किया है। खास बात ये है कि एजेंसी को इसके भुगतान के लिए वेरिफिकेशन के लिए कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर प्रवर्तन निदेशालय के ठिकानों पर ईडी ने छापा मार कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। एक दिन पहले ही गृहमंत्री से जुड़े शिक्षण संस्थानों पर ईडी की टीम पहुंची थी। ईडी ने बुधवार और गुरुवार को जी परमेश्वर से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों सहित कर्नाटक में कई स्थानों पर छापेमारी की। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत राज्य में 16 स्थानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी हवाला ऑपरेटर और अन्य ऑपरेटर को निशाना बनाकर की गई, जिन्होंने राव के खातों में कथित तौर पर फर्जी वित्तीय लेनदेन किए थे। जांच एजेंसी ने कुछ महीने पहले राव के मामले सहित भारत में बड़े सोना तस्करी रैकेट के संबंध में सीबीआई और राजस्व खुफिया निदेशालय की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पीएमएलए मामला दर्ज किया था।
ईडी को एक शैक्षणिक ट्रस्ट पर संदेह है कि उसने कथित तौर पर एक प्रभावशाली व्यक्ति के निर्देश पर राव के क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 40 रुपए का भुगतान किया है। सूत्रों ने दावा किया है कि ट्र्स्ट परमेश्वर से जुड़ा है और प्रभावशाली व्यक्ति राजनीतिक शख्सियत है। उन्होंने बताया कि तलाशी में पाया गया है कि इस भुगतान (क्रेडिट कार्ड बिल) को सत्यापित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि राव को दुबई से आने के बाद 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए, डीआरआई अधिकारियों ने उसे हिरासत में लिया और उसके पास से 14.2 किलोग्राम वजनी सोने की छड़ें जब्त कीं, जिनकी कीमत 12.56 करोड़ रुपए से अधिक है। राव और सह-आरोपी तरुण कोंडारू राजू को मंगलवार को सोना तस्करी मामले में बेंगलुरु की आर्थिक अपराध अदालत ने जमानत दे दी। डीआरआई द्वारा निर्धारित समय में आरोप पत्र दाखिल न करने के बाद अदालत ने उनकी डिफॉल्ट जमानत याचिका को मंज़ूरी दे दी। हालांकि, राव अब भी सलाखों के पीछे ही रहेंगे।
प्राधिकारियों ने उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण व तस्करी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम-1974 (कॉफेपोसा) के तहत एक अलग मामला दर्ज किया है। यह एक निवारक निरोध कानून है, जो तस्करी से निपटने और विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए बनाया गया है। कोफेपोसा के तहत, ऐसी गतिविधियों में संलिप्तता के संदेह के आधार पर किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए एक वर्ष तक हिरासत में रखा जा सकता है।